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फर्जीवाड़े से यूपी के चार लोग बेंगलुरू में बन गए मास्टर, फर्जी निकली CCSU की डिग्री; इस तरह खुली पोल

मुरादाबाद के मझोला थाने ने नर्सिंग डिग्री का सत्यापन चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय से कराया जो फर्जी मिली। सीसीएसयू पहुंची मुरादाबाद पुलिस ने 20 जनवरी को थाने में मुकदमा कराया था। वहीं बेंगलुरू में नौकरी कर रहे चार लोगों के कागजात लेकर सीसीएसयू कैंपस पहुंची टीम को प्राथमिक जांच के बाद बताया कि इस चारों के कागजात फर्जी हैं ।

By Tarun Parashar Edited By: Aysha SheikhUpdated: Fri, 09 Feb 2024 12:08 PM (IST)
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फर्जीवाड़े से यूपी के चार लोग बेंगलुरू में बन गए मास्टर, फर्जी निकली CCSU की डिग्री; इस तरह खुली पोल
जागरण संवाददाता, मेरठ/ मुरादाबाद। फर्जी कागजातों पर स्कूलों एवं कालेजों में नौकरी हड़पने वालों की कलई खुलती जा रही है। चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय के नाम की फर्जी मार्कशीट व डिग्री पर बेंगलुरू में चार लोग असिस्टेंट प्रोफेसर बनकर नौकरी कर रहे थे।

इन्होंने सीसीएसयू के नाम की फर्जी सत्यापन रिपोर्ट भी जमा कराई थी, जिसमें मार्कशीट व डिग्री को सही प्रमाणित कर दिया गया था। कर्नाटक सरकार के अंतर्गत संचालित डिपार्टमेंट आफ कालेजिएट एंड टेक्निकल एजुकेशनल बेंगलुरू की विजिलेंस टीम ने सीसीएसयू पहुंचकर भ्रष्टाचार से पर्दा उठाया।

असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर नियुक्त हुए नगन गौड़ा, देवेंद्र बाबू और सचिन कुमार ने सीसीएसयू से डिप्लोमा इन लाइब्रेरी एंड इन्फार्मेशन साइंस की डिग्री और मार्कशीट जमा करा रखी थी। वहीं, ज्योतिश्री नामक अभ्यर्थी ने वर्ष 2019 की राजनीति विज्ञान से पीएचडी की उपाधि लगाई थी।

चारों के कागजात निकले फर्जी

चारों के कागजात लेकर बेंगलुरू से सीसीएसयू कैंपस पहुंची टीम को प्राथमिक जांच के बाद बताया कि इस चारों के कागजात फर्जी हैं। 27 सितंबर 2022 को चारों ने फर्जी सत्यापन रिपोर्ट भी भिजवा दी। मुहर की नकल की गई है और हस्ताक्षर अज्ञात व्यक्तियों के हैं।

मुरादाबाद से आई नर्सिंग की नौ डिग्री फर्जी

मुरादाबाद के मझोला थाने ने नर्सिंग डिग्री का सत्यापन चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय से कराया, जो फर्जी मिली। सीसीएसयू पहुंची मुरादाबाद पुलिस ने 20 जनवरी को थाने में मुकदमा कराया था। गागन क्षेत्र में श्री साईं हेल्थ केयर नाम से क्लीनिक चलाने वाले ने आरोप लगाया है कि डी फार्मा नर्सिंग पाठ्यक्रम में प्रवेश कराने के नाम पर एसकेएस ग्रुप आफ इंस्टीट्यूशंस का विज्ञापन देख जितेंद्र पाल सिंह पुत्र नेमचंद से संपर्क किया था।

11 छात्रों के प्रवेश के लिए 4.5 लाख रुपये आनलाइन व डेढ़ लाख रुपये नगद दिए थे। पीड़ित का आरोप है कि उसने जितेंद्र सिंह व संस्थान में अन्य के कागजातों की जांच कराई तो वह फर्जी मिले। मझोला थाना पुलिस ने बताया कि फर्जी मिली नौ डिग्री सीसीएसयू से संबद्ध केएमसी कालेज आफ नर्सिंग मेरठ और नाइटिंगल नर्सिंग इंस्टीट्यूट नोएडा के नाम पर जारी की गई थीं, जो पोस्ट बेसिक बीएससी नर्सिंग की हैं। यह डिग्री जहांगीर आलम, भगवान दास, ओमवीर सिंह, प्रमोद सैनी, शबनम परवीन, अजय सिंह, सत्य पाल, कुलदीप और राजीव कुमार के नाम पर जारी हुई हैं।

ये था मामला

मझोला थाना क्षेत्र के नया गांव आंबेडकरनगर लाकड़ी फाजलपुर निवासी अजय कुमार ने प्राथमिकी दर्ज हुई है। अजय का आरोप है कि बरेली के इज्जतनगर थाना क्षेत्र के रामनगर कालोनी रोड नंबर एक निवासी जितेंद्र पाल सिंह गागन पर साईं हेल्थ केयर के नाम से क्लीनिक चलाता है।

सितंबर 2022 में उन्होंने एसकेएस ग्रुप आफ इंस्टीट्यूट का विज्ञापन निकला था। इसके बाद डीफार्मा का कोर्स करने के लिए छह लाख रुपये में न्यूनतम पेपर पर 11 छात्र-छात्राओं का दाखिला करा दिया। आरोपित को चार लाख 50 हजार रुपये गूगल पे दिए गए।

इसके बाद जितेंद्र पाल सिंह ने मुरादाबाद आकर डेढ़ लाख रुपये नकद दिए गए। इसके बाद बिना परीक्षा कराए उसने प्रमाणपत्र भी दे दिए, जिसे यूनिवर्सिटी में जाकर चेक कराया तो पता चला कि सभी प्रमाण पत्र फर्जी निकले।

सीओ सिविल लाइंस मुरादाबाद अर्पित कपूर ने बताया कि प्राथमिकी दर्ज करने के बाद सभी प्रमाणपत्रों को सत्यापन के लिए मेरठ चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय भिजवाया गया था। जांच में सभी दस्तावेज फर्जी निकले। जिन लोगों ने सांठगांठ करके फर्जी प्रमाण पत्र तैयार किए थे, मुकदमे में उनके नाम भी शामिल किए जाएंगे।

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