Indian Railways : कोटद्वार-नजीबाबाद इलेक्ट्रिक लाइन तकनीकी रूप से ठीक, अप्रैल से इलेक्ट्रिक इंजन से चल सकती हैं ट्रेनें
सीईई प्रमोद कुमार अपनी टीम और अपर मंडल रेल प्रबंधक मान सिंह मीना के साथ नजीबाबाद से कोटद्वार तक 27 किलोमीटर तक निरीक्षण किया। बता दें कि वर्ष 2019 में कमिश्नर रेलवे आफ सेफ्टी (सीआरएस) ने कोटद्वार-नजीबाबाद के बीच रेललाइन का निरीक्षण किया था।
मुरादाबाद, जेएनएन। उत्तर रेलवे के मुख्य विद्युत अभियंता प्रमोद कुमार ने कोटद्वार से नजीबाबाद तक इलेक्ट्रिक लाइन का निरीक्षण किया। तकनीकी रुप से विद्युतीकरण को ठीक पाया गया। इलेक्ट्रिक इंजन से ट्रेन चलाकर ट्रायल किया। माना जा रहा है कि पहली अप्रैल से सिद्धबली जन शताब्दी एक्सप्रेस डीजल इंजन के बजाय इलेक्ट्रिक इंजन से चलने लगेगी।
सीईई प्रमोद कुमार अपनी टीम और अपर मंडल रेल प्रबंधक मान सिंह मीना के साथ नजीबाबाद से कोटद्वार तक 27 किलोमीटर तक निरीक्षण किया। बता दें कि वर्ष 2019 में कमिश्नर रेलवे आफ सेफ्टी (सीआरएस) ने कोटद्वार-नजीबाबाद के बीच रेललाइन का निरीक्षण किया था। रेल मार्ग पर तकनीकी कमी पाई गई थी, जिससे सुधार करने के आदेश दिए थे। बिना सुधार किए इलेक्ट्रिक इंजन से ट्रेन व मालगाड़ी चलाने पर रोक लगा दी थी। पिछले दिनों रेल मंत्री पीयूष गोयल ने सिद्धबली जन शताब्दी एक्सप्रेस के उदघाटन के समय घोषणा की थी। कि पहली अप्रैल से नजीबाबाद से कोटद्वार के बीच इलेक्ट्रिक इंजन से ट्रेन व मालगाड़ी का संचालन शुरू हो जाएगा। टीम ने सीआरएस द्वारा बतायी गई कमी का निरीक्षण किया। निर्माण एजेंसी ने कमी को दूर कर दिया है। टीम को विद्युतीकरण में कोई कमी नहीं मिली है। शाम को टीम ने इलेक्ट्रिक इंजन द्वारा ट्रेन चलाकर ट्रायल किया। ट्रायल में तकनीकी रूप से ठीक पाया है। रेलवे लाइन के दोनों ओर पेड़ हैं, जिससे कुछ स्थानों पर चालक को आगे तक दिखायी नहीं देता है। उत्तर रेलवे मुख्यालय से आयी टीम शाम को लौट दिल्ली लौट गई है और टीम निरीक्षण रिपोर्ट सीआरएस के पास भेज देगी। माना जा रहा है कि सीआरएस की अनुमति मिलने के बाद पहली अप्रैल से सिद्धबली जन शताब्दी एक्सप्रेस डीजल के बजाय इलेक्ट्रिक इंजन से चलनी शुरू हो जाएगी। अपर मंडल रेल प्रबंधक एमएस मीना ने बताया कि उत्तर रेलवे की टीम के निरीक्षण में विद्युतीकरण तकनीकी रूप से ठीक मिली है।
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