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Karwa Chauth 2022 पर चांद न दिखे तो कैसे खोलें व्रत, ज्योतिषाचार्यों ने बताया ये तरीका

Karva Chauth Shubh Muhurat Vrat Katha गुरुवार 13 अक्टूबर को सुहागिनों ने करवा चौथ का व्रत रखा है। हिंदू पंचांग के अनुसार कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि पर करवा चौथ का व्रत रखा जाता है। देश के कुछ जगहों पर करवा चौथ का चांद दिखाई दिया।

By Samanvay PandeyEdited By: Updated: Thu, 13 Oct 2022 08:27 PM (IST)
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Karwa Chauth 2022 : व्रत का पारण चन्द्रमा को अर्घ्य देने के बाद ही होता है।
Karwa Chauth 2022 : करवा चौथ का व्रत 13 अक्टूबर को है। व्रत में चंद्रमा की पूजा की जाती है और इसका बहुत महत्व होता है। लेकिन, इस बार अक्टूबर में मौसम बेइमान बना हुआ है। बेमौसम झमाझम बारिश हो रही है। करीब पांच दिन से बदली छाई हुई है।

करवा चौथ पर मौसम बना बेइमान

ऐसे में यदि गुरुवार को करवा चौथ पर्व के दिन भी मौसम बेइमान रहता है तो आशंका जताई जा रही है कि चंद्रमा बादलों के पीछे छुपा रहेगा। ऐसे में महिलाएं चांद कैसे देखेंगी, कैसे व्रत खोलेंगी, क्या है नियम, जैसे सवालों के जवाब दे रही हैं ज्योतिषाचार्य वंदना ऋषिकेश शुक्ला।

करवा चौथ पर चंद्रमा की पूजा महत्वपूर्ण

ज्योतिषाचार्य वंदना शुक्ला का कहना है कि करवा चौथ की पूजा के बाद सभी महिलाओं को चंद्रमा देखने का इंतजार रहता है। यदि आसमान में बादलों की ओट से चन्द्रमा नजर न आए तो व्रत रखने वाली महिलाओं के सामने बड़ी समस्या खड़ी हो जाती है। लेकिन, धर्म शास्त्र में इसका निवारण बताया गया है।

चंद्रमा न दिखने पर ऐसे करें पूजा

धर्मशास्त्र के अनुसार ऐसी स्थिति में चन्द्रोदय के समय के अनुसार चन्द्रमा को अर्घ्य देना चाहिए और मन में चन्द्रमा का स्मरण करने से वही फल प्राप्त होता है जो चन्द्रमा दिखने पर मिलता है। इस व्रत का पारण चन्द्रमा को अर्घ्य देने के बाद ही होता है। 

चंद्रमा न दिखने पर ऐसे खोलें व्रत

  • यदि चंद्रमा बादलों में छिप गया है, तब भी महिलाएं शुभ मुहूर्त में पूजन कर सकती हैं।
  • यदि चन्द्रमा न दिखाई दे, तो भगवान शिव के मस्तक पर विराजमान चंद्रमा के दर्शन करें। फिर चंद्रमा की पूजा करने का विधान है।
  • चंद्रोदय का सही समय जानकर चन्द्रमा किस तरफ निकलता है, उस दिशा में मुंह करके पूजा कर व्रत का पारण करें।
  • चंद्रमा की आकृति के दर्शन करके भी व्रत का पारण कर सकते हैं, इसके लिए एक चौकी पर लाल कपड़ा बिछाएं। अब उस पर चावल से चन्द्रमा का चित्र बनाएं, उसे देखेंं।
  • ओम चतुर्थ चंद्राय नम: मंत्र का जाप कर चंद्रमा का आह्वान करें और पूजा करने के बाद व्रत का पारण कर लें।
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Disclaimer : इस लेख में निहित जानकारी/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई है। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।

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