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बांग्लादेश के हालात से यूपी के कपड़ा व्यापार पर कितना पड़ेगा असर? हर साल आते हैं 60 से 70 करोड़ रुपये के कपड़े

बांग्लादेश के हालात से मुरादाबाद के कपड़ा व्यापार पर असर पड़ सकता है। बांग्लादेश में कपड़ों का निर्माण बड़े स्तर पर होता है। जानकारों के अनुसार वहां के कपड़े गुणवत्ता के स्तर पर अच्छे होने के बावजूद बेहद सस्ते मिलते हैं। मुरादाबाद में बांग्लादेश से हर साल 60 से 70 करोड़ रुपये के कपड़े मंगाए जाते हैं। इसका प्रभाव कारोबार पर पड़ेगा।

By Tarun Parashar Edited By: Aysha Sheikh Updated: Tue, 06 Aug 2024 04:26 PM (IST)
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बांग्लादेश के हालात से कपड़ा व्यापार पर पड़ेगा प्रभाव। फोटो - फ्रीपिक।
जागरण संवाददाता, मुरादाबाद। बांग्लादेश के हालात से मुरादाबाद का व्यापार बहुत अधिक प्रभावित नहीं होने वाला है। वहां ऐसी स्थिति लंबे समय तक रही तो कपड़ा कारोबार थोड़ा प्रभावित हो सकता है। हालांकि, इस स्थिति से भारत के कपड़ा निर्माताओं को लाभ होने की संभावनाएं तलाशी जा रही हैं।

मुरादाबाद से दुनिया भर में धातु हस्तशिल्प से बने सजावटी सामान निर्यात होते हैं। भारत के पड़ोसी देशों के साथ मुरादाबाद के निर्यात की स्थिति बहुत अच्छी नहीं है। इसमें बांग्लादेश भी शामिल है। बांग्लादेश में कपड़ों का निर्माण बड़े स्तर पर होता है। इसके साथ ही वहां का रेशम दुनिया भर में प्रसिद्ध है। भारत रेशम का बड़ा बाजार है।

बांग्लादेश में बने रेडीमेड कपड़े सभी प्रदेशों में जाते हैं। मुरादाबाद में भी वहां से कपड़ों का बड़ा कारोबार होता है। हालांकि यह कपड़े सीधे बांग्लादेश से नहीं आते। बांग्लादेश से कपड़े कोलकाता के व्यापारियों और एजेंसियों को पहुंचते हैं। पूरे देश के व्यापारी कपड़े खरीदते हैं।

बांग्लादेश से सस्ते में आते हैं कपड़े

बांग्लादेश के कपड़ों पर स्थानीय व्यापारियों को मोटा मुनाफा होता है। जानकारों के अनुसार वहां के कपड़े गुणवत्ता के स्तर पर अच्छे होने के बावजूद बेहद सस्ते मिलते हैं। इनकी बिक्री से व्यापारियों को अधिक लाभ मिलता है।

व्यापारी नेता नितिन राज ने बताया कि मुरादाबाद में बांग्लादेश से हर साल 60 से 70 करोड़ रुपये के कपड़े मंगाए जाते हैं। इसका प्रभाव कारोबार पर पड़ेगा। वहीं, लघु उद्योग भारती के अध्यक्ष अंशुल अग्रवाल ने बताया कि हमारी संस्था के साथ व्यापारी भी जुड़े हैं। इस मुद्दे को लेकर चर्चा हुई थी। उनका मानना है कि लंबे समय तक ऐसी स्थिति रही तो भारतीय वस्त्र निर्माताओं को लाभ होगा। व्यापारी उनसे कपड़े खरीदेंगे।

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