मुरादाबाद के सांसद बोले-लद्दाख में यूनिवर्सिटी अच्छी पहल, लेकिन जौहर यूनिवर्सिटी को क्यों उजाड़ा जा रहा है
मुरादाबाद के सांसद डॉ. एसटी हसन ने सदन में बयां किया लॉकडाउन का दर्द। किसानों की समस्याओं को निस्तारित कराने पर जोर दिया। कहा कि किसान देश की रीढ़ हैंं लेकिन उनको किसी तरह की सहूलियत नहीं दी गई है।
मुरादाबाद, जेएनएन। बजट सत्र में सांसद डॉ. एसटी हसन ने सभापति को बताया कि सभी राजनीतिक पार्टियों में मतभेद और मनभेद हो सकते हैं, लेकिन टारगेट करके मुहम्मद अली जौहर यूनिवर्सिटी को कायदे कानून के नाम पर उजाड़ने का काम किया जा रहा है। केंद्र सरकार ने लद्दाख में यूनिवर्सिटी और सैनिक स्कूल बनवाने की घोषणा की है। तालीम के लिए सरकार का अच्छा काम है लेकिन, अल्पसंख्यकों की बनी बनाई यूनिवर्सिटी को बर्बाद क्यों किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि कोरोना की वजह से लगे लॉकडाउन में लोग बेरोजगार हो गए। किसान परेशान हैं। इसके लिए कोई व्यवस्था नहीं की गई है। इनकम टैक्स की लिमिट को बढ़ाई जाती तो बेहतर होता। देश में गरीबी बहुत है। बजट में गरीबों के लिए कुछ नहीं रखा गया। लाॅकडाउन के दौरान दूसरे राज्यों से जो लोग अपने घरों को आ रहे थे और उनमें से बहुत से लोगों की मौत हाे गई। उसका सरकार के पास कोई हिसाब नहीं है। शिक्षा बजट में कटौती कर दी गई। अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी की स्थापना के सौ साल बाद रामपुर में विश्वविद्यालय बना, उसे बर्बाद करने का काम किया जा रहा है। हमारे राजनीतिक मतभेद-मनभेद की वजह से यूनिवर्सिटी को भेंट नहीं चढ़ाया जाना चाहिए। आम आदमी की थाली आज तक सस्ती नहीं हुई है। किसान देश की रीढ़ की हड्डी है लेकिन, उसको किसी तरह की सहूलियत नहीं दी गई है।