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फर्जीवाड़ा कर पत्‍नी को द‍िलाई पुलिस की नौकरी, अनबन होने पर कर दी श‍िकायत, आरोप‍ित पुलिस कर्मी न‍िलंब‍ित

पुलिस विभाग में फर्जीवाड़े के मामले लगातार सामने आ रहे हैं। पहले वर्दी पहनकर पांच साल तक ड्यूटी करने का मामला सामने आया था अब शैक्षिक प्रपत्रों में फर्जीवाड़ा करके सिपाही के पद पर तैनाती का मामला पकड़ में आया है।

By Narendra KumarEdited By: Updated: Sat, 17 Jul 2021 02:26 PM (IST)
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जन्मतिथि में परिवर्तन के लिए दो बार नाम बदलकर दी हाईस्कूल की परीक्षा।
मुरादाबाद, जागरण संवाददाता। पुलिस विभाग में फर्जीवाड़े के मामले लगातार सामने आ रहे हैं। पहले वर्दी पहनकर पांच साल तक ड्यूटी करने का मामला सामने आया था, अब शैक्षिक प्रपत्रों में फर्जीवाड़ा करके सिपाही के पद पर तैनाती का मामला पकड़ में आया है। इस मामले में पति ने सिपाही के पद पर तैनात पत्नी की शिकायत की है। आरोप लगाए है कि सिपाही बनने के लिए पत्नी ने हाईस्कूल की परीक्षा नाम बदलकर दोबारा दी। वहीं इस दौरान जन्मतिथि में भी दो साल कम कर दिए। शिकायत मिलने के बाद एसएसपी ने सीओ कोतवाली को जांच के आदेश दिए थे। करीब नौ माह तक चली जांच के बाद आरोपित सिपाही को निलंबित करने के साथ ही मुकदमा दर्ज कराने की कार्रवाई की गई।

सिविल लाइंस के महिला थाने में सरोज यादव महिला कांस्टेबल के पद पर तैनात हैं। वह हरदोई जनपद के गांव चंपापुर शुक्लापुर थाना माधोगंज निवासी हैं। साल 2018 में उन्हें सिपाही के पद पर तैनाती मिली है। इससे पहले उनकी शादी अरविंद यादव के साथ साल 2011 में हुई थी। लेकिन सिपाही के पद पर तैनाती के बाद दोनों में विवाद चल रहा था। इसी विवाद के दौरान पति ने पांच अक्टूबर 2020 को तत्कालीन वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को एक शिकायती पत्र भेजा था। जिसमें उन्हाेंने आरोप लगाए थे, कि उनकी पत्नी सरोज यादव का असली नाम रीना यादव है। पुलिस की नौकरी पाने के लिए उसने हाईस्कूल की परीक्षा दोबारा थी, जिसमें उन्होंने अपनी जन्मतिथि 1990 की जगह 1992 करने के साथ ही अपना नाम बदलकर सरोज यादव कर लिया था। इस मामले की जानकारी होने के बाद तत्कालीन एसएसपी ने सीओ कोतवाली इंदू सिद्धार्थ को जांच सौंपी थी। करीब नौ माह तक चली लंबी जांच के बाद पति के द्वारा महिला सिपाही पर लगाए गए आरोपों की जांच की गई। सीओ की जांच में महिला सिपाही पर लगाए गए आरोप सही पाए गए। जांच रिपोर्ट का संज्ञान लेकर एसएसपी पवन कुमार ने आरोपित महिला सिपाही सरोज यादव के साथ ही शिकायतकर्ता पति अरविंद यादव उर्फ सरोज कुमार के खिलाफ धोखाधड़ी, कूटरचित दस्तावेज तैयार करने के मामले में मुकदमा दर्ज कराने के आदेश दिए। मुकदमा दर्ज करने से पहले आरोपित महिला सिपाही को निलंबित करने की कार्रवाई की गई।

शादी के बाद पति के साथ मिलकर किया काम : साल 2011 में अरविंद और सरोज की शादी हुई थी। इसके बाद से पति लगातार पत्नी की सरकारी नौकरी लगवाने का प्रयास कर रहा था। पुलिस की जांच में पता चला है कि पति की मिलीभगत से ही पत्नी ने जन्मतिथि में परिवर्तन के साथ ही नाम में परिवर्तन किया था। लेकिन नौकरी मिलने के बाद पत्नी के तौर-तरीकों में बदलाव आ गया था, जिससे पति नाराज रहने लगा था, वहीं पत्नी रीना उर्फ सरोज भी उससे दूरी बनाने लगी थी। इसी बात से नाराज होकर पति ने एसएसपी को पत्र भेजकर पत्नी की शिकायत कर दी थी, लेकिन पुलिस की जांच में पति भी फंस गया। अब दोनों के खिलाफ इस मामले में मुकदमा दर्ज किया गया है।

चरित्र पंजिका बाबू ने दर्ज कराया मुकदमा : महिला कांस्टेबल के मामले में जब शिकायतकर्ता आरोपित बना गया तो, इसके बाद एसएसपी कार्यालय में तैनात चरित्र पंजिका बाबू अमर सिंह की तहरीर पर सिविल लाइंस थाना पुलिस ने आरोपित महिला सिपाही के साथ ही उसके पति के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की कार्रवाई की है।

महिला थाने में तैनात रही सिपाही ने शैक्षिक दस्तावेजों में गड़बड़ी की शिकायत उसके पति के द्वारा की गई थी। इस मामले की जांच सीओ कोतवाली के द्वारा किए जाने के बाद आरोपित सिपाही के साथ ही उसके पति के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने की कार्रवाई की गई है। मामले की जांच थाना पुलिस के द्वारा की जा रही है।

अनिल कुमार यादव,एएसपी,सिविल लाइंस

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