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Padma Shri Award 2023: नक्काशी के उस्ताद दिलशाद हुसैन को मिलेगा पद्मश्री पुरस्कार

Padma Shri Award 2023 पीतलनगरी के हस्तशिल्प की पहचान पूरे विश्व में है। इस पहचान को और अधिक चमक देने में सहयोग करने वाले शिल्पगुरु दिलशाद हुसैन का चयन पद्श्री सम्मान के लिए हुआ है। मुरादाबाद में इससे पहले किसी को पद्म पुरस्कार नहीं मिला है।

By Tarun ParasharEdited By: MOHAMMAD AQIB KHANUpdated: Wed, 25 Jan 2023 11:47 PM (IST)
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Padma Shri Award 2023: नक्काशी के उस्ताद दिलशाद हुसैन को मिलेगा पद्मश्री पुरस्कार : जागरण
मुरादाबाद, जागरण संवाददाता: पीतलनगरी के हस्तशिल्प की पहचान पूरे विश्व में है। इस पहचान को और अधिक चमक देने में सहयोग करने वाले शिल्पगुरु दिलशाद हुसैन का चयन पद्श्री सम्मान के लिए हुआ है। मुरादाबाद में इससे पहले किसी को पद्म पुरस्कार नहीं मिला है।

हस्तशिल्प की उनकी प्रतिभा के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी कायल हैं। अगस्त 2022 जब में जी-7 सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राष्ट्राध्यक्षों को उपहार दिए थे, उन्होंने जर्मनी के चांसलर को दिलशाद हुसैन का बनाया कलश भेंट किया था। पद्मश्री के लिए चयनित होने की सूचना मिलने के साथ ही पूरा परिवार खुशी से झूम उठा।

इसके अलावा दिलशाद हुसैन के नाम के साथ अनेक उपलब्धियां जुड़ी हुई हैं। वह राज्य पुरस्कार के साथ, राष्ट्रपति पुरस्कार, शिल्पगुरु पुरस्कार भी प्राप्त कर चुके हैं। उनके हाथों में जादू है। जब पीलत के आइटम को लेकर बैठते हैं, अनूठी कलाकृतियां निकलती है। उन्होंने पीतल की प्लेट पर नक्काशी के माध्यम से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तस्वीर बनाई थी।

वह शिल्पकार प्लेन फूलदान, कलश, बोतल, लोटा, लुटिया आदि पर खोदाई करके फूल पत्तियों की झड़ी लगा देते हैं। नक्काशी के काम के बाद कीमत बढ़ जाती है। यह नक्काशी किसी मशीन से नहीं बनाई जा सकती। नपे तुले और सधे अंदाज में कलम से उभार देकर बनते हैं।

पूरा परिवार है हस्तशिल्पी

मकबरा दोयम कैथ वाली मस्जिद वाली गली में रहने वाले 79 वर्षीय शिल्पगुरु दिलशाद हुसैन शिद्दत के साथ नक्काशी का काम करते हैं। राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित होने के साथ ही उन्हें शिल्पगुरु का खिताब भी पहले मिल चुका है। वह कोई भी उत्पाद तैयार करते हैं तो उद्योग निदेशालय एवं उद्यम प्रोत्साहन को मास्टर पीस के फोटो भी भेज देते हैं। जिससे उनके द्वारा तैयार किए गए जादुई नक्काशी के कलश और अन्य उत्पाद की डिमांड भी है।

निर्यातक विशेष मास्टर पीस तैयार कराने के बाद प्रदर्शनी में भी रख रहे हैं। दिलशाद हुसैन का पूरा परिवार हस्तशिल्प के काम से जुड़ा है। उनकी पत्नी, बेटा, बेटियां और बहू भी इस काम में विशेषज्ञता रखती हैं। उनकी दोनों बहुओं को राज्यपाल से पुरस्कार मिल चुका है।

विदेशों में पसंद किया जाता है नक्काशी का काम

नक्काशी के काम को टर्की, रशिया और दुबई में पसंद किया जाता है। इसमें नेशनल, चुनिया जाली, बिक्री, दरमियानी, जापानी, मरोड़ी का वर्क कलश और अन्य पीतल के बर्तनाें पर किया जाता है।

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