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National Sports Day 2022 : उधार की पिस्टल के सहारे ओलंपिक तक पहुंचीं थी देश की पहली महिला निशानेबाज आभा ढिल्लन

National Sports Day 2022 अमरोहा के खिलाड़ियों ने एथलेटिक्स ही नहीं बल्कि अन्य खेलों में भी जिले के होनहार देश-दुनिया में अमरोहा का नाम रोशन कर रहे हैं। संसाधन के अभाव में उन्होंने अपने दम पर सफलता के शिखर को चूमा है।

By Samanvay PandeyEdited By: Updated: Mon, 29 Aug 2022 04:57 PM (IST)
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National Sports Day 2022 : आभा ढिल्लन का फाइल फोटो और हैमर थ्रो की प्रैक्टिस करते खिलाड़ी।

अमरोहा, (आसिफ अली)। National Sports Day 2022 : फरवरी में बीजिंग ओलंपिक तो उसके बाद विश्व एथलीट खेल व कामवेल्थ गेम्स संपन्न हुए हैं। तीनों विश्व स्तरीय प्रतियोगिता में भारतीय एथलीट ने अपना दमखम दिखाया है। खिलाड़ियों ने ढेर सारे मेडल देश के लिए जीते हैं।

29 अगस्त को सारा देश हाकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद की जयंती पर राष्ट्रीय खेल दिवस मनाता है। इस दिन खिलाड़ियों को प्रोत्साहित किया जाता है। बात अमरोहा की करें तो यहां के खिलाड़ियों ने भी ओलंपिक का सफर पूरा किया है। एथलेटिक्स ही नहीं बल्कि अन्य खेलों में भी जिले के होनहार देश-दुनिया में अमरोहा का नाम रोशन कर रहे हैं। संसाधन के अभाव में उन्होंने अपने दम पर सफलता के शिखर को चूमा है।

बर्सिलोना 1992 ओलंपिक पहुंची थीं आभा

राष्ट्रीय खेल दिवस के अवसर पर जिले में अतीत के पन्ने पलटें तो पता चलता है कि ओलंपिक में खेलने वाली देश की पहली महिला निशानेबाज आभा ढिल्लन भी अमरोहा की रहने वाली हैं। उन्होंने 1992 में बसिर्लोना में संपन्न हुए ओलंपिक खेलों में भाग लिया था। उन्होंने उधार की पिस्टल लेकर निशानेबाजी की शुरुआत की थी।

उसके बाद श्रीमद दयानंद गुरुकुल महाविद्यालय की खिलाड़ी सुमंगला ने 2004 में एथेंस ओलंपिक में बतौर तीरअंदाज भाग लिया था। सुमंगला भी महाविद्यालय से सटे जंगल में पगडंडी पर तीरअंदाजी का अभ्यास करती थीं। जोया के सिख इंटर कालेज नारंगपुर में नौ साल तक अभ्यास करने वाली सरिता ने भी कामनवेल्थ गेम्स 2022 में प्रतिभाग किया है।

निर्भय सिंह ने हैमर थ्रो में बनाई है पहचान

जिले के ही निर्भय सिंह हेमर थ्रो के अंतर राष्ट्रीय खिलाड़ी रहे हैं। उन्होंने 1999 में सिंगापुर, 2000 में कजाखिस्तान व 2002 में श्रीलंका में हुए एशियन गेम्स में पदक जीते हैं। 2004 में पाकिस्तान में हुए सैफ खेलों में उन्होंने हेमर थ्रो में गोल्ड मेडल जीता था। बात क्रिकेट की करें तो मोहम्मद शमी वर्तमान में टीम इंडिया का हिस्सा हैं।

उनके छोटे भाई मोहम्मद कैफ, गौरव चौधरी व जावेद खान समेत कई क्रिकेटर रणजी खेल रहे हैं। इसके अलावा लगभग दो दर्जन एथलीट ऐसे हैं जो अंतर राष्ट्रीय स्तर पर देश का नाम रोशन कर चुके हैं। सिर्फ एथलीट ही नहीं बल्कि जिले के क्रिकेटर भी अंतर राष्ट्रीय स्तर पर नाम कमा रहे हैं।

अहम बात यह है कि यह सभी खिला़ड़ी संसाधन के अभाव में सफलता की सीढ़ियां चढ़े हैं। जिले में न तो उच्च स्तरीय स्टेडियम है तथा न ही आधुनिक सुविधाएं। प्रारंभिक अभ्यास के बाद खेलों में करियर बनाने की इच्छा रखने वाले इन खिलाड़ियों को दिल्ली व दूसरे राज्यों की तरफ जाना पड़ा। ऐसा नहीं है कि स्थानीय स्तर पर खेलों का ककहरा सीखने वाले खिलाड़ी राष्ट्रीय स्तर पर नहीं चमक रहे। तमाम एथलीट ऐसे हैं जोकि वर्तमान में राष्ट्रीय स्तर पर पद जीत रहे हैं।

जिले के राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी 

  • आभा ढिल्लन (निशानेबाजी)
  • सुंमगला (तीरअंदाजी)
  • निर्भय सिंह (हेमर थ्रो)
  • मोहम्मद शमी (क्रिकेट)
  • सरिता (हेमर थ्रो)
  • भूपेंद्र सिंह (हेमर थ्रो)
  • नाहिद खां (हेमर थ्रो)
  • विपेंद्र सिंह (चक्का फेंक)
  • संजय सिंह (लंबी कूद)
  • राहुल (लंबी कूद)
  • मोहम्मद कैफ (क्रिकेट)
  • गौरव चौधरी (क्रिकेट)
  • जावेद खान (क्रिकेट)
  • निशू (टेबिल टेनिस)
  • फातिमा (हेमर थ्रो)
  • राजकेसरी (दौड़)
  • सुमित कुमार (दौड़)
  • पुष्पेंद्र (लंबी कूद)
  • प्रीति सिंह (कबड्डी)
  • हरप्रीत सिंह (भाला फेंक)
  • हरविंद्र डागर (हेमर थ्रो)
  • सुरजीत सिंह (कुश्ती)
  • निर्भय विश्नोई (ताइक्वांडो)
  • शुमायला जावेद (दौड़)
  • अजहा खान (रस्साकसी)

स्टेडियम बना, लेकिन शुरू नहीं हुआ

जिले में एकमात्र स्टेडियम पूर्व क्रिकेटर व कैबिनेट मंत्री रहे स्वय चेतन चौहान के करकमलों से गांव मालीखेड़ा में बनाया गया है। हालांकि इस स्टेडियम में सभी खेलों के लिए सुविधाएं दिए जाने का दावा किया जा रहा है। परंतु बनने के एक साल बाद भी इसे खोला नहीं जा सका है। खिलाड़ी नगर में स्थित मिनी स्टेडियम, सिख इंटर कालेज नारंगपुर व खरखौदा गांव में स्थित मैदान के साथ स्थानीय स्तर पर ही खेलों का अभ्यास करते हैं।

कोच सुरेंद्र सिंह का कहना है कि जिले के खिलाड़ी अंतर राष्ट्रीय स्तर पर नाम रोशन कर रहे हैं। पूर्व में भी ओलंपिक तक सफर पूरा किया है। जिले में प्रतिभा की कमी नहीं है। यहां सुविधाएं मिलें तो निश्चित ही अमरोहा जनपद के खिलाड़ी काफी आगे बढ़ेंगे। सरकार से मांग है कि अमरोहा में खिलाड़ियों के लिए संसाधान उपलब्ध कराए जाएं। 

जिला क्रीड़ा अधिकारी देशकांत त्यागी ने बताया कि जिले में खेलों को बढ़ावा देने के लिए प्रतियोगिताएं आयोजित कराई जा रही है। संसाधन भी उपलब्ध कराए जाएंगे। स्टेडियम बनकर तैयार है। सभी खेल के कोच वहां मिलेंगे। खिलाड़ियों को आगे बढ़ाने के लिए हरसंभव सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी।