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Indian Railways : कीमतों में उछाल, नहीं म‍िल पा रहे ऑक्‍सीजन कंसंट्रेटर, होम क्‍वारंटाइन रेलवे कर्मचारी परेशान

Railway oxygen concentrator facility मंडल हित निधि की बैठक में ट्रेड यूनियन के प्रस्ताव पर मंडल भर के लिए 30 ऑक्‍सीजन कंसंट्रेटर खरीदने की फैसला लिया गया था लेकिन अचानक कीमत बढ़ जाने से अभी तक इसे खरीदने का काम नहीं हो पाया है।

By Narendra KumarEdited By: Updated: Fri, 21 May 2021 07:52 AM (IST)
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हित निधि फंड से उपलब्ध कराया जा चुका है बजट।

मुरादाबाद [प्रदीप चौरसिया]। Railway oxygen concentrator facility : कोरोना संक्रमण से संबंधित दवाएं, ऑक्‍सीजन या उपकरण की मांग बढ़ जाने से कालाबाजारी चरम पर पहुंच गई है। घर पर इलाज कराने वाले संक्रमित रोगियों को ऑक्‍सीजन मिलना कठिन हो गया है। कीमत में एकाएक उछाल के बाद रेलवे ऑक्‍सीजन कंसंट्रेटर नहीं खरीद पा रहा है। जबकि ट्रेड यूनियन लगातार उपकरण नहीं आने पर आक्रोश व्यक्त कर रही है।

कोरोना संक्रमण बढ़ने के बाद संक्रमित व्यक्तियों को इलाज कराने के लिए अस्पताल में जगह नहीं मिल रही है। काफी संख्या में कोरोना संक्रमित व्यक्ति होम क्वारंटाइन होकर इलाज कराने को मजबूर हैं। होम क्वारंटाइन होकर इलाज कराने वाले की समय पर आक्सीजन नहीं मिलने पर मौत तक हो जाती है। कोरोना संक्रमण बढ़ने के बाद काफी रेलवे कर्मचारी संक्रमित हो रहे थे और ऑक्‍सीजन नहीं मिलने पर संक्रमित रेल कर्मियों का जान बचाना मुश्किल हो गया था। अप्रैल में प्रवर मंडल कार्मिक अधीक्षक अवधेश कुमार की अध्यक्षता में मंडल हित निधि की बैठक हुई थी। इसमें ट्रेड यूनियन के प्रस्ताव पर मंडल भर के लिए 30 ऑक्‍सीजन कंसंट्रेटर खरीदने की फैसला लिया गया था और रेलवे मुख्य चिकित्सा अधीक्षक को फंड उपलब्ध करा दिया था।

कंसंट्रेटर ऐसे करता है काम

ऑक्‍सीजन कंसंट्रेटर छोटा कूलर के आकर का होता है। इसे कहीं भी आसानी से ले जाया जा सकता है। बिजली नहीं होने पर इनवर्टर से भी इसे चलाया जा सकता है। कंसंट्रेटर हवा से ऑक्‍सीजन को अलग कर इसे रोगी को बाधा रहित पहुंचाने का काम करता है। इसके लिए ऑक्‍सीजन सिलेंडर लाने या भरवाने की आवश्यकता नहीं होती है। सरकार के जैम पोर्टल पर इसकी कीमत 35 हजार तय कर रखी है। ऑक्‍सीजन की कालाबाजारी होने के बाद लोगों ने ऑक्‍सीजन कंसंट्रेटर खरीदना शुरू कर दिया है। इससे बाजार से इसकी मांग कई गुना बढ़ गई है। रेलवे के अधिकारी जैम पोर्टल पर नामित कंपनी से संपर्क किया तो कंपनी से कंसंट्रेटर उपलब्ध नहीं होना बताया। कुछ कंपनियों ने सरकार द्वारा निर्धारित रेट के कई गुना अधिक कीमत बताई। इसके कारण रेल प्रशासन ऑक्‍सीजन कंसंट्रेटर नहीं खरीद पाया है। होम क्वारंटाइन होकर इलाज कराने वाले रेल कर्मियों को समय से ऑक्‍सीजन नहीं मिल पा रही है। नरमू के मंडल मंत्री राजेश चौबे ने बताया कि हित निधि द्वारा ऑक्‍सीजन कंसंट्रेटर खरीदने के लिए एक माह पहले बजट उपलब्ध कराया जा चुका है। कंसंट्रेटर नहीं खरीदने जाने के कारण रेलवे कर्मचारियों में काफी आक्रोश है। होम क्वारंटाइन होकर इलाज कराने वाले कई कर्मियों का समय से ऑक्‍सीजन नहीं मिलने पर मौत भी हो चुकी है। सीनियर डीपीओ अवधेश कुमार का कहना है कि कंपनी के पास कंसंट्रेटर उपलब्ध नहीं हैं। ब्लैक में कंसंट्रेटर मिल रहा है, जिसे खरीदा नहीं जा सकता है। 

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