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Kunwar Sarvesh Singh: आखिरी रात भी समर्थकों संग की राजनीति पर चर्चा, जयाप्रदा ने कुंवर सर्वेश सिंह के निधन को बताया व्यक्तिगत क्षति

सर्वेश सिंह के भतीजे अमित सिंह ने बताया कि दाढ़ के आपरेशन के बाद संक्रमण हो गया था। जिसकी जांच के लिए ही उन्हें एम्स ले गए थे। वहां हार्ट अटैक से मृत्यु हुई है। उनका शव अंतिम दर्शन के लिए रविवार को गांव रतूपुरा में आवास पर रखा जाएगा। दो बजे गांव में मां और पिता के समाधिस्थल के पास ही अंतिम संस्कार किया जाएगा।

By Jagran News Edited By: Abhishek Saxena Updated: Sun, 21 Apr 2024 08:45 AM (IST)
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चुनाव प्रक्रिया के दौरान भाजपा नेता सर्वेश सिंह का फाइल फोटो। जागरण
जागरण संवाददाता, मुरादाबाद। तबीयत खराब होने के कारण भले ही सर्वेश सिंह चुनाव प्रचार में बाहर नहीं निकले, लेकिन घर से राजनीति में वह लगातार सक्रिय रहे। यहां तक कि शुक्रवार रात भी समर्थकों संग राजनीति पर ही चर्चा चली। गले का आपरेशन होने के कारण वह बहुत अधिक बोलने की स्थिति में नहीं थे।

शुक्रवार को उन्होंने अपने गांव रतूपुरा में जाकर वोट भी डाला था। मतदान प्रक्रिया पूरी होने तक वह घर पर ही रहे और सभी क्षेत्रों में जुटे अपनी टीम के सदस्यों से जानकारी लेते रहे। शाम छह बजे के बाद उनके आवास पर समर्थक जुटने लगे थे। उनके बीच में भी बैठे थे। लेकिन, बातचीत नहीं की थी। देर शाम ईवीएम स्ट्रांग रूम में रखे जाने की प्रक्रिया को देखने के बाद उनके बेटे बढ़ापुर विधायक सुशांत सिंह रात करीब आठ बजे गांव पहुंचे।

दिल्ली एम्स में उनकी पहले से 20 अप्रैल को अप्वाइंटमेंट था। इसके चलते रात नौ बजे वह स्वजन के साथ दिल्ली रवाना हो गए। सुबह दस बजे वह जांच के लिए एम्स पहुंचे और उन्हें वहां भर्ती कर लिया गया।

दोपहर में ठंड लगने के बाद बिगड़ी स्थिति

दोपहर में करीब साढ़े तीन बजे उन्हें ठंड लगने लगी। इसकी जानकारी डाक्टर को दी गई तो प्रथमदृष्टया जांच में हृदय संबंधी समस्या की आशंका हुई और अन्य चिकित्सकों को भी बुला लिया गया। उनका उपचार चल रहा था। थोड़ी देर के लिए स्थिति सुधरी और फिर से बिगड़ गई और शाम करीब साढ़े पांच बजे उनका निधन हो गया। निधन के बाद स्वजन का पार्थिव शरीर लेकर गांव रतूपुरा के लिए रवाना हो गए।

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जयाप्रदा ने कुंवर सर्वेश सिंह के निधन को बताया व्यक्तिगत क्षति

रामपुर से दो बार लोकसभा सांसद रहीं फिल्म अभिनेत्री जयाप्रदा ने मुरादाबाद के पूर्व सांसद कुंवर सर्वेश सिंह के निधन पर दुख व्यक्त करते हुए कहा कि यह मेरी व्यक्तिगत क्षति है। कुंवर सर्वेश सिंह मेरे बड़े भाई थे, जो मेरे सुख-दुख में साथ रहते थे और हमेशा राजनीतिक एवं व्यक्तिगत रूप से सहयोग करते थे।

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फिल्म अभिनेत्री जयाप्रदा ने कहा कि कुंवर सर्वेश सिंह लोकप्रिय नेता थे, जो हमेशा गरीबों के लिए संघर्ष करते थे और गरीबों की मदद किया करते थे। पूर्व सांसद ने कहा कि कुंवर सर्वेश सिंह हमारे बीच नहीं रहे है यह मुझे यकीन ही नहीं हो रहा है। ईश्वर उनकी आत्मा को शांति दे।

गांव से कभी नहीं टूटा नाता

सर्वेश सिंह का रतूपुरा से कभी नाता नहीं टूटा। विधायक बनने के बावजूृद वह गांव के घर में ही रहे। उस घर को भी उन्होंने महलनुमा आकार दिया था। घर में विशालकाय गेट से प्रवेश करते ही सामने लाल पत्थर से बने खंभे और कशीदेकारी किसी राजस्थान के छोटे महल का अहसास कराती है। बैठक में वह पीतल के शेरों का मुंह बने सिंहासन नुमा कुर्सी पर बैठते थे। मुरादाबाद में घर होने के बावजूद वह कभी रात को उसमें नहीं रुकते। रात को सीधे रतूपुरा ही पहुंचते। 

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मूंछ थी उनकी पहचान

सर्वेश सिंह की मूंछ उनकी पहचान थी। बड़ी-बड़ी नुकीली मूंछे रखते थे। जिस पर हमेशा ताव देते हुए बात करते। इतना ही नहीं उनके समर्थक में उनकी दीवानगी ऐसी थी बड़ी संख्या में लोग उनकी जैसी मूंछे रखते हैं। इसके अलावा उनके समर्थक जब वह सांसद थे, तब बहुत से समर्थक अपनी गाड़ियों पर सांसद पुत्र, सांसद शिष्य जैसे स्टीकर लगवाकर चलते।

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