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UP By Election 2024: कुंदरकी उपचुनाव मुस्लिम बहुल सीट पर त्रिकोणीय मुकाबले के आसार, ये हैं समीकरण

कुंदरकी विधानसभा क्षेत्र में उपचुनाव की तिथि घोषित होने के बाद से ही भाजपा सपा और कांग्रेस में घमासान मचा हुआ है। इस मुस्लिम बहुल सीट पर सभी दल जीत का दावा कर रहे हैं। भाजपा ने 40 से अधिक दावेदारों में से तीन नामों की सूची प्रदेश कार्यकारिणी को भेजी है। सपा व कांग्रेस ने कुंदरकी पर प्रत्याशी का नाम तय नहीं किया है।

By Jagran News Edited By: Abhishek Saxena Updated: Wed, 16 Oct 2024 09:14 AM (IST)
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खबर में प्रतीकात्मक तस्वीर का उपयोग किया गया है।

जागरण संवाददाता, मुरादाबाद। कुंदरकी विधानसभा क्षेत्र में उपचुनाव की तिथि मंगलवार को चुनाव आयोग ने घोषित कर। 13 नवंबर को कुंदरकी सीट पर उपचुनाव कराया जाएगा। इसके साथ ही प्रशासन भी चुनाव की तैयारी में जुट गया है। वहीं, चुनाव में ताल ठोक रहे राजनीतिक दलों में से किसी ने भी अपने प्रत्याशी के नाम की घोषणा नहीं की है। चुनाव की तिथि घोषित होने के बाद जल्द ही प्रत्याशी घोषित होने की उम्मीद है।

भाजपा व सपा के बीच मुकाबला होने के आसार

समाजवादी पार्टी के कुंदरकी से विधायक रहे जियाउर्रहमान के संभल लोकसभा क्षेत्र से सांसद चुने जाने के बाद से सीट रिक्त हुई थी। कुंदरकी सीट पर भाजपा और सपा के बीच मुकाबला माना जा रहा था। दोनों राजनीतिक दलों की तैयारी भी जोरों पर चल रही है। उपचुनाव को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी गंभीरता से ले रहे हैं। इसके चलते दो सितंबर को उन्होंने मुरादाबाद का दौरा करके 400 करोड़ से अधिक की परियोजनाओं का शिलान्यास लोकार्पण किया था। इसके बाद से लगातार भाजपा के मंत्री और वरिष्ठ पदाधिकारी कुंदरकी विधानसभा क्षेत्र में जनसभा और पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ बैठक कर उत्साह भर रहे हैं।

गांवों में पहुंच रहे सपा कार्यकर्ता

वहीं, सपा की ओर से भी पदाधिकारी गांव-गांव पहुंच रहे हैं। सपा के साथ बीच गठबंधन की स्थिति स्पष्ट नहीं होने के कारण के कारण कांग्रेस पदाधिकारियों ने भी अपना अपना प्रत्याशी उतारने की घोषणा कर दी। कांग्रेस की ओर से पर्यवेक्षक भेजकर दावेदारों के बायोडाटा भी ले लिए गए। पार्टी पदाधिकारी भी चुनाव की तैयारी के लिए जनसंपर्क कर रहे हैं। इसके साथ ही 17 अक्टूबर को संविधान बचाओ सम्मेलन करने जा रहे हैं। लेकिन, किसी भी दल की ओर से प्रत्याशी के नाम की घोषणा नहीं की है।

भाजपा के पास आए दावेदारों के नाम

भाजपा जिलाध्यक्ष को 40 से अधिक दावेदारों ने अपने आवेदन दिए थे। इसमें मुख्य रूप से जिला पंचायत अध्यक्ष डा. शैफाली सिंह, रामवीर सिंह, कमल प्रजपाति, दिनेश ठाकुर, अभिषेक सिंह, डा. सीपी सहित कई नाम शामिल रहे। इसके अलावा 20 से अधिक मुस्लिम दावेदार रहे। इनमें से तीन नामों की सूची प्रदेश कार्यकारिणी को भेजी गई थी। शनिवार को दिल्ली में हुई पार्टी के के केंद्रीय और उत्तर प्रदेश के पदाधिकारियों की बैठक में तीनों नामों पर चर्चा हुई। बताया जा रहा है कि नाम फाइनल हो चुका है, बस घोषणा का इंतजार है।

सपा का कुंदरकी पर प्रत्याशी का नाम तय नहीं

वहीं, सपा ने अपने दस सीटों पर छह प्रत्याशियों के नाम की घोषणा की जा चुकी है। लेकिन कुंदरकी पर प्रत्याशी का नाम तय नहीं हुआ है। अभी जो टिकट के दावेदारों में जो नाम चल रहे हैं उनमें पूर्व सांसद डा. एसटी हसन, पूर्व विधायक हाजी रिजवान, संभल के सांसद के पिता अकीलुर्रहान, अनीस पाशा, राबुल पाशा, संभल के पूर्व जिलाध्यक्ष फिरोज खां, नावेद खां, मुहम्मद मारूफ आदि शामिल हैं। हालांकि, पार्टी हाई कमान के सामने संभल सांसद जियाउर्रहमान ने दुविधा की स्थिति खड़ी कर दी है। उनका दावा है कि वह इस सीट से विधायक थे। ऐसे में इस सीट पर उनके परिवार के सदस्य को टिकट मिलना चाहिए। अब देखना है कि पार्टी किसे प्रत्याशी बनाती है।

मुस्लिम बहुल सीट पर कड़ा मुकाबला

कुंदरकी विधानसभा क्षेत्र में भाजपा दो बार जीत दर्ज कर चुकी है। 1993 में अंतिम बार जीत दर्ज की थी। तब से अब तक हुए चुनाव में भाजपा का प्रत्याशी जीत दर्ज नहीं कर पाया है। 2007 तक हुए चुनाव में भाजपा तीसरे और चौथे स्थान पर पहुंच चुकी थी। 2012 से 2022 तक हुए तीन चुनाव में पार्टी दूसरे स्थान पर रही है। अंतर भी 10 से 20 हजार के बीच रहा है। हालांकि, कुंदरकी विधानसभा क्षेत्र में 63 प्रतिशत मुस्लिम मतदाता है। इसके बावजूद हार का अंतर बहुत अधिक नहीं होने के कारण भाजपा पदाधिकारी उत्साह में हैं और अपनी जीत का दावा कर रहे हैं।

सपा का कोर वोटर माना जाता है मुस्लिम मतदाताओं को

मुस्लिम मतदाताओं को सपा का कोर वोटर माना जाता है। मुस्लिम मतदाताओं की संख्या अधिक होने और इस सीट पर लगातार मिल रही जीत के कारण सपा पदाधिकारी भी अपनी जीत मानकर चल रहे हैं। वहीं, कांग्रेस ने भी चुनाव को लेकर तैयारी तेज कर दी है। पार्टी की स्थानीय इकाई अकेले चुनाव लड़ने के लिए दमखम दिखा रही है। पार्टी के स्थानीय नेताओं का मानना है कि गठबंधन होने की स्थिति में यह सीट कांग्रेस को मिलनी चाहिए।

  1. चुनाव एक नजर में गजट नोटिफिकेशन 18 अक्टूबर
  2. नामांकन की तिथि 25 अक्टूबर
  3. नामांकन वापसी की तिथि 30 अक्टूबर
  4. मतदान 13 नवंबर
  5. परिणाम 23 नवंबर 

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मुस्लिम बहुल सीट पर कांग्रेस की स्थिति किसी भी स्थिति में कमजोर नहीं है। हालांकि, कांग्रेस नेता अब गठबंधन की संभावना से इनकार करते हुए तैयारी में जुटे हैं। अगर कांग्रेस अपना प्रत्याशी उतारती है तो मुकाबला त्रिकोणीय हो जाएगा।

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