Railway News: अब व्यापारियों को मिलेगी मालगाड़ियों की लाइव लोकेशन, सामान भेजना और मंगाना होगा आसान
Railway News रेल प्रशासन ने निर्धारित टाइम टेबल वाली मालगाड़ी के साथ ही सामान्य मालगाड़ी की जानकारी भी माल भेजने वालों को उपलब्ध कराने की योजना बनाई है। ट्रेन की तर्ज पर मालगाड़ी के इंजन में भी ट्रैकिंग सिस्टम लगाया जाएगा।
By Pradeep K ChaurasiaEdited By: Vivek BajpaiUpdated: Sat, 05 Nov 2022 04:53 PM (IST)
मुरादाबाद, (प्रदीप चौरसिया)। Indian Railway News: अब व्यापारियों के लिए मालगाड़ी से सामान भेजना और मंगाना आसान हो जाएगा। व्यापारियों को भी अब मालगाड़ियों की लाइव लोकेशन मिलेगी। मालगाड़ी कहां चल रही है, कितनी देरी से चल रही है, किस स्टेशन पर कब पहुंचेगी, यह सारी जानकारी मोबाइल पर ही मिल जाएगी। इससे व्यापारियों का समय बचेगा। इस व्यवस्था को बनाने के लिए रेलवे ने बजट में 23.85 करोड़ रुपये का प्रविधान किया है। रेलवे सूचना प्रणाली (क्रिस) को साफ्टवेयर तैयार करने का काम सौंपा गया है।
पहली बार रेलवे ने टाइम टेबल में मालगाड़ियों को दी जगह
भारतीय रेलवे ने पहली बार एक अक्टूबर से मालगाड़ी चलाने के लिए टाइम टेबल बनाया है। इसके तहत मुरादाबाद मंडल में 12 मालगाड़ियों का समय तय किया गया है। इन गाड़ियों का नंबर 00 से शुरू होगा। जिसमें गाड़ी कब चलेगी, किस स्टेशन पर कितनी देर रुकेगी आदि की जानकारी होगी, लेकिन ट्रेन कितने देरी से चल रही है या कहां पहुंची है, इसकी जानकारी माल भेजने वालों को घर बैठे वर्तमान समय में पता नहीं चल पा रही है।
एप के जरिये मिलेगी मालगाड़ी की लाइव लोकेशन
रेल प्रशासन ने निर्धारित टाइम टेबल वाली मालगाड़ी के साथ ही सामान्य मालगाड़ी की जानकारी भी माल भेजने वालों को उपलब्ध कराने की योजना बनाई है। ट्रेन की तर्ज पर मालगाड़ी के इंजन में भी ट्रैकिंग सिस्टम लगाया जाएगा। यह सिस्टम रेलवे के मुख्य सर्वर से जुड़ा होगा। एप के द्वारा मालगाड़ी की जानकारी देने के लिए साफ्टवेयर तैयार किया जा रहा है। उसके बाद कोई भी व्यक्ति मालगाड़ी का नंबर डाल कर मोबाइल या कंप्यूटर पर गाड़ी की लाइव लोकेशन देख सकेगा।जुलाई 2023 तक साफ्टवेयर तैयार करने का लक्ष्य
सामान्य मालगाड़ी का नंबर अलग होता है। उसका भी नंबर डाल कर व्यापारी इस एप पर जानकारी प्राप्त कर सकेंगे। रेलवे पिंक बुक में साफ्टवेयर बनाने के लिए 23.85 करोड़ रुपये का प्रविधान किया गया है। साफ्टवेयर तैयार करने का काम क्रिस को सौंपा गया है। जुलाई 2023 तक साफ्टवेयर तैयार करने का लक्ष्य है। अगले वर्ष का टाइम टेबल लागू होते ही व्यापारियों को इसका लाभ मिलना शुरू हो जाएगा।
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