Kundarki Upchunav 2024: किसके सिर पर सजेगा जीत का ताज, क्या सपा के गढ़ में भाजपा लहराएगी परचम? समझिए पूरा समीकरण
कुंदरकी विधानसभा उपचुनाव के नतीजे शनिवार को घोषित होंगे। मुख्य मुकाबला भाजपा के रामवीर सिंह और सपा के मो. रिजवान के बीच है। रामवीर सिंह चौथी बार चुनाव लड़ रहे हैं जबकि मो. रिजवान सातवीं बार मैदान में हैं। दोनों के बीच 2012 और 2017 में भी करीबी मुकाबला हुआ था। 2017 में रामवीर सिंह को केवल 10821 वोटों से हार का सामना करना पड़ा था।
जागरण संवाददाता, मुरादाबाद। कुंदरकी विधानसभा क्षेत्र के उप चुनाव का परिणाम शनिवार को आ रहा है। परिणाम को लेकर सभी के अपने-अपने दावे हैं। लेकिन, मुख्य रूप से मुकाबला भाजपा के रामवीर सिंह और सपा के मो. रिजवान के बीच दिखाई दे रहा है। मतगणना की तैयारी पूरी हो चुकी है।
भाजपा प्रत्याशी रामवीर सिंह कुंदरकी विधानसभा क्षेत्र से तीसरी बार मैदान में है। कुल मिलाकर वह चौथी बार विधानसभा का चुनाव लड़ रहे हैं। इससे पहले तीनों बार उन्हें हार मिली थी। वहीं मो. रिजवान तीन बार विधायक रह चुके हैं। जबकि, तीन बार हार का सामना करना पड़ा।
सबसे पहले वह 1996 में चुनाव लड़े, तब बसपा से हार मिली थी। इसके बाद 2002, 2012 और 2017 में सपा के टिकट पर चुनाव जीते। वह सातवीं बार चुनाव लड़ रहे हैं। दोनों में 2012 और 2017 में भी आमने-सामने का मुकाबला हो चुका है। दोनों के बीच बेहद करीबी मुकाबला रहा। 2017 में रामवीर सिंह मात्र 10,821 वोट से हार का सामना करना पड़ा था।
2022 में दोनों को ही अपनी-अपनी पार्टियों से टिकट नहीं मिला था। भाजपा ने रामवीर सिंह के बजाय 2022 में कमल प्रजापति को प्रत्याशी बनाया था, तो मो. रिजवान ने टिकट काटे पर जाने पर सपा से बगावत कर बसपा के टिकट पर चुनाव लड़े थे। इसमें सपा प्रत्याशी जियाउर्रहमान ने कमल प्रजापति को हराया था। जबकि मो. रिजवान तीसरे नंबर पर रहे थे।
आसान नहीं थीं दोनों की टिकट के दावेदारी
रामवीर सिंह के संगठन के साथ संबंध बहुत अच्छे नहीं रहे हैं। फिर भी भाजपा उन्हें तीन बार हारने के बाद चौथी बार प्रत्याशी बनाया है। भाजपा में भी माना जाता है कि रामवीर सिंह क्षेत्र में अपने व्यवहार के बदले मुस्लिम वोट भी ले सकते हैं। पिछला रिकार्ड और कुंदरकी की परिस्थितियों को देखते हुए उनके नाम पर मुहर लगने में मददगार साबित हुआ।
वहीं, रामवीर सिंह का दावा है कि उन्हें प्रत्याशी बनाए जाने में मुख्यमंत्री की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। ऐसे में उप चुनाव में रामवीर सिंह की प्रतिष्ठा के साथ बहुत कुछ दांव पर लगा है। जीत ही पार्टी हाईकमान के भरोसे का पैमाना बनेगी। उधर, मो. रिजवान के 2022 में सपा से टिकट काटे जाने के कई कारण रहे। टिकट नहीं मिलने पर बसपा से चुनाव लड़ने पर सपा के वरिष्ठ नेता उनसे नाराज थे।इसके बावजूद सपा के मुखिया अखिलेश यादव ने उन्हें पार्टी में वापस लिया। कुंदरकी उप चुनाव के लिए टिकट मिलना इतना आसान नहीं था। मुरादाबाद के राजनीति के कई प्रभावशाली नेता टिकट के लिए दावेदारी कर रहे थे। इसके बावजूद सभी को नजरअंदाज करते हुए अखिलेश यादव ने उन्हीं पर भरोसा जताया। ऐसे में उन्हें पार्टी का भी भरोसा जीतना है। कुंदरकी सीट का परिणाम दोनों के लिए बेहद महत्वपूर्ण है।
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मो. रिजवान | सपा | 1,10,561 |
रामवीर सिंह | भाजपा | 99,740 |
अकबर हुसैन | बसपा | 36071 |