पुलिस अकादमी की इस घोड़ी में है गजब की फुर्ती, पलक झपकते ही भरती है रफ्तार; अब तक जीते कई पुरस्कार
मोंटीना जब मैदान में उतरती है तो उसकी चाल देखकर सभी मुग्ध हो जाते हैं। दौड़ती है तो मानो हवा से बात कर रही हो जैसे उसका लक्ष्य पहला स्थान प्राप्त करना हो। हम बात कर रह हैं पुलिस अकादमी की घोड़ी मोंटीना की जो राष्ट्रीय स्तर पर कई पुरस्कार जीत चुकी है। यही नहीं मोंटीना को 2015 में उप्र पुलिस की ओर से मोंटीना को बेस्ट हार्स का खिताब...
जागरण संवाददाता, मुरादाबाद। मोंटीना जब मैदान में उतरती है तो उसकी चाल देखकर सभी मुग्ध हो जाते हैं। दौड़ती है तो मानो हवा से बात कर रही हो, जैसे उसका लक्ष्य पहला स्थान प्राप्त करना हो। हम बात कर रह हैं पुलिस अकादमी की घोड़ी मोंटीना की, जो राष्ट्रीय स्तर पर कई पुरस्कार जीत चुकी है। यही नहीं, मोंटीना को 2015 में उप्र पुलिस की ओर से मोंटीना को बेस्ट हार्स का खिताब दिया गया था। यह खिताब मोंटीना के पास अभी तक बरकरार है।
मोंटीना का जिला, मंडल या प्रदेश में ही नहीं बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर भी कोई जोड़ नहीं है। मोंटीना ने राष्ट्रीय स्तर पर स्वर्ण और एक बार रजत पदक से जिले का मान बढ़ाया है। हम बात कर रहे हैं अकादमी की मोंटीना घोड़ी की। जब वह मैदान में उतरती है तो मोंटीना, मोंटीना... की गूंज सभी ओर से सुनाई देती है।
डायट चार्ट किया जाता है फॉलो
उसकी गजब की फुर्ती सहज ही उसे अन्य घोड़ों से अलग करती है। यह सब ऐसे ही नहीं है। अकादमी के अस्तबल में उसका विशेष ध्यान रखा जाता है। खानपान से लेकर स्वास्थ्य तक, सभी पर पैनी नजर रहती है। उसका डायट चार्ट बना हुआ है। उसके अनुरूप ही चारा मिलता है। यहां तक कि हर दिन तापमान भी लिया जाता है।
घुड़सवारी प्रतियोगिता में 6.3 फीट ऊंची मोंटीना ने बिखेरा जलवा
डा. भीमराव आंबेडकर पुलिस अकादमी में चल रही 25वीं वार्षिक घुड़सवारी प्रतियोगिता में भी 6.3 फीट ऊंची मोंटीना जलवा बिखेर रही है। शनिवार को दूसरे दिन फाल्ट एंड आउट के शो में प्रतियोगी भगवान सिंह मोंटीना पर सवार थे। तेज रफ्तार लगाते हुए मोंटीना ने सारी बाधाओं को पार कर अपनी पीठ पर सवार भगवान सिंह को फाल्ट एंड आउट की प्रतिस्पर्धा में पहला स्थान दिलाया है।
घुड़सवार भगवान सिंह बताते हैं कि वर्ष 2014 में पंजाब से 1.57 लाख रुपये में थोरोब्रीड नस्ल की इस घोड़ी को खरीदा गया था। इस समय इस घोड़ी की कीमत 10 लाख से कम नहीं है, कारण यह मैदान में इशारे समझकर जीत दिलाने की क्षमता रखती है।
मोटींना के खाने पीने की बात करें तो वह हर रोज दो किलो चने, तीन किलो जौ, 30 ग्राम नमक, 50 ग्राम गुड, 100 ग्राम तेल और 15 किलो घास खाती है।