Indian Railways : कोरोना वार्ड से मुक्त हुए यात्री कोच, मुरादाबाद रेल मंडल को 63 बोगियां मिलीं वापस
Moradabad Railway Division Corona Ward Passenger Coach पिछले साल कोरोना के कारण ट्रेन संचालन 30 मई तक पूरी तरह से बंद कर दिया गया था। रेल प्रशासन ने बंद पड़ी ट्रेनों के कोच को कोरोना वार्ड में तब्दील कर दिया था। अब ये कोच वापस मिल गए हैं।
मुरादाबाद [प्रदीप चौरसिया]। Moradabad Railway Division Corona Ward Passenger Coach : देश में भले ही फिर से कोरोना संक्रमण बढ़ना शुरू हो गया है, लेकिन इसके बाद भी कोरोना संक्रमित व्यक्ति का इलाज करने के लिए बनाए गए कोच को कोरोना वार्ड से मुक्त कर दिया गया है। मुरादाबाद रेल मंडल को 63 कोच वापस मिल गए हैं। इसे सामान्य कोच बनाकर ट्रेनों का संचालन किया जाना है। माना जा रहा है कि शीघ्र ही बंद ट्रेनों का संचालन शुरू हो जाएगा।
पिछले साल कोरोना के कारण ट्रेन संचालन 30 मई तक पूरी तरह से बंद कर दिया गया था। देश में कोरोना संक्रमण फैलने के कारण अस्पतालों में जगह कम पड़ने लगी थी। इस समस्या के समाधान के लिए रेल प्रशासन आगे बढ़ा और बंद पड़ी ट्रेनों के कोच को कोरोना वार्ड में बदलने का काम शुरू कर दिया। देश भर में 10 हजार से अधिक कोचों को कोरोना वार्ड में तब्दील किया गया था। मुरादाबाद रेल मंडल के 63 कोचों को कोरोना वार्ड में बदला गया था। रेल मंडल में 10 कोच वाले कोरोना वार्ड बरेली और 10 कोच वाले वार्ड नजीबाबाद में रखे गए थे। शेष कोरोना वार्ड वाला कोच दिल्ली भेज दिया गया था। सितंबर से कोरोना का संक्रमण कम होने लगा। जनवरी में अस्पताल में संक्रमित रोगियों की संख्या कम हो गई। जिले में एक कोरोना अस्पताल रखा गया और शेष कोरोना अस्पताल बंद कर दिए गए। इसके साथ ही रेलवे ने धीरे-धीरे ट्रेनों को चलाना शुरू कर दिया। जैसे जैसे ट्रेनें चलनी शुरू हो रहीं हैं। वैसे-वैसे ही कोचों की कमी होती जा रही है। माना जा रहा है कि रेलवे शीघ्र ही बंद पड़ी सभी ट्रेनों का संचालन शुरू कर देगा। स्वास्थ्य निदेशालय की स्वीकृति के बाद रेलवे प्रशासन ने कोच की कमी को दूर करने के लिए कोरोना कोच वार्ड को मुक्त कर दिया है। सभी रेल मंडल को कोच वापस भेजने के आदेश दिए गए। इस आदेश के बाद 63 कोरोना वार्ड वाला कोच मुरादाबाद रेल मंडल को वापस मिल गया है। इसे बरेली व अन्य स्थानों पर रखा गया है। जैसे ही बंद ट्रेनें चलाने की घोषणा की जाएगी, वैसे ही इन कोचों को सुधार कर यात्री कोच बना दिया जाएगा और ट्रेन में लगाकर चलाना शुरू कर दिया जाएगा। कुछ कोच को सुधार कर शाही स्नान के समय भीड़ को हरिद्वार से बाहर ले जाने के लिए चलाया जाएगा। यह जानकारी सहायक वाणिज्य प्रबंधक नरेश सिंह ने दी।