Moradabad Amrit Sarovar: अमृत को तरस रहे मुरादाबाद के सरोवर, 48 तालाबों को है काम शुरू होने का इंतजार
Moradabad Amrit Sarovar मुरादाबाद में वर्षा का जल संचय करने के लिए प्रधानमंत्री की इस योजना को अमली जामा पहनाने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हर गांव में अमृत सरोवर बनाने की घोषणा की थी। जिसके बाद अपने जिले में 48 तालाब ऐसे हैं जहां काम होना बाकी है।
By Jagran NewsEdited By: Swati SinghUpdated: Sat, 10 Jun 2023 09:39 AM (IST)
मुरादाबाद, जागरण संवाददाता। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की प्राथमिकता पर शामिल अमृत सरोवर के काम को अधिकारी गंभीरता से लेते नहीं नजर आ रहे हैं। जिले में वर्षा का जल संचय करने के लिए प्रधानमंत्री की इस योजना को अमली जामा पहनाने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हर गांव में अमृत सरोवर बनाने की घोषणा की थी। जिसके बाद अपने जिले में 48 तालाब ऐसे हैं, जिनकों चिहिन्त करने के बाद भी काम शुरू नहीं कराया जा सका।
अधिकारी कभी धन अभाव की बात कहते हैं तो कभी और कुछ कहकर टाल रहे हैं। ऐसे में मानसून की वर्षा के जल का संचय करना भी मुश्किल लग रहा है। जिले में कुल 655 तालाबों को अमृत सरोवर बनाने की कार्ययोजना थी। इनमें 643 ग्राम पंचायतें हैं। आठ अमृत सरोवर को जिला पंचायत बना रही है। चार लघु सिंचाई विभाग बनाने का दावा कर रहा है। अमृत सरोवर के चयन के लिए शर्त यह थी कि तालाब एक एकड़ से कम नहीं होना चाहिए था। अधिकारियों ने तालाबों के चयन में मनमानी की।
ये है अमृत सरोवर के निर्माण की सच्चाई
दावा किया जा रहा है कि सिंचाई विभाग और जिला पंचायत को छोड़कर जिले में 111 अमृत सरोवर बनकर तैयार हो गए हैं लेकिन, जमीनी हकीकत कागजों से इतर है। अभी तक अधिकतर अमृत सरोवरों में काम चल रहा है। जिले में 48 अमृत सरोवर चिन्हित हैं, जिन पर अभी तक काम भी शुरू नहीं हो सका है।प्रदेशाध्यक्ष के गांव में बन रहा सबसे महंगा अमृत सरोवर
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष भूपेन्द्र सिंह चौधरी के गांव मेहंद्री सिकंदरपुर गांव में एक करोड़ 79 लाख 41 हजार की लागत से सबसे महंगा अमृत सरोवर बन रहा है। जिला पंचायत के अधिकारियों का दावा है कि 80 फीसद काम हो चुका है। सीढ़ी और सड़क बनाए जाने का काम तेजी से हो रहा है। निबाड़ खास गांव में भी जिला पंचायत के एक करोड़ 40 लाख 945 रुपये की लागत से अमृत सरोवर बनाया जा रहा है। इसका 90 प्रतिशत काम पूरा होने का दावा है।
बताया जा रहा है कि फिनिशिंग का काम बचा है। जिला पंचायत अध्यक्ष डा. शैफाली सिंह के गांव मोहम्मदपुर बस्तौर में एक करोड़ 34 लाख 597 रुपये की लागत से अमृत सरोवर बनाया जा रहा है। इनके यहां के अमृत सरोवर का काम भी अभी तक पूरा नहीं हो सका है। अस्सी प्रतिशत काम पूरा होने का दावा है।
सबसे धीमा काम
सबसे कम बजट वाले सत्तीखेड़ा गांव के अमृत सरोवर पर चल रहा है। इस अमृत सरोवर पर 55 लाख रुपये खर्च होने हैं लेकिन, काम अभी चालीस प्रतिशत ही हो सका है। बिलारी विकास खंड के रामनगर गंगपुर गांव में 75 लाख रुपये से अमृत सरोवर बन रहा है। यहां भी अभी तक काम पूरा नहीं हो सका है। सिर्फ बूजपुर मान गांव में 58 लाख रुपये की लागत से बनने वाला अमृत सरोवर बनकर तैयार हो चुका है। इस तरह अभी तक सिर्फ एक गांव का अमृत सरोवर बनकर तैयार हुआ है।
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