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आटा-दाल की कीमतों के बीच खाद्य तेल की कीमत भी हाथ से फिसली, 10 दिन में हुआ 30 रुपये महंगा

Edible Oil Prices Hike पहले ही सब्जी मसाले आटा हर चीज महंगी है। अब घरेलू बाजार में खाद्य तेल की कीमतों में दस रुपये लेकर 30 रुपये प्रति लीटर तक की वृद्धि हुई है। इसका असर आम आदमी पर पड़ेगा। वहीं दीपावली के आसपास महंगाई से निजात मिल सकती है क्योंकि नेपाल बांग्लादेश और श्रीलंका से तेल भारतीय बाजार में आ जाएगा।

By Dushyant Kumar Edited By: Nirmala Bohra Updated: Thu, 19 Sep 2024 03:41 PM (IST)
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Edible Oil Prices Hike: बाजार में खाद्य तेल हुए 30 रुपये लीटर तक महंगे. Concept Photo
जागरण संवाददाता, मुरादाबाद। Edible Oil Prices Hike: आटा-दाल की बढ़ती कीमतों के बीच तेल की कीमत भी हाथ से फिसलती दिख रही है।

घरेलू बाजार में खाद्य तेल की कीमतों में दस रुपये लेकर 30 रुपये प्रति लीटर तक की वृद्धि हुई है। इसका कारण केंद्र सरकार द्वारा रिफाइंड पर सीमा शुल्क 12.5 प्रतिशत से बढ़ाकर 32.5 करना है। इसका असर खाद्य तेलों पर पड़ा है। सूरजमुखी, पाम, सोयाबीन पर 10 से 15 रुपये प्रति लीटर तक उछाल आया है।

गृहिणियां चिंतित

त्योहारी सीजन में 20 रुपये प्रति लीटर या उससे अधिक बढ़ोतरी की संभावना है। इसका असर आम आदमी पर पड़ेगा। गृहिणियां चिंतित हैं और बढ़ती दर कम कराने की मांग कर रही है। मुरादाबाद के कटरा थोक बाजार व नगर की गली मोहल्ले परचून, किराना की दुकान पर रिफाइंड व अन्य खाद्य तेलों पर 10 से 15 रुपये प्रति लीटर तक बढ़ा दिए हैं।

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खाद्य तेल से जुड़े कारोबारियों के मुताबिक, सरकार ने पाम आयल, सोयाबीन व सूरजमुखी सीमा शुल्क बढ़ा दिया हैं। 5.5 प्रतिशत से 27.5 प्रतिशत, रिफाइंड पर 13.5 से 35.75 प्रतिशत की बढ़ोतरी की है, जिससे बाजार में तेलों के दाम में तेजी आई है।

जब तक बाजार में मित्र देश यानी जहां से सरकार का खाद्य तेलों पर समझौता है, वहां से खाद्य तेल नहीं आएगा, महंगाई बनी रहेगी। जिन दुकानदारों के पास पुराना स्टाक है, वह इसका लाभ उठाने से नहीं चूकेंगे।

  • खाद्य तेल -दस दिन -पहले अब
  • रिफाइंड -103 -118
  • सोयाबीन -110- 120
  • सरसों -140 -170
  • सूरजमुखी -115- 125
  • पाम आयल- 100 -110
नोट: तेल के दाम रुपये प्रति लीटर में है।

त्योहारी सीजन में मिल सकती राहत

थोक कारोबारियों ने बताया कि दीपावली के आसपास महंगाई से निजात मिल सकती है, क्योंकि नेपाल, बांग्लादेश और श्रीलंका से तेल भारतीय बाजार में आ जाएगा। इसका कारण है कि इन देशों में तेल पर कोई ड्यूटी नहीं लगती।

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इन देशों से दीपावली के बाद बाजार में तेल आने की उम्मीद है, जिससे भाव कम हो सकते हैं। जिन देशों से भारत का करार यानी समझौता नहीं है, वहां से तेल आने पर दाम में बढ़ोतरी का असर हो रहा है।

तेलों में दाम ऊपर से ही बढ़े हैं। इस कारण स्थानीय स्तर पर भी तेलों के दाम में बढ़ोतरी करनी पड़ी है। सूरजमुखी, सोयाबीन के तेल के दाम 10 रुपये लीटर तक बढे़ हैं। - प्रेम चंद ठाकुर, दुकानदार।

तेल के दामों पर बढ़ोतरी पर सरकार फैसला ले। टैक्स कम करे, तो दाम भी घट जाएगी। ऊपर से दाम बढ़ने पर हमें मजबूरी में दाम बढ़ाने पड़ते हैं। कई बार ग्राहक भी नाराज हो जाते हैं। - अंश कश्यप, दुकानदार।

पहले ही सब्जी, मसाले, आटा हर चीज महंगी है। अब रिफाइंड और खाद्य तेलों के दाम भी बढ़ गए हैं। इससे पर का बजट बिगडे़गा। - अर्चना सिंह, गृहिणी, बुद्धि विहार।

खाद्य पदार्थों पर सरकार द्वारा लिए निर्णयों का सीधा असर आम आदमी की जेब पर पड़ता है। तेलों के दाम बढ़ने पर व्यापारियों को कोई असर नहीं होगा, आम आदमी से ही वसूली होगी। - भगवती देवी, गृहिणी, मोहम्मदपुर ध्यान सिंह।

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