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IAS Vaibhav Sharma: बेटे को अफसर बनाने के लिए खुद ‘छात्रा’ बनीं मां, तीन साल तक घर में नहीं चलने दिया टीवी

ममता शर्मा बताती हैं कि बेटा रात में करीब छह से सात घंटे पढ़ता था। उस दौरान बराबर में कुर्सी डालकर वह भी बैठी रहती थीं। इन छह से सात घंटे में वैभव आनंद शर्मा जो पढ़ते थे उसे मां को सुनाते नहीं थे बल्कि मां को पढ़ाते थे। जिससे जो पढ़ाया वह एक शिक्षक के रूप में स्टूडेंट्स की नजर में ठीक हैं या नहीं यह प्रतिक्रिया लेते थे।

By Tej Prakash Saini Edited By: Aysha Sheikh Updated: Sun, 12 May 2024 03:36 PM (IST)
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IAS Vaibhav Sharma: बेटे को अफसर बनाने के लिए खुद ‘छात्रा’ बनीं मां

जागरण संवाददाता, मुरादाबाद। कहते हैं कि बेटे की पहली गुरु उसकी मां होती है। एक मां ऐसी जो बचपन में गुरु बनी और जब बेटा बड़ा हुआ तो उस दौरान आइएएस की तैयारी कर रहे बेटे के लिए एक मां शिष्य बन गई। यह संघर्ष भरी कहानी है आशियाना निवासी वैभव आनंद शर्मा की मां ममता शर्मा की। वैभव ने आइएएस की परीक्षा के लिए तीन साल पढ़ाई कि और इन तीन सालों में रात में छह से सात घंटे बेटे के कमरे में पढ़ाई के समय साथ बैठकर गुजारीं और सुबह फिर छह बजे से एक कुशल गृहिणी की तरह घर की जिम्मेदारी संभाली।

ममता शर्मा बताती हैं कि बेटा रात में करीब छह से सात घंटे पढ़ता था। उस दौरान बराबर में कुर्सी डालकर वह भी बैठी रहती थीं। इन छह से सात घंटे में वैभव आनंद शर्मा जो पढ़ते थे, उसे मां को सुनाते नहीं थे बल्कि मां को पढ़ाते थे। जिससे जो पढ़ाया वह एक शिक्षक के रूप में स्टूडेंट्स की नजर में ठीक हैं या नहीं, यह प्रतिक्रिया लेते थे। मां को पढ़ाकर पूछते थे कि मम्मी क्या मैं ठीक हूं। वह कहतीं हां बेटा ठीक है। मां का सिर्फ एक उद्देश्य था कि बेटे का आत्म विश्वास बना रहे।

मां ने तीन साल तक घर में टीवी नहीं चलने दिया। एकांत और एकाग्रता बनाए रखी। ममता शर्मा एक सकारात्मक सोच की महिला रही हैं। उनके मन में नकारात्मकता नहीं है। इसका एक उदाहरण ये है कि अक्सर पेरेंट्स मीटिंग में माता-पिता जाते हैं तो शिक्षक बच्चों की कमियां गिनाने लगते हैं। वैभव की जब भी कोई शिकायत की तो शिक्षक के सामने कभी शिक्षक के सामने बेटे को नहीं डाटा। शिक्षक ने जो कहा वह सुना और चली आईं। वह घर आकर समझाती थीं। हालांकि शिक्षक की ऐसी शिकायतें होती थीं जो सामान्य रूप से बच्चे करते हैं। कमियां गिनाने के बाद भी एक मां का चुप रहना शिक्षक को निराशा देता था।

तीन साल तक मां ने कर दिए सामाजिक रिश्ते कट

तीन साल तक वैभव की मां ममता शर्मा ने सामाजिक रिश्ते कट कर दिए थे। उनका एक उद्देश्य था कि बेटे को पूरा समय दे सकूं। उन्होंने किटी पार्टी में जाना बंद कर दिया। मां ममता शर्मा कहती हैं कि वह बेटे आइएएस बनने के बाद शनिवार को पहली बार किटी पार्टी में गईं। वैभव शर्मा के पिता डा. आनंद प्रकाश शर्मा सेवानिवृत्त जिला होम्योपैथिक अधिकारी हैं। बड़े भाई सिद्धार्थ आनंद शर्मा होम्योपैथिक चिकित्सक हैं और बहन वैशाली शर्मा शादी के बाद से ही आस्ट्रेलिया में रहती हैं।

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