Monsoon: मुरादाबाद में झमाझम बारिश के आसार से किसानों के चेहरे खिले; रामगंगा में बढ़ा पानी, लकड़ी का पुल बहा
Weather Update Moradabad News दो दिन से वर्षा न होने के कारण उमस भरी गर्मी फिर बढ़ गई है। दोपहर में एक बार कुछ बूंदी धरती पर गिरती नजर आईं। लेकिन यह कपड़े तक न भिगो पाई। रामगंगा में जलस्तर बढ़ने से पैदल आवागमन के लिए बना लकड़ी पुल बह गया। हरेवली व खो बैराज से छोड़ा गया नौ हजार क्यूसेक पानी
जागरण संवाददाता, मुरादाबाद। Weather Update तीन दिन पहले झमाझम बारिश के बाद मानसून पिछले दो दिनों से दगा दे रहा है। केंद्र सरकार की अधिकृत साइट पर अगले पांच दिन तक लगातार झमाझम बारिश की संभावना जताई जा रही है। इससे पहले सोमवार को आसमान में काली घटाएं छा गईं। बारिश की संभावना पूरे दिन बनी रही, लेकिन अंत में मायूसी ही हाथ लगी।
मौसम विशेषज्ञ भी भविष्यवाणी कर चुके हैं कि उप्र समेत कई राज्यों में भारी वर्षा होगी। उमस भरी गर्मी के चलते घरों पंखे की हवा में भी राहत नहीं मिली। सड़कों पर पहले की अपेक्षा आवाजाही बढ़ी है। क्योंकि कभी बादल तो कभी घटाओं को चीरते हुए धूप निकली। इससे देर तक धूप बदन पर पड़ने जैसी स्थिति नहीं थी।
आने वाले दिनों में पांच जुलाई तक झमाझम वर्षा होने की उम्मीद है। इससे किसानों को भी राहत मिलेगी। पिछले दिनों हुई वर्षा के बाद से किसानों ने धान रोपाई की तैयारी शुरू कर दी थी। जिनकी धान की पौध तैयार हो चुकी है वह अब अगली वर्षा में रोपाई शुरू कर देंगे। अगैती धान की रोपाई शुरू हो चुकी है।
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रामगंगा नदी का जलस्तर बढ़ गया
पहाड़ी व मैदानी क्षेत्र में पिछले दिनों से हो रही बारिश के चलते रामगंगा नदी का जलस्तर बढ़ गया है। नौ हजार क्यूसेक पानी आने से बगला गांव के पास रामगंगा पर पैदल आवागमन के लिए बना पुल बह गया है। इससे लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा।
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मुरादाबाद में जिगल कॉलोनी, बगला गांव, दसवां घाट के लोगों ने रामगंगा के दूसरे छोर पर जाने के लिए लकड़ी का पुल बना है। इस पुल से पार करके खेतों में काम करने जाते है। रविवार को रामगंगा में जलस्तर बढ़ गया। पानी के बहाव में यह पुल बीच से टूटकर बह गया है। बाढ़ खंड के अधिकारियों के मुताबिक पहाड़ी क्षेत्र में हो रही बारिश से खो बैराज व हरेवली बैराज पर पानी अधिक हो गया था। जिस कारण दोनों बैराज से करीब नौ हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया था।
खतरे के निशान से थाेड़ा नीचे है पानी
पानी का जलस्तर 187.98 मीटर पर दर्ज किया है। अभी खतरे के निशान से करीब पौने तीन मीटर नीचे हैं। बगला गांव निवासी, धर्मेंद्र, रामपाल सैनी, सविता आदि का कहना है कि पुल से पैदल रामगंगा पार करके खेतों पर काम करने जाते थे। अब दिक्कत हो रही है। पुल टूटने से अब रामगंगा पार करने के लिए नाव का ही सहारा है। रोजाना खेत में काम करने और पशुओं का चारा लेने के लिए जाना पड़ता है।
रामगंगा का जल स्तर बढ़ा है। हरेवली व खो बैराज से पानी छोड़ गया है। अभी पानी की स्थिति सामान्य है। खतरे की कोई बात नहीं है। -राजेश गंगवार, अधिशासी अभियंता, बाढ़ खंड
मानसून पूरी तरह घिरा हुआ है। कभी भी जोरदार वर्षा मैदानी इलाकों में हो सकती है। उमस भी इसी बात का संकेत है कि वर्षा होगी। तापमान भी अब 40 डिग्री से नीचे ही रहेगा। -प्रो.आरके सिंह, मौसम विशेषज्ञ, गोविंद बल्लभ पंत कृषि विश्वविद्यालय, पंत नगर