Move to Jagran APP
5/5शेष फ्री लेख

पहाड़ों पर हो रही बारिश से उफान पर रामगंगा; खतरे के निशान से महज 86 सेंटीमीटर नीचे, बाढ़ का अलर्ट जारी

रामगंगा का जलस्तर बढ़ने के बाद प्रशासन ने बाढ़ चौकियां अलर्ट की गई है। कर्मचारी भी तैनात कर दिए गए हैं। सभी अपने क्षेत्रों में निगरानी बनाए हुए हैं तथा लोगों को रामगंगा की धार से दूर रहने की सलाह दे रहे हैं। रामगंगा आबादी के निकट घरों तक पानी पहुंच गई है। आसपास की फसलें जलमग्न हो गई है।

By Jagran News Edited By: Abhishek Saxena Updated: Tue, 09 Jul 2024 08:31 AM (IST)
Hero Image
रामगंगा का जलस्तर बढ़ने से टापू डूबा, ड्रोन से ली घरों के नजदीक आते पानी की तस्वीरl सुनील यादव

जागरण संवाददाता, मुरादाबाद। रामगंगा में जलस्तर तेजी के साथ बढ़ा है। सोमवार को जलस्तर खतरे के निशान से 86 सेंटीमीटर नीचे पहुंच गया। बाढ़ काे लेकर अलर्ट कर दिया गया है। पुलिस ने आसपास के क्षेत्रों में अनाउंसमेंट कराकर लोगों को रामगंगा के बहाव से दूर रहने की सलाह दी है।

रविवार को रामगंगा का जलस्तर घटकर 188.40 मीटर रह गया था। रात के समय रामगंगा का जलस्तर बढ़ना शुरू हो गया। सोमवार की शाम चार बजे रामगंगा में 189.74 मीटर पानी दर्ज किया गया है। खतरे का निशान 190.60 मीटर पर है। खतरे के निशान से रामगंगा मात्र 86 सेंटीमीटर दूर रह गई है। पिछले दो दिनों से लगातार रामगंगा का जलस्तर घट रहा था। एक दिन में ही अचानक 1.14 मीटर जलस्तर बढ़ गया है।

प्रशासन ने घाेषित किया अलर्ट

रामगंगा का पानी मुरादाबाद में दसवां घाट, जिगर कॉलोनी, बगला गांव में आबादी के निकट घरों तक पहुंच गया है। बढ़े जलस्तर को देखते हुए प्रशासन ने अलर्ट घोषित कर दिया है। पुलिस ने दसवां घाट, बगला गांव आदि क्षेत्रों में अनाउंसमेंट कराया है। लोगों से अपील की है कि रामगंगा की ओर न जाए। किसी भी हाल में नाव आदि से भी रामगंगा को पार करने प्रयास न करें। रामगंगा का जलस्तर अभी ओर भी बढ़ सकता है। लोगों से खेतों से दूर रहने की सलाह दी गई है। 

रामगंगा नदी का जलस्तर बढ़कर फसलों को उजाड़कर जैतवाड़ा संपर्क मार्ग पर पहुंचा, बहते पानी को दिखाते किसान।

ये भी पढ़ेंः Monsoon 2024: पूर्वी यूपी के 11 जिलों में घनघाेर बारिश की चेतावनी, गरज-चमक के साथ वज्रपात का भी अलर्ट

फसलें जलमग्न, कही दो फीट, तो कही चार फीट तक पानी जमा

रामगंगा के किनारे तक लोगों ने फसल उगा रखी है। इस क्षेत्र में अधिकांश गन्ना अथवा धान की फसल करते हैं। कुछ लोग चारे की भी बुआई करते हैं। अचानक पानी बढ़ने से आसपास के खेतों में दो फीट से लेकर चार फीट तक पानी जमा हो गया है। बढ़ते पानी के स्तर को देखकर किसान चिंतित हैं। पिछले जलस्तर में बढोतरी से आसपास की फसलों में पानी भर गया है। अब फिर से दोबारा फसल जलमग्न हो गई है।

ये भी पढ़ेंः Yamuna Expressway: टोल टैक्स बढ़ा-सुविधाएं नहीं, खतरों से भरा है यमुना एक्सप्रेस-वे का सफर; पड़ताल में मिलीं ये कमियां

रविवार तक रामगंगा में पानी घट रहा था। रात में तेजी के साथ पानी बढ़ गया है। खतरे के निशान से 86 सेंटीमीटर दूर हैं। बाढ़ की संभावना है। -राजेश गंगवार, एक्सईएन बाढ़ खंड, मुरादाबाद

आपके शहर की तथ्यपूर्ण खबरें अब आपके मोबाइल पर