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UP News: बैंकिंग इतिहास में पहली बार 3.8 लाख बार ट्रांजेक्शन! 18 दिन-100 करोड़ से अधिक का 'खेला', हैरान हैं सभी

Moradabad Update News जींस कारोबारी का बिलारी एसबीआई शाखा में चालू खाता है। ये खाता पिछली 22 जून को ही खुला है। युवक की दुकान बाईपास रोड पर है और वह पंजाब से माल लाता है। दो सप्ताह के अंदर ही इस खाते में इतनी बार लेनदेन किया गया कि मुंबई मुख्यालय की नजर में आ गया। जांच में पता लगा कि सौ करोड़ रुपये का लेनदेन हुआ है।

By Jagran News Edited By: Abhishek Saxena Updated: Mon, 15 Jul 2024 08:45 AM (IST)
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Moradabad News: खबर में सांकेतिक तस्वीर का इस्तेमाल किया गया है।

संवाद सहयोगी, बिलारी (मुरादाबाद)। भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) की बिलारी शाखा का करंट अकाउंट साइबर पुलिस और बैंक अधिकारियों के पहेली बन गया है। वो इसलिए क्योंकि 22 जून को खोले गए करंट अकाउंट यानी चालू खाते से महज 18 दिन के भीतर सैकड़ों में नहीं, हजार-पांच सौ नहीं, हजारों नहीं बल्कि तीन लाख 80 हजार बार में 100 करोड़ रुपये से कहीं अधिक के लेन-देन का दावा किया गया है।

जांच अधिकारियों ने दिन, रकम और लेनदेन की संख्या का गुणा-भाग किया तो वे भी दंग रह गए। यानी हर चार सेकेंड में यूपीआई (यूनीफाइड पेमेंट्स इंटरफेस) के जरिये रुपयों को इधर-उधर किया गया है। सारा लेनदेन बड़ी रकम नहीं बल्कि बहुत छोटी मात्रा में है, एक बार में एक हजार से लेकर तीन-चार हजार रुपये तक।

मुरादाबाद के अलावा प्रदेश के अन्य जिलों, कुछ दूसरे प्रदेशों से भी ट्रांजेक्शन हुए हैं। फिलहाल खाताधारक पुलिस की हिरासत में है मगर फर्जीवाड़े का कोई मुकदमा दर्ज नहीं किया गया है। अलबत्ता, साइबर और बैंक अधिकारी इतना जरूर कह रहे हैं कि बैंकिंग के इतिहास में लेन-देन का ऐसा मामला पहले कभी नहीं देखा।

जींस कारोबारी कर चुका है गुजरात में काम

तेवरखास का जींस कारोबारी मुरादाबाद के अलावा गुजरात में भी काम कर चुका है। उसने 22 जून को बिलारी की एसबीआई शाखा में खाता खुलवाया था। खाता खुलने के साथ उसमें धड़ाधड़ लेन-देन होने लगा। जो भी लेन-देन हुआ है, उसमें से 98 प्रतिशत यूपीआई के माध्यम से किया गया है। हालांकि, चालू खाते से कितनी बार भी ट्रांजेक्शन किया जा सकता है, मगर यहां पूरी प्रक्रिया अतिवादिता से घिरी थी। इसी के चलते स्टेट बैंक के मुंबई मुख्यालय की रडार पर यह खाता आ गया।

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मुख्यालय से बिलारी शाखा को भेजा मेल

मुख्यालय से बिलारी शाखा को मेल भेजकर स्थिति पर निगरानी के लिए कहा गया। इसके बाद ही शाखा प्रबंधक शुभम कश्यप ने 12 जुलाई को खाताधारक को बैंक में बुलाकर जानकारी ली। संतोषजनक जवाब न मिलने पर पुलिस के सुपुर्द कर दिया। फिलहाल बिलारी पुलिस के अलावा सर्विलांस सेल भी खाताधारक से पूछताछ कर रही है।

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संभल की युवती के संपर्क में है कारोबारी

बताया जाता है कि जींस कारोबारी का संभल की एक युवती से संपर्क है। उसका पति गुजरात में कपड़े का कारोबार करता है। वह भी इस खाते का यूपीआई आईडी के आधार पर इस्तेमाल करता था। कई अन्य लोगों से भी खाताधारक के संपर्क हैं। पता चला है कि खाते को कमीशन पर दिया गया था, जो लेन-देन कर रहे थे।

प्रदेश के अलावा दूसरे राज्यों से भी लेन-देन किया गया है। खाते में रकम मोटी आई है, लेकिन ट्रांसफर एक हजार से पांच हजार के बीच हुए हैं। अब बैंक के साथ ही पुलिस और साइबर सेल भी इस लेन-देन की कुंडली खंगालने में लगे हैं। फर्जीवाड़े की शिकायत नहीं मिलने के कारण बिलारी कोतवाली पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज नहीं की है।

खाता खुलते ही होने लगा ट्रांजेक्शन

जांच करने पर पता चला कि खाता खुलते ही लेन-देन शुरू हो गया था। स्थिति यह हो गई कि हर चार सेकेंड में एक लेन-देन हुआ है। बैंक अधिकारी भी बड़ा रिकार्ड होने के कारण नहीं देख पा रहे हैं। वहीं, ब्योरा भी लंबा होने के कारण डाउनलोड होने में भी दिक्कत कर रहा है। खाते से 90 प्रतिशत से अधिक लेन-देन यूपीआई के माध्यम से ही किया गया है। बैंक के अनुसार करंट अकाउंट में कितनी भी बार लेन-देन किया जा सकता है, लेकिन यह प्रक्रिया सामान्य नहीं है। किसी भी बड़े से बड़े शोरूम या व्यापारी के प्रतिदिन के लेन-देन की संख्या का अधिकतम औसत हजार के आस-पास रहता है। यही कारण है कि बैंक के मुख्यालय ने असामान्य तौर पर हो रहे लेन-देन होने पर संदिग्ध माना और साइबर सेल को सूचना दी।

बिलारी में पकड़ा गया था गिरोह

बिलारी में ही गत जून में मध्यप्रदेश के दो लोग गिरफ्तार किए गए थे। वह यहां रहकर खाते भट्ठे पर काम करने वालों से लेकर मजदूरों तक के खाते खुलवाते और इनमें ठगी के रुपये डलवाते। मामूली रकम देकर बाद में उन्हें निकाल लिया जाता था।

मुख्यालय से मांगा है ब्योरा

स्टेट बैंक के बिलारी शाखा प्रबंधक शुभम कश्यप का कहना है कि मुख्यालय के आदेश पर लेन-देन पर रोक लगाई गई है। अभी यह कहना मुश्किल है, कुल कितनी रकम जमा की और निकाली गई। लेकिन लेन-देन तीन लाख से ज्यादा बार है। बैंक की ओर से लेन-देन कितनी बार भी किया जा सकती है, लेकिन इतनी गति संदेह पैदा करने वाली है। खाताधारक ने शेरपुर रोड बिलारी के पते से खाता खोला है।

आखिर जांच अधिकारियों की नजर में...

नेट बैंकिंग यानी यूपीआई के जरिये इतिहास का सबसे चौंकाऊं लेन-देन क्यों बता रहे हैं...? इसका कारण गणित के माध्यम से समझिये। 380000 बार के ट्रांजेक्शन को जब हमने भाग में बांटा तो यह चार सेकेंड में एक लेन-देन तक पहुंचा। यही कारण है, जांच अधिकारियों के गले में खाताधारक के तर्क नहीं उतर रहे। उनका कहना है, कम से कम एक व्यक्ति तो इस तरह का खेल नहीं कर सकता।

साइबर अपराधी कमीशन पर लेते हैं खाता

साइबर अपराधी लेन-देन के लिए कमीशन पर खाते ले लेते हैं। खाताधारक उन्हें अपना पासवर्ड आदि सौंप देते हैं। जितना ज्यादा लेन-देन होता है, उतना ज्यादा कमीशन देने का लालच दिया जाता है। माना जा रहा है, यह खाता कमीशन के आधार पर संचालित किया जा रहा था। इसमें यूपीआई आईडी लेकर चार-पांच प्रतिशत तक कमीशन दिया जाता है।

खाताधारक ने भी स्वीकार किया है कि उसके खाते को रिश्तेदार भी चला रहे थे, मगर जांच टीम का कहना है कि अभी इसमें कुछ और लोग जुड़े हैं। जब तक उन सभी के नाम और पते नहीं मिलते और पूछताछ नहीं होती, तब तक कुछ नहीं कहा जा सकता।

क्या होता है चालू खाता

व्यापारिक ट्रांजेक्शन के उद्देश्य से करंट अकाउंट खुलवाया जाता है, इसे चालू खाता भी कहते हैं। इस खाता में अन्य खातों जैसे सेविंग की तुलना में कई प्रकार की अतिरिक्त सुविधा मिलती हैं। इस अकाउंट में बैंक द्वारा कोई ब्याज नहीं दिया जाता। चालू खाता पर पर किसी भी प्रकार का ब्याज नहीं मिलने के कारण खाताधारक को चालू खाता पर किस प्रकार के टैक्स का भुगतान नहीं करना होता है।

चालू खाता में अकाउंट में एक न्यूनतम बैलेंस रखना होता है। इसमें अधिकतम की कोई सीमा नहीं है। व्यावायिक उद्देश्य के लिए होने के कारण इसमें प्रतिदिन कितने भी लेन-देन किए जा सकते हैं। चालू खाता धारक देश के किसी भी बैंक में जाकर कैश निकाल कर सकते हैं। चालू खाता धारक ड्रॉफ्ट के जरिये भी आसानी से लेन-देन कर सकते हैं।

अभी इस प्रकरण में जांच चल रही है, लेकिन कहीं से फर्जीवाड़े की शिकायत नहीं मिली है। - रविंद्र प्रताप सिंह, थाना प्रभारी, बिलारी

इतनी बार लेन-देन के मामले की जांच शुरू की गई थी। अब पूरे मामले में जांच बिलारी पुलिस कर रही है। - मनोज परमार, प्रभारी, साइबर सेल