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सियालदाह एक्सप्रेस में जीआरपी का छापा, जूतों में अफीम छिपाकर ले जा रहे UP के 3 तस्कर गिरफ्तार; अंबाला में करते थे सप्लाई

जीआरपी ने रविवार रात कोलकाता से जम्मूतवी जाने वाली सियालदाह एक्सप्रेस के स्लीपर कोच (एस-2) में छापा मारा। संदेह के आधार पर जनरल टिकट लेकर बरेली से अंबाला तक का सफर कर रहे तीन युवकों की तलाशी लेनी शुरू की। उनके पास कोई सामान नहीं था। मुरादाबाद रेलवे स्टेशन पर तीनों को ट्रेन से उतार लिया गया प्रारंभिक जांच में कुछ नहीं मिला। इनके जूते उतरवाकर देखे तो अफीम मिली।

By Pradeep K Chaurasia Edited By: riya.pandey Updated: Tue, 26 Dec 2023 12:10 PM (IST)
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जूतों में अफीम छिपाकर ले जा रहे UP के 3 तस्कर गिरफ्तार

जागरण संवाददाता, मुरादाबाद। राजकीय रेलवे पुलिस (जीआरपी) ने सियालदाह एक्सप्रेस में छापा मारकर तीन युवकों को एक किलो तीन सौ ग्राम अफीम के साथ गिरफ्तार किया है। वह जूतों में छिपाकर अफीम ले जा रहे थे।

जीआरपी ने रविवार रात कोलकाता से जम्मूतवी जाने वाली सियालदाह एक्सप्रेस के स्लीपर कोच (एस-2) में छापा मारा। संदेह के आधार पर जनरल टिकट लेकर बरेली से अंबाला तक का सफर कर रहे तीन युवकों की तलाशी लेनी शुरू की। उनके पास कोई सामान नहीं था।

मुरादाबाद रेलवे स्टेशन पर तीनों को ट्रेन से उतार लिया गया, प्रारंभिक जांच में कुछ नहीं मिला। इनके जूते उतरवाकर देखे, तो उनमें अफीम मिली। तीनों ने स्पोर्टर्स शू पहन रखे थे। उनमें बीच के हिस्से में मजबूत पालीथिन में अफीम रखी थी। पालीथीन के ऊपर धागा भी लपेट रखा था। उन्होंने जीआरपी को बताया कि वह पहले भी ऐसे ही अफीम ले जाते रहे हैं।

लंबे समय से कर रहा अफीम की तस्करी

तस्करों में बरेली के भमौरा क्षेत्र के लंगूरा निवासी श्यामवीर व अर्जुन और शाहजहांपुर के जैतीपुर के बिलगरी निवासी जितिन को गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में पता चला कि गिरोह का सरगना श्यामवीर है। उसे झारखंड का कोई युवक अफीम बेचकर जाता है। यहां से तीनों से इसे अंबाला के संगरूर में बेचते हैं। पिछले माह भी वहां बिक्री कर चुके हैं।

जीआरपी इंस्पेक्टर राजन शर्मा ने बताया कि आरोपित लंबे समय से अफीम की तस्करी कर रहे हैं। इनके नेटवर्क के बारे में जानकारी की जा रही है।

निकल सकता है बड़ा नेटवर्क

अगर तस्करों से गहन पूछताछ की जाए, तो अंतरराज्यीय नेटवर्क निकल सकता है। झारखंड से अफीम कहां से कौन लेकर आता था? वह बरेली में इन लोगों से कैसे मिला? संगरूर में किसे अफीम दी जाती है? वहां इसका क्या किया जाता है? संभव है तस्करी में अन्य लोग भी लगे हों। हालांकि जीआरपी अभी नेटवर्क के बारे में खास जानकारी नहीं हासिल कर सकी है।

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