आपकी एक अच्छी आदत आपको Cardiac Arrest के खतरे से बचा सकती है, जानें क्या है वो आदत
Heart Disease Preventive Tips आपकी एक आदत आपको मधुमेह को कंट्रोल करने और हार्ट अटैक व कार्डिएक अरेस्ट के खतरे से दूर रहने में मदद कर सकती है। ये आदत है समय से सोने और पूरी नींद लेने की।
By JagranEdited By: Samanvay PandeyUpdated: Fri, 30 Sep 2022 09:55 AM (IST)
जागरण संवाददाता, मुरादाबाद। Heart Disease Preventive Tips : आपकी एक आदत आपको मधुमेह को कंट्रोल करने और हार्ट अटैक व कार्डिएक अरेस्ट के खतरे से दूर रहने में मदद कर सकती है। ये आदत है समय से सोने और पूरी नींद लेने की। ऐसा कहना है मुरादाबाद के वरिष्ठ कार्डियोलाजिस्ट डा. राजीव अग्रवाल का।
जीवनशैली में सुधार की आवश्यकता
उनका कहना हैै कि बदलती जीवन शैली की वजह से वर्तमान समय में मधुमेह के रोगियों की संख्या लगातार बढ़ रही है। मधुमेह के रोगियों को ह्रदय संबंधी रोगों का खतरा भी बना रहता है। चिकित्सक मधुमेह को नियंत्रित करने पर ही ध्यान न दें, बल्कि ऐसी दवाओं का इस्तेमाल करें जो हृदय पर दुष्प्रभाव न डालें। इसके लिए उन्होंने जीएलपी-1 आरए देने का सुझाव दिया।
डा. अग्रवाल गुरुवार की रात आल इंडिया फिजिशियन एसोसिएशन के तत्वावधान में होटल ग्रांड विलेज में सीएमई को मुख्य वक्ता के रूप में संबोधित कर रहे थे। उन्होंने ह्रदय और मधुमेह की बीमारियों के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी देने के साथ उससे बचने के उपाय भी बताए।
बचाव के उपाय
- धूमपान का त्याग करें
- नियमित घूमने की आदत डालें
- सोने का समय स्वयं निर्धारित करें और उसका पालन करें
- मधुमेह होने पर ह्रदय संबंधी बीमारियों की भी कराएं जांच
ये दवा करती है नसों में ब्लॉकेज की प्रवृत्ति को कम
उन्होंने बताया कि जीएलपी-1 आरए दवा नसों के ब्लाकेज की प्रवृत्ति को कम करती हैं। उन्होंने सलाह दी कि मधुमेह के कुछ रोगियों की ह्रदय संबंधी समस्याओं को आसानी से पहचाना जा सकता है, लेकिन समस्या तब आती है, जब रोगी कहता है कि मुझे मधुमेह के अलावा कोई और परेशानी नहीं है।
छिपी हृदय संबंधी बीमारियों को पहचानना जरूरी
कई रोगियों के अंदर ह्रदय संबंधी बीमारियां छिपी होती हैं। उन्हें पहचानना जरूरी है। इसके लिए जरूरी है कि 45 वर्ष के बाद रोगियों के लिए कोरोनरी आटीनरी कैल्शियम स्कोर कराना चाहिए। उन्होंने युवाओं को मधुमेह और ह्रदयाघात की समस्या बढ़ने के बारे में बताते हुए कहा कि इसके दो प्रमुख कारण हैं। पहला सेडेंट्री हैविट यानी घंटों बैठकर कार्य करना।छह घंटे से अधिक बैठकर न करें काम
छह घंटे से अधिक बैठकर कार्य करने वाले खतरे की जद में रहते हैं। दूसरा जैसे-जैसे बौद्धिक स्तर बढ़ता है, वैसे-वैसे नींद में अनियमितता आती जाती है। समय से न सोने की आदत आज सभी बीमारियों की जड़ यही है। इसलिए समय से सोने की आदत डालें। कोई भी समय सोने के लिए निर्धारित करें, उसी समय रोजाना सोना चाहिए।
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