PM Kisan Samman Nidhi : मुरादाबाद में इनकम टैक्स देने वाले को भी मिल गई निधि की धनराशि
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की धनराशि मृतकों के खातों में पहुंचने की बात पकड़ में आने से अधिकारियों में खलबली मची हुई है। जिले में 1419 किसानों को नोटिस जारी किए गए हैं। सभी से खातों में पहुंचने वाली धनराशि की रिकवरी होनी है।
By Narendra KumarEdited By: Updated: Sat, 17 Jul 2021 09:58 AM (IST)
मुरादाबाद, जागरण संवाददाता। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की धनराशि मृतकों के खातों में पहुंचने की बात पकड़ में आने से अधिकारियों में खलबली मची हुई है। जिले में 1419 किसानों को नोटिस जारी किए गए हैं। सभी से खातों में पहुंचने वाली धनराशि की रिकवरी होनी है। नोटिस के बाद अपात्र लोगों ने बैंकों के माध्यम से धनराशि लौटानी शुरू कर दी है।
मुरादाबाद के 25 किसानों ने अब तक एक लाख 61 हजार रुपये की धनराशि विभाग को लौटा दी है। मुरादाबाद के दो लाख 70 हजार किसानों को पीएम किसान सम्मान निधि की दो-दो हजार रुपये की आठवीं किस्त जारी हो चुकी है। सरकार ने सच परखने के लिए सम्मान निधि पाने वाले किसानों का सत्यापन कराया। जिले में वर्ष 2020-21 में पांच फीसद किसानों का मौके पर जाकर पीएम सम्मान निधि का लाभ पाने वाले 12,048 किसानों का सत्यापन हुआ। इस दौरान 541 किसान मृतक मिले थे। हालांकि, कृषि विभाग के अधिकारियों का कहना है कि यह फिगर मृतक किसानों की नहीं है। अपात्रों में सभी तरह के किसान हैं। इनमें कुछ ऐसे किसानों के नाम भी शामिल हैं, जो इनकम टैक्स देते हैं। लेकिन, सम्मान निधि मिल रही है। कई पति-पत्नी भी योजना का लाभ उठा रहे हैं। इस साल योजना का लाभ पाने वाले दस फीसद यानी 23,012 किसानों का भौतिक सत्यापन कराया गया। इस दौरान अपात्रों की संख्या 903 निकली। इसमें भी सभी मृतक किसान नहीं है। इनमें भी सभी तरह अपात्र शामिल हैं। यह तो सिर्फ दस फीसद किसानों के सत्यापन का आंकड़ा था। सभी की जांच कराने से चौंकाने वाले आंकड़े सामने आ सकते हैं। उप कृषि निदेशक सीएल यादव का कहना है कि 25 किसानों के खातों के माध्यम से किसान सम्मान निधि की एक लाख 61 हजार रुपये की धनराशि वापस मिल गई है। सत्यापन के दौरान जिन किसानों के खातों को अपात्रों की सूची में रखा गया है, वह सभी मृतक नहीं है। इनमें अलग-अलग कैटेगरी के हैं। 1419 किसानों को नोटिस दे दिया गया है। सभी किसान पीएम किसान निधि के लिए आवेदन करते समय शपथ पत्र देते हैं कि हमारी दी हुई सूचना गलत मिलने पर मिली धनराशि की रिकवरी कर ली जाए। उसके आधार पर उनसे रिकवरी होगी। सरकारी पैसा है, सभी को देना होगा।
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डॉटा लॉक होने के बाद आई थी मरने वालों की निधि : उप कृषि निदेशक ने बताया कि डाटा लाक होने के बाद कोई कुछ नहीं कर सकता है। इस प्रकरण में डाटा लाक होने के बाद निधि की धनराशि खातों में पहुंची। अब जो किसान अपात्र या मृतक पाए जाएंगे, उनसे रिकवरी होगी।
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