Moradabad DPS Case में ट्रस्टी को हाईकोर्ट में एक सप्ताह में जवाब दाखिल करने की मिली मोहलत
Moradabad DPS Franchise Dispute Case मान्यता रद होने के बाद भी डीपीएस का नाम व लोगो इस्तेमाल करने के मामले में डीपीएस सोसाइटी ने दिल्ली हाईकोर्ट में पेश कर रखा है एक करोड़ रुपये का दावा। जवाब दाखिल होने के बाद सुनवाई शुरू होगी।
By Samanvay PandeyEdited By: Updated: Fri, 02 Sep 2022 10:41 AM (IST)
जागरण संवाददाता, मुरादाबाद। Moradabad DPS Franchise Dispute Case : डीपीएस प्रकरण को लेकर ट्रस्टी को एक हफ्ते में अपना जवाब दाखिल करने का समय दिल्ली हाईकोर्ट ने दिया है। जवाब दाखिल करने के बाद सुनवाई 19 सितंबर को होगी। डीपीएस मुरादाबाद पर दिल्ली सोसाइटी ने मान्यता रद होने के बावजूद अवैध रूप से डीपीएस का नाम व लोगो इस्तेमाल करने पर दो करोड़ रुपये का दावा ठोका था।
इसमें सभी छह ट्रस्टी को हाईकोर्ट की ओर से नोटिस मिल चुका है। इसको लेकर एक सितंबर को दिल्ली हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। अभिभावकों को गुरुवार को होने वाली सुनवाई का इंतजार रहा। हालांकि, डीपीएस में 1,500 बच्चों के भविष्य पर संकट के बादल अभी मंडराए हुए हैं।
डीपीएस प्रशासन ने बीते दिनों स्कूल का नाम बदलने के लिए अभिभावकों से अनापत्ति प्रमाण पत्र पर हस्ताक्षर मांगे थे। इस अनापत्ति प्रमाण पत्र पर अभी अभिभावक हस्ताक्षर कतई करने को तैयार नहीं है। अभिभावक पहले जिलाधिकारी से मिलकर अपनी बात रखेंगे। अभिभावक डीपीएस की मान्यता रद होने पर स्कूल की फीस कम करने के लिए मांग कर चुके हैं। अभिभावकों से डीपीएस के नाम पर भी फीस वसूली जा रही है।
इसका विरोध अभिभावक कर रहे हैं। इस संबंध में डीपीएस की उप प्रधानाचार्या संगीता सिन्हा से बात करने की कोशिश की। लेकिन, उनका फोन नहीं उठा। इससे पहले दिल्ली हाईकोर्ट डीपीएस गजरौला के मामले में फैसला सुना चुका है। जिसमें वर्तमान सत्र में कोई नया प्रवेश नहीं लेने और एक अप्रैल 2023 तक ही डीपीएस का नाम व लोगो इस्तेमाल कर सकते हैं।
अभिभावक असगर अली ने बताया कि अनापत्ति प्रमाण पत्र पर हस्ताक्षर करने का सवाल ही नहीं है। अभी हम पहले जिलाधिकारी से मिलेंगे। डीपीएस के नाम पर अभिभावकों से फीस आखिर क्यों ली जा रही है। सनी सेठी का कहना का कहना है कि शीघ्र मिलने के लिए अभिभावक तिथि तय करेंगे। डीपीएस के नाम पर फीस लेना और अनापत्ति प्रमाण पत्र पर हस्ताक्षर पर चर्चा करेंगे।
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