Sanskarshala 2022 : अभिभावकों और बुजुर्गों से आधुनिक तकनीक का ज्ञान साझा करना जरूरी
Moradabad Sanskarshala 2022 मुरादाबाद में कांठ के पट्टी मौढ़ा के महर्षि दयानंद इंटर कालेज के प्रधानाचार्य मदन सिंह का कहना है कि वर्तमान युग विज्ञान का युग है। दूर संचार में होने वाली क्रांति ने जहां एक ओर हमारे जीवन को आसान बनाया है।
By Tarun ParasharEdited By: Samanvay PandeyUpdated: Thu, 03 Nov 2022 02:56 PM (IST)
Moradabad Sanskarshala 2022 : मुरादाबाद में कांठ के पट्टी मौढ़ा के महर्षि दयानंद इंटर कालेज के प्रधानाचार्य मदन सिंह का कहना है कि वर्तमान युग विज्ञान का युग है। दूर संचार में होने वाली क्रांति ने जहां एक ओर हमारे जीवन को आसान बनाया है, तो वहीं दूसरी ओर अनेक समस्याएं भी उत्पन्न की है।
हमारे यहां रहने वाले वे बुजुर्ग जो तकनीकी ज्ञान से अनजान हैं, कभी-कभी साइबर ठगी का शिकार हो जाते हैं और इसके बदले उनको आर्थिक नुकसान उठाना पड़ता है। इस स्थिति से बचने के लिए हम सबका यह कर्तव्य है कि हम उन्हें तकनीकी ज्ञान से अवगत कराएं। हालांकि, कहीं-कहीं इस कार्य में टकराव या कठिनाई की स्थिति भी उत्पन्न हो सकती है।
क्योंकि हमारे अभिभावक या बुजुर्ग अपने बच्चों से सीखने में असहजता का अनुभव करते हैं, अतः हमें उनके साथ सौहार्द्र एवं सहानुभूति पूर्ण तरीके से तकनीकी कौशल साझा करना चाहिए। आजकल डिजिटल लेन-देन का व्यवहार बहुत प्रचलित है और हमारे देश की सरकार भी इस पर बल दे रही है।
अतः हमारे दैनिक जीवन में प्रयोग होने वाले एवं बहुउपयोगी एप्स जैसे- गूगल-पे, फोन-पे, टि्वटर, इंस्टाग्राम, वाट्सएप, फेसबुक आदि के प्रयोग एवं सावधानियों पर भी चर्चा करनी चाहिए। विशेषकर आर्थिक लेन-देन संबंधी जानकारी वाले साधनों की चर्चा अति आवश्यक है।
इससे उनके मन में सीखने की प्रवृत्ति को भी बल मिलेगा तथा किसी प्रकार की धोखाधड़ी एवं धनहानि से भी बच सकते हैं। आज की भौतिकवादी जिंदगी हमें अपने बुजुर्गों से दूर ले जा रही है। धन कमाने की अंधी दौड़ में नैतिक मूल्य, मानवीय संबंध सब खोते जा रहे हैं। इनके दुष्परिणाम अत्यंत भयंकर एवं कष्टकारी होंगे।
यह सब वर्तमान में भले ही आकर्षक प्रतीत होता होता हो, किंतु नैतिक मूल्यों से रहित जीवन बहुत ही कष्टकारी सिद्ध होगा। बुजुर्गों एवं अभिभावकों से तकनीकी ज्ञान साझा करने का एक बहुत बड़ा लाभ यह भी होगा, कि हम उनसे भावनात्मक रूप से भी जुड़े रहेंगे और उन्हें अपने जीवन की सांध्य बेला में अकेलेपन की भी अनुभूति नहीं होगी।
हमें बुजुर्गों से तकनीकी ज्ञान साझा करते समय उन्हें इस बात की जानकारी भी अवश्य देनी चाहिए कि हम बिना बैंक में जाकर भी किसी एप के माध्यम से किसी के खाते में पैसे भेज सकते हैं और दूर बैठे किसी व्यक्ति से पैसे प्राप्त भी कर सकते हैं। इसके अतिरिक्त इन कार्यों में होने वाले खतरों से बचने के लिए किन-किन सावधानियों को अपनाना जरूरी है यह भी उन्हें बताया जाना चाहिए।
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