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पढ़़ लो, वरना हमारी तरह सब्जी ही बेचोगे, पिता की इसी बात को गांठ बांधकर जतिन बना टॉपर

Moradabad UP Board 12th Result 2022 Analysis फादर्स डे पर एक पिता के लिए शायद इससे बड़ा उपहार नहीं हो सकता है। जिन बच्चों के भविष्य के लिए तपती धूप में सब्जी बेचता है उन्हीं में एक बेटे ने उसे खुशियों के आसमान पर बैठा दिया।

By Samanvay PandeyEdited By: Updated: Mon, 20 Jun 2022 07:58 AM (IST)
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Moradabad UP Board 12th Result : हाईस्कूल में प्रदेश में छठा स्थान था अब इंटर में पांचवे नंबर पर रहे

मुरादाबाद, (मोहसिन पाशा)। Story of Topper Jatin Raj : फादर्स डे पर एक पिता के लिए शायद इससे बड़ा उपहार नहीं हो सकता है। जिन बच्चों के भविष्य के लिए तपती धूप में सब्जी बेचता है, उन्हीं में एक बेटे ने उसे खुशियों के आसमान पर बैठा दिया। कांठ के मुहल्ला घोसीपुरा के सब्जी विक्रेता भूराज सैनी के बेटे जतिन राज ने हाईस्कूल के बाद इंटरमीडिएट में भी प्रदेश की मेरिट में स्थान बनाया है। पहले वह छठे स्थान पर था, अब पांचवे स्थान पर है।

पांच भाई-बहनों में जतिन सबसे बड़े हैं। उनके घर में दोहरी खुशियां आई हैं। जतिन की बहन अंजलि सैनी ने भी शनिवार को इंटरमीडिएट की परीक्षा 80 प्रतिशत नंबरों से पास की है। अंजलि से छोटी बहन सिमरन इस साल इंटरमीडिएट में आई हैं। इससे छोटी बहन दीक्षिका का इस बार हाईस्कूल है।

भूराज सिंह कांठ के मुहल्ला चौक में फड़ लगाकर सब्जी बेचते हैं। सुबह उठकर मंडी से सब्जी लाकर दिन भर तपती धूप में सब्जी बेचना किसी संघर्ष से कम नहीं है। इसके पीछे उनका सपना पांचों बच्चों के शिक्षा में नाम रोशन करना है। पिता के कड़ी मेहनत से प्रेरणा लेकर जतिन ने अपने जीवन का सफर तय किया है। हाईस्कूल की परीक्षा में जतिन प्रदेश में छठा स्थान बनाने में सफल रहे। उस समय उनका जिले में दूसरा स्थान था।

इस बार इंटरमीडिएट की परीक्षा मेंजतिन 93.8 अंक पाकर प्रदेश में पांचवें स्थान पर रहे है और जिले के टापर। इस उपलब्धि पर स्वजन और रिश्तेदार बधाई देने के लिए उनके घर पहुंच रहे हैं। माता-पिता बेटे की सफलता से बेहद खुश हैं। किसी ने जतिन जैसे संघर्षशील के लिए ही कहा है...

सीढ़िया उन्हें मुबारक हो, जिन्हें सिर्फ छत तक जाना है।

मेरी मंजिल को आसमान है, रास्ता मुझे खुद बनाना है..

मां ने सीने से लगाकर कहा, वाह बेटाः शनिवार को जतिन ने अपने घर में ही लैपटाप पर परिणाम देखा। मेरिट में नाम देखकर उन्होंने मां संतोष देवी के पैर छुए। मां ने भी उन्हें अपने कलेजे से चिपका लिया। मां की आंखों से ऐसी अश्रुधारा बही, मानो उन्होंने मुहमांगी खुशी मिल गई।कहा, वाह बेटा तुम हमारी उम्मीदों पर खरे उतरे। बहनों ने भी जतिन को बधाई दी। पिता को उसी वक्त फोन करके खुशखबरी दी तो वह भी फंड़ किसी अन्य के हवाले कर घर चले आए।

इंजीनियर बनकर करूंगा देश की सेवाः जतिन का कहना है कि इंजीनियर बनकर उनका देश की सेवा करने का इरादा है। बाकी भगवान की जो इच्छा हो। जतिन ने बताया कि मेहनत की सफलता की कुंजी है। लेकिन, स्वजन के सहयोग भी बड़ी अहमियत रखता है। मैं अपनी छोटी बहन के साथ रोजाना छह-सात घंटे पढ़ाई करता था। सरकार की छात्रवृत्ति योजना भी मेरे स्वजन के लिए मदद बनी। उन्होंने कहा कि पिता हमेशा यही कहते हैं, पढ़ लो। कुछ बन जाओगे, वरना हमारी तरह सब्जी बेचने पढ़ेगी। उनके इन्हीं शब्दों ने मुझे आगे बढ़ने के प्रेरित किया। आगे और भी मेहनत करनी है।

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