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Dussehra 2022 : रावण दहन के साथ आज इन दस बुराइयों को समाज से दूर करने का लें संकल्प

Moradabad Dussehra News दशहरा बुराई पर अच्छाई की विजय का प्रतीक है। रावण का पुतला दहन कर हम अपने अंदर की बुराई को त्यागने का संकल्प लेते हैं। इस दिन श्रीराम ने रावण का वध कर उसके अत्याचारों से पृथ्वी को मुक्ति दिलाई थी।

By Tarun ParasharEdited By: Samanvay PandeyUpdated: Wed, 05 Oct 2022 09:32 AM (IST)
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Moradabad Dussehra News : हमें अपने अंदर के राम को जगाना होगा।

जागरण संवाददाता, मुरादाबाद। Moradabad Dussehra News : दशहरा बुराई पर अच्छाई की विजय का प्रतीक है। रावण का पुतला दहन कर हम अपने अंदर की बुराई को त्यागने का संकल्प लेते हैं। इस दिन श्रीराम ने रावण का वध कर उसके अत्याचारों से पृथ्वी को मुक्ति दिलाई थी। तभी से यह हर साल दशहरा पर रावण को बुराई के अंत के रूप में जलाया जाता है।

हर व्यक्ति में है राम और रावण

बुराइयां फिर भी समाज में फैली हुई हैं। प्रशासन की अनदेखी के कारण लोगों की समस्याओं का निराकरण नहीं हो पाता है। हर व्यक्ति के अंदर राम और रावण दोनों हैं। अगर हम अपने अंदर की कमजोरियों को दूर कर लें और समाज के प्रति अपने कर्तव्यों का निर्वहन करें तो राम बन जाएंगे, बुराईयों को अपने ऊपर हावी न होने दें तो रावण।

अपने अंदर के राम को जगाना होगा

इस सभी बुराइयों का अंत कराने के लिए हम सभी को अपने अंदर के राम को जगाना होगा। दशहरा पर हम दस समस्याओं के साथ ही दस ऐसे लोगों के बारे में बताएंगे जो अपने कार्याें से समाज का दिशा दिखाने का कार्य करते हैं।

समाज की दस प्रमुख बुराइयां

  • नशाखोरी
  • अफवाह 
  • जलभराव
  • जाम 
  • प्रदूषण
  • जर्जर सड़क
  • भिक्षावृत्ति
  • भ्रूण हत्या
  • बाल विवाह
  • महिला उत्पीड़न

नशाखोरी समाज के लिए अभिशाप

नशाखोरी समाज की सबसे बड़ी बुराई के रूप में व्याप्त है। हर तीसरा परिवार इससे पीड़ित है। नशाखोरी, धूमपान, शराब के तल के चलते हर साल हजारों परिवारों के मुखिया असमय मृत्यु होती है और परिवार बिखर जाते हैं। इन परिवार के बच्चों की पढ़ाई पूरी नहीं हो पाती। नशे के जाल में फंसे लोग अपराध की दुनिया में कदम रखते हैं और समाज के ताने-बाने को ध्वस्त कर व्यवस्था को चुनौती देते हैं। इस दशहरा नशा छोड़ने और किसी एक व्यक्ति को इस बुराई छुड़वाने का संकल्प लें।

अफवाह से बिगड़ती है कानून व्यवस्था

प्रदेश में कानून व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए सरकार अनेक कदम उठा रही है। अपराधियों के साथ ही अफवाह पूरी व्यवस्था को चरमराने का कार्य करती है। इन दिनों बच्चा चोरी की अफवाह तेजी से फैल रही है। इससे समाज में डर का माहौल बनता है। पुलिस दूसरे अपराधों को नियंत्रित करने के बजाय इन अफवाहों पर काम करने लगती है, इससे अपराधियों काे अवसर मिलता है। ऐसे में सभी जिम्मेदार नागरिक बने और सोशल पुलिसिंग कर अपने आस-पास के बच्चों पर निगरानी करें और अफवाह को आगे फैलने में से रोकने में सहयेाग करें।

जलभराव समाज को करता है बीमार 

नगर निगम, नगर पालिका अन्य स्थानीय निकाय व पंचायतों की लापरवाही के कारण जलभराव जैसी समस्या का समाधान नहीं हो पा रहा है। थोड़ी सी बारिश में महानगर जलमग्न हो जाता है। इससे संचारी रोगों के फैलने की संभावना रहती है। इससे हर साल हजारों लोगों की जान चली जाती है। वहीं, लोग अपनी जिम्मेदारी भी नहीं निभाते हैं। कूड़ा इधर-उधर फेंकने के साथ ही पालीथिन आदि नाली-नालों में फेंक देते हैं। इससे जलभराव की समस्या बढ़ती है।

जर्जर सड़कें खत्म कर रहीं परिवार

गड्ढाें वाली सड़कों पर चलना मुश्किल है। प्रमुख सड़कों को छोड़ दिया जाए तो अंदर की सड़कों के गड्ढे कभी भर ही नहीं पाते। भ्रष्टाचार के चलते सड़के बनने के कुछ समय बाद ही उखड़ने लगती हैं। यही नहीं हम अपने स्वार्थ के लिए भी सड़कें और डिवाइडर तोड़ देते हैं। हमारी ये आदत हादसों को दावत देती है और यही हादसे किसी न किसी परिवार को समाप्त करने का कारण बनते हैं।

जाम शहर के लिए नासूर 

महानगर में जाम नासूर बन चुका है। इसके लिए जितना प्रशासन जिम्मेदार है उससे कहीं ज्यादा हम और आप हैं। बाजार में हम अपनी दुकान को आगे बढ़ाकर अतिक्रमण करके फुटपाथ खत्म कर रहे हैं। सड़कों की चौड़ाई कम कर रहे हैं। वाहनों को उल्टी सीधी जगह पार्क करके जाम लगा रहे हैं। अपनी इन आदतों को छोड़कर हम शहर को जाम से मुक्त कर सकते हैं।

प्रदूषण नियंत्रण में सहयोग का लें संकल्प

पीतलनगरी के नाम पर प्रदूषण एक बदनुमा दाग सो कम नहीं है। प्रदूषण के चलते मुरादाबाद हर साल सुर्खियों में रहता है। दिसंबर और जनवरी में मुरादाबाद हवा के गुणवत्ता सूचकांक में टाप टेन प्रदूषित शहरों में शामिल रहता है। प्रदूषण के चलते कैंसर सहित अनेक गंभीर बीमारियों लोगों को अपना शिकार बनाती हैं। एक सर्वे के अनुसार मुरादाबाद में कैंसर रोगियों की संख्या 15 हजार के पार हो चुकी है। प्रदूषण नियंत्रण में सभी को अपना सहयोग देना होगा।

भिक्षावृत्ति समाज के लिए अभिशाप

भिक्षावृत्ति किसी सभ्य समाज के अभिशाप से कम नहीं है। एक ओर गगनचुंबी इमारतें बन रही हैं तो दूसरी ओर सड़क किनारे भीख मांगते बच्चे और महिलाएं विचलित करते हैं। प्रशासन और समाजसेवियों को इसमें विशेष भूमिका निभानी होगी। भिक्षावृत्ति में लिप्त परिवार के पुनर्वास की व्यवस्था हो, उनको रोजगार से जोड़ा जाए तो यह बदनुमा तस्वीर सुंदर चित्र में तब्दील हो सकती है।

भ्रूण हत्या को रोकना होगा

आज जब बेटियां हर क्षेत्र में अपना नाम कमा रही हैं। बेटों से आगे बढ़कर परिवार का नाम रोशन कर रही हैं और बेटा-बेटी के बीच का फर्क मिटा रही हों, तब भी भ्रूण हत्या का न रुकना समाज की मानसिकता को दर्शाता है। भ्रूण हत्या करने वाले राक्षसों का अंत बेहद जरूरी है। इसमें समाज के हर वर्ग को अपनी जिम्मेदारी निभानी होगी। अपने आस पास जब भी कोई इस प्रकार की हरकत की जानकारी तो पुलिस और संबंधित विभागों का अवश्य सूचना दें।

बाल विवाह को पूरी तरह से खत्म करें

कहने को तो बाल विवाह प्रथा अब अंतिम सांसें ले रही है पर यह पूरी तरह से समाप्त नहीं हुई है। बाल विवाह के मामले पूरी तरह से रुक नहीं रहे हैं। इस साल मुरादाबाद में दस से अधिक शिकायतों पर बाल कल्याण समिति और प्रोबेशन विभाग ने बाल विवाह रुकवाए हैं। इससे सहज अनुमान लगाया जा सकता है कि न जाने कितने बाल विवाह हर साल होते हैं। स्थानीय लाेगों और विभागों की सक्रियता से कुछ बच्चियों का जीवन नरक होने से बच गया।

महिला को सम्मान दें

महिलाओं की सुरक्षा और सम्मानपूर्वक जीवन यापन के लिए सरकार ने अनेक कानून बनाने के साथ कई योजनाएं चलाई हैं। कठोर कानून होने और उसमें हर साल हजारों लोगों को सजा होने के बावजूद महिला उत्पीड़न की घटनाओं पर अंकुश नहीं लग पा रहा है। इसके लिए समाज में बदलाव लगाने की आवश्यकता है। हर घर में महिलाओं को सम्मान करने की सीख देनी होगी। नहीं हो हर साल दर्ज होने वाले हजारों केस का सिलसिला ऐसे ही चलता रहेगा।

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