Move to Jagran APP

बहराइच में भेड़िए तो अगवानपुर में तेंदुए का आतंक, डर के साये में 50 हजार की आबादी, खाैफ में कट रही रातें

Moradabad News कस्बा अगवानपुर में इन दिनों चर्चा में बस एक नाम है तेंदुआ। 50 हजार आबादी वाले क्षेत्र में हर कोई पीड़ा बयां करना शुरू कर देता है। डर ऐसा है कि तेंदुए से बचने के लिए लोग झुंड में लाठी-डंडों से लैस होकर खेतों को जा रहे हैं। खेत के आस-पास बिना काम लोग जाने से बच रहे हैं। पशुओं की सुरक्षा के लिए रात-रात जग रहे हैं।

By Jagran News Edited By: Abhishek Saxena Updated: Wed, 04 Sep 2024 11:00 AM (IST)
Hero Image
Moradabda News: कस्बा में तेंदुआ का आतंक है। फाइल फोटो।
अनुज मिश्र, मुरादाबाद। कमिश्नरी से मात्र 10 किलोमीटर दूर... कस्बा अगवानपुर। करीब 50 हजार की आबादी के इस इलाके में मंगलवार को पहुंचे तो अलग ही नजारा दिखा। आम मुहल्लों में जहां कई घरों पर राष्ट्रीय ध्वज या धर्म पताका लगी थी। वहीं, कई मुहल्लों में जंगल या खेत की ओर से लगे कुछ घरों पर एक अलग ही नजारा दिखा। यहां छत की ओर कनस्तर टंगे थे, जिन पर लंबी सी रस्सी लटकी थी। चौंकते हुए आसपास के लोगों से पूछा तो पता चला कि यह आम कनस्तर नहीं बल्कि एक तरह का अलार्म है।

आसपास तेंदुआ दिखता है तो इसे लटकी रस्सी की मदद से ‘खतरे की घंटी’ की तरह बजा देते हैं। तेज आवाज सुनकर आसपास की बड़ी आबादी के लोग सतर्क हो जाते हैं और अपने बच्चों, मवेशी, अन्य पशु को सुरक्षित जगह पहुंचा देते हैं। लोग बताते हैं कि यहां पिछले कुछ दिनों से हर जुबां पर एक ही नाम सबसे ज्यादा है...तेंदुआ। डर इतना कि शाम होते-होते लोग या झुंड में रहते हैं या घरों में कैद हो जाते हैं। उधर, वन विभाग की टीम का अब तक कोई पता नहीं, इसको लेकर लोगों में रोष है।

मंडल के तीन जिलों में तेंदुए का आतंक

मुरादाबाद मंडल के तीन जिलों मुरादाबाद, रामपुर व बिजनौर में तेंदुए का आतंक है। अगवानपुर में हाल में तेंदुए द्वारा पशुओं पर हमले के कई मामले सामने आए जिसके बाद दैनिक जागरण की टीम मंगलवार को वहां पहुंची। 12 सौ से 13 सौ आबादी वाले मोहल्ला सराय फारुख के रहने वाले मो. अब्बास ने दर्द बयां किया। उन्होंने बताया कि पांच दिन पहले गन्ने के खेतों की ओर से भोर में एक तेंदुआ बिलौटे का पीछा करते-करते आ धमका। वह पशुओं की रखवाली के लिए बाहर बैठे हुए थे। कुछ समझ पाते कि इतनी देर में तेंदुए ने तेज छलांग लगाई और पहली मंजिल से बिलौटे को पकड़ लिया। उसे घसीटते हुए लेकर चला गया। इस घटनाक्रम से अब्बास डर गए।

रात भर जाकर करनी पड़ी रखवाली

अब्बास बताते हैं कि उस दिन के बाद से पशुओं की रखवाली के लिए रात-रात भर जगना पड़ता है। आपात स्थिति में आस-पास के लोगों को जानकारी हो सके, इसके लिए खाली पीपे को रस्सी के सहारे बांधा गया है। तेंदुए के आने की दशा में उसे बजाकर लोगों को अलर्ट कर दिया जाता है। आस-पास के लोगों को भी इसकी जानकारी दे दी गई है।

पतंग उड़ाना भी किया बंद

इस बीच आए युवा कहते हैं कि तेंदुए के चलते पतंग उड़ाना बंद हो गया है। दिन में भी बाहर निकलने से डर लगता है। टीम आगे बढ़कर 35 सौ आबादी वाले मोहल्ला ढाप पहुंची। यहां के रहने वाले अहमद हसन उर्फ कादिर बताते हैं कि छह दिन पहले बेटा पशुओं को चराने के लिए ले गया था। शाम को वापसी के समय तेंदुए ने अचानक ने एक कटरे का गला पकड़ लिया। जैसे-तैसे वह बचा। बेटे ने भी भागकर जान बचाई। कटरे का उपचार चल रहा है।

बताते हैं कि भोजपुर-ठाकुरद्वारा रोड तक मोहल्ले के पीछे इस्लामनगर तक जंगल है। जंगल की ओर से ही तेंदुआ शिकार ढूंढते हुए आता है जिससे हर किसी को डर सता रहा है। वन विभाग की टीम को सूचना देने के सवाल पर कहते हैं कि कई बार शिकायत की गई लेकिन, कोई नहीं आया।

निशाने पर रामगंगा नदी किनारे के गांव, बिजनौर के 76 गांव संवेदनशील

तीनों जनपदों में बिजनौर सबसे ज्यादा प्रभावित है। वन विभाग के अधिकारी बताते हैं कि बिजनौर के 86 गांव सबसे ज्यादा संवेदनशील है जिसमें बिजनौर व चांदपुर बार्डर पर 14 गांवों को विशेष रूप से चिह्नित किया गया है। वन विभाग की टीम के अनुसार, तेंदुआ गन्ने के खेतों से होते हुए आगे की ओर बढ़ते हैं। रामगंगा नदी किनारे के गांवों में गन्ने की सर्वाधिक खेती है। घनी फसल होने के चलते तेंदुए सुरक्षित मार्ग समझते हुए आगे की ओर बढ़ते-बढ़ते आबादी में पहुंचे जाते हैं।

बचाव के लिए उठाए यह कदम

वन विभाग के अधिकारी बताते हैं कि बचाव के लिए घरों के आस-पास साफ-सफाई रखे। झाड़ियां ना होने पाए। रोशनी की पर्याप्त व्यवस्था रखें। पशुओं को अंदर बांधे। खुले में ना बांधे। हरसंभव कोशिश करें कि सूर्यास्त के बाद खेतों की ओर ना जाए। बहुत आवश्यकता पड़ने पर जाए भी तो झुंड में जाएं। हाथों में लाठी-डंडा लिये रहें। तेंदुआ दिखने की स्थिति पर सुरक्षित स्थान पर पहुंचने के बाद वन विभाग की टीम को सूचित करें। वन विभाग की टीम क्षेत्र में कांबिंग करेगी, जरूरत पड़ने पर पिजड़ा भी लगाया जाएगा।

ये भी पढ़ेंः कौन हैं बबीता चौहान जो अपर्णा यादव को पीछे छोड़ राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष बनीं, पढ़िए उनके बारे में

ये भी पढ़ेंः UP News: पिता की गोली मारकर हुई थी हत्या, 9 साल बाद बेटी ने डिप्टी एसपी बनकर सपना किया पूरा; IPS बनना लक्ष्य

सभी विभागों से समन्वय के मुख्यमंत्री ने दिये निर्देश

बढ़ती समस्या को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यानाथ ने सोमवार को प्रदेश के अफसरों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग की थी। प्रदेश के 11 जिलों में मंडल के तीन जनपदों के संवेदनशील की लिस्ट में शामिल होने पर मुख्यमंत्री ने विभागों से समन्वय कर समस्या के निदान के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि लोगों आराम से घरों में रहें। इसको लेकर ऐसी स्थिति पर वन विभाग के साथ पुलिस प्रशासन की टीम भी सामंजस्य बनाकर काम करें। बिजली विभाग की टीम को हाट स्पाट चिह्नित कर रोशनी के प्रबंध के निर्देश दिये। वन विभाग की टीम को पेट्रोलिंग बढ़ाने के निर्देश भी दिये।

तेंदुए के डर के चलते दिन में भी अकेले घर से निकलने में डर लगता है। खेतों के आस-पास तो जाने का कोई मतलब ही नहीं। पतंग भी नहीं उड़ा पा रहे हैं। जामिन

बीते दिनों अचानक से तेंदुआ आ गया, गनीमत रही कि कोई जनहानि नहीं हुई। सभी लोग तेंदुए से डरे हुए हैं कि वह कब आ जाए? घर में भी सतर्क रहना पड़ता है। अफरोज

रामगंगा नदी किनारे गांवों में तेंदुए की सक्रियता देखी गई है। बचाव के लिए टीम लोगों को जागरूक करने के साथ पेट्राेलिंग कर रही हैं। जरूरत पड़ने पर संबंधित स्थानों पर पिजड़ा भी लगाया जा रहा है। - रमेश चंद्र, वन सरंक्षक, मुरादाबाद मंडल 

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।