Night curfew in Moradabad : एक साल 17 दिन बाद फिर लगीं पाबंदियां, कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़ती रही तो लग सकता है लॉकडाउन
एक साल 17 दिन बाद कोरोना पॉजिटिव केस बढ़ने की वजह से डीएम राकेश कुमार सिंह को फिर से पाबंदियां लगानी पड़ीं। हालांकि अभी सिर्फ नाइट कर्फ्यू की घोषणा हुई है। कोरोना पॉजिटिव केसों की संख्या इसी रफ्तार से बढ़ती रही तो लॉकडाउन की नौबत भी आ सकती है।
By Narendra KumarEdited By: Updated: Sat, 10 Apr 2021 10:59 AM (IST)
मुरादाबाद, जेएनएन। कोरोना महामारी ने आम आदमी को बहुत दर्द दिया है। बेरोजगार होने पर देश के बड़े महानगरों में भुखमरी के कगार पर आने वाले प्रवासी मजदूर यातायात के साधन नहीं होने पर पैदल की घरों की तरफ निकले पड़े थे। इस दौरान सैकड़ों लोगों को जान गंवानी पड़ी। सरकार ने लोगों की जान बचाने के लिए कोई कसर बाकी नहीं छोड़ी। इसके बाद भी कुछ लोग मनमानी ही करते रहे। दो गज की दूरी बनाने के नियमों का भी उन्होंने पालन नहीं किया। नतीजा यह हुआ कि एक साल 17 दिन बाद कोरोना पॉजिटिव केस बढ़ने की वजह से डीएम राकेश कुमार सिंह को फिर से पाबंदियां लगानी पड़ीं। हालांकि अभी सिर्फ नाइट कर्फ्यू की घोषणा हुई है। कोरोना पॉजिटिव केसों की संख्या इसी रफ्तार से बढ़ती रही तो लॉकडाउन की नौबत भी आ सकती है।
इन हालातों में कोरोना से जंग के लिए एक ही तरीका है। प्रत्येक व्यक्ति को सावधानी बरतने की जरूरत है। अपने घरों के बुजुर्गों और बच्चों का सबसे अधिक ध्यान रखें। जरा सी लापरवाही उनकी जान के लिए खतरा बन सकती है। सबसे अधिक खतरे में फेफड़े के रोगियों को है। डायबिटीज के रोगी भी समय से दवा लेते रहें। मुख्य विकास अधिकारी आनंद वर्धन ने बताया कि कोरोना से बढ़ते केसों की वजह से नाइट कर्फ्यू लगाया गया है। सभी लोगों को इसका पालन करना चाहिए। कोरोना से बचाव के लिए टीकाकरण अवश्य कराएं। किसी भी तरह की अफवाह पर ध्यान देने की जरूरत नहीं है।
पिछले साल तीन मई को खुलने लगा था शहर
कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए पिछले साल 23 मार्च से लॉकडाउन लगा था। तीन मई के बाद केस कम होने पर धीरे-धीरे शहर खुलने लगा था। पहले चरण में प्रशासन ने औद्योगिक संस्थान को 50 फीसद कर्मचारियों के साथ खोलने की अनुमति दी थी। कर्मचारियों को पास जारी किए गए थे। बाद में शहर के अन्य प्रतिष्ठान खुलते गए। इसके बाद लोगों ने यह मान लिया कि काेराेना से डरने की जरूरत नहीं रही। वैक्सीन आने के बाद मास्क लगाने वालों की संख्या बहुत कम रह गई। हालांकि प्रशासन बीच-बीच में कोरोना से सावधान रहने के लिए लोगों को जागरूक करने का काम करता रहा। लेकिन, कुछ लोगों ने एक नहीं सुनी।
बिना वजह सड़कों पर घूमते मिले तो होगी कार्रवाई
नाइट कर्फ्यू के दौरान सड़कों पर पुलिस की ड्यूटी रहेगी। इस दौरान बिना वजह कोई भी सड़क पर घूमता मिला तो उसके खिलाफ महामारी अधिनियम के तहत कार्रवाई होगी। इसलिए खुद ही सावधान रहने की जरूरत है। बिना वजह सड़कों पर कतई न निकलें। पुलिस भी आपकी हिफाजत के लिए ही सड़कों पर रहती है। इसलिए कहीं भी पलिस कर्मी वाहन को रोकें तो उनसे अभद्रता न करें। उन्हें अपनी पूरी बात बताएं। इसके बाद भी नहीं मानते हैं तो विवाद करने के बजाए आला अफसरों से उनकी शिकायत भी कर सकते हैं।
यह सुविधाएं रहेगी जारीसभी स्वास्थ एवं चिकित्सकीय सेवाएं, आवश्यक वस्तुएं यथा दवा, सब्जी, फल, दूध, रसोई गैस, सीएनजी, पेट्रोल पंप, इन सेवाओं में कार्यरत व्यक्ति, सफाई कर्मी, डोर स्टेप डिलीवरी उनका परिचय पत्र पास के तौर मान्य होगा। रेलवे व बस का टिकट यात्रा के दिनांक के आधार पर पास के तौर पर मान्य होगा। राष्ट्रीय एवं राज्य मार्गों पर आवागमन जारी रहेगा। मालवाहक वाहनों पर पर प्रतिबंध लागू नहीं होगा। मंडी में होने वाली थोक व्यापार निर्धारित समय के अनुसार संचालित होगा। थोक फल और सब्जी खरीद-बिक्री प्रतिबंध से मुक्त रहेगी। औद्योगिक कारखाने कोविड-19 प्रोटोकाल का अनुपालन कराते हुए संचालित होंगे। उनके कर्मचारियों को परिचय पत्र दिखाने पर पास की भांति अनुमति दी जाएगी। सरकारी एवं गैर सरकारी एवं न्यूज रिपोर्टिंग संस्थान इस प्रतिबंध से मुक्त रहेंगे।
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