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Sanskarshala 2022 : मनुष्य को अनुशासित भी बनाती डिजिटल दुनिया, आईए जानें इसके सकारात्मक और नकारात्मक पहलू

Moradabad Sanskarshala 2022 मुरादाबाद के बिलारी के राम रतन इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य रामकिशन का कहना है कि आजकल डिजिटल माध्यमों से मानव जीवन काफी सरल हो गया हैं। डिजिटल माध्यमों के गुणवत्तापूर्ण परिणाम प्राप्त हो रहे हैं।

By Jagran NewsEdited By: Samanvay PandeyUpdated: Sun, 16 Oct 2022 04:29 PM (IST)
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Moradabad Sanskarshala 2022 : मुरादाबाद के बिलारी के राम रतन इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य रामकिशन।
Moradabad Sanskarshala 2022 : मुरादाबाद के बिलारी के राम रतन इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य रामकिशन का कहना है कि आजकल डिजिटल माध्यमों से मानव जीवन सरल हो गया हैं। उसके गुणवत्तापूर्ण परिणाम प्राप्त हो रहे हैं। 19वीं शताब्दी में चार्ल्स वैवेज ने विश्लेषणात्मक इंजन (आधुनिक कंप्यूटर का अग्रदूत) और साथ ही टेलीग्राफ के आविष्कार के बारे में जानकारी प्राप्त की थी।

डिजिटल दुनिया संचार प्रणाली को सरल किया

1980 के दशक में आप्टिकल कांपेक्ट डिस्क के डिजिटल रूप को धीरे-धीरे एनालाग प्रारूपों में बदल दिया गया। एनालाग तकनीक को डिजिटल रूप में बदलने पर रिकार्ड किये गए परिणामों में काफी परिवर्तन देखने को मिलता है। डिजिटल का सकारात्मक पहलू यह भी है कि इसके उपयोग से संचार प्रणाली सरल हो जाती है।

बातचीत के तरीके बदले

इसकी सहायता से सोशल नेटवर्क और स्मार्ट फोन प्रौद्योगिकी को समझा जा सकता है। डिजिटल ने व्यक्तियों व कंपनियों को एक दूसरे के साथ बातचीत करने के तरीके को बदल दिया है। तकनीकी प्रगति में वृद्धि के साथ डिजिटल क्रांति में नौकरी व कौशल की मांग बढ़ती जा रही है।

डिजिटल शिक्षा पर फोकस

केंद्रीय वित्त मंत्री ने कोरोना महामारी को देखते हुए इस बार के बजट में डिजिटल शिक्षा पर फोकस किया है। इसके लिए उन्होंने डिजिटल विश्व विद्यालय की स्थापना के लिए आदेशित किया है। कोरोना के चलते विद्यार्थियों की पढाई का बहुत नुकसान हुआ है। डिजिटल विश्वविद्यालय के जरिए ई-कंटेंट व ई-लर्निंग को बढ़ावा मिला है।

कहीं से किसी भी परिस्थिति में हो सकती है पढ़ाई

इससे छात्र-छात्राएं घर बैठे गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्राप्त कर सकते हैं। डिजिटल विश्वविद्यालयों में पढ़ाई पूरी तरह आनलाइन होती है, जैसे कि मेडिकल के छात्र छात्राएं पीजी प्रतियोगिता की तैयारी आनलाइन करते हैं। आज देश के किसी भी कोने से आनलाइन पढ़ाई की जा सकती है।

डिजिटल यूनिवर्सिटी का क्या है मॉडल

डिजिटल विश्वविद्यालय में हमारे काबिल शिक्षकों की प्रतिभा का बेहतरीन इस्तेमाल होता है। डिजिटल यूनिवर्सिटी हब और स्पोक माडल पर आधारित होती है। यह एक ऐसा नेटवर्क है जिसमें सब कुछ स्वत: ही होता है। केरल की डिजिटल यूनिवर्सिटी में पोस्ट ग्रेजुएट कार्यक्रम और विभिन्न डिजिटल तकनीकी के क्षेत्र में शोध किया जाता है।

अध्ययन में काफी मदद

डिजिटल के उपयोग से छात्र छात्राओं को अध्ययन करने में काफी मदद मिलती है। कोरोना जैसी वैश्विक महामारी में भी शिक्षण कार्य चलता रहा है। मोबाइल के माध्यम से आज मनुष्य दुनिया के किसी भी कौने से अपने सगे-संबंधियों से संपर्क स्थापित कर सकता है।

इंसान को काफी अनुशासित किया

कुशल व प्रतिभाशाली लोग अपने वीडियो इंटरनेट पर डालने लगे हैं। जिनका फायदा लोग अपनी आवश्यकतानुसार उठाते हैं। डिजिटल ने मनुष्य को काफी अनुशासित किया है। आज टैली मेडिसिन विभाग द्वारा घर पर इलाज की सुविधा दी जाती है यही नहीं पूरा कृत्रिम उपग्रह तंत्र डिजिटल के सहारे ही चलता है उन उपग्रहों से मौसम की जानकारी एवं मुद्रा के आदान-प्रदान में सहायता मिलती है। 

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