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दौड़ा-दौड़ा कर पीटे गए पुलिस वाले, अवैध वसूली के चक्कर में किसान की मौत से बवाल… पीएसी तैनात

मुरादाबाद में अवैध वसूली की नियत से पुलिस ने एक युवक लोकेश कुमार का पीछा किया जिससे वह डर गया और संदिग्ध परिस्थितियों में उसका शव मिला। पुलिसकर्मियों पर हत्या का आरोप लगा और बवाल खड़ा हो गया। ग्रामीणों ने पुलिसकर्मियों पर हमला किया और जाम लगा दिया। पुलिस ने लाठीचार्ज किया और कई पुलिसकर्मी व ग्रामीण घायल हुए। मामले की जांच चल रही है।

By Jagran NewsEdited By: Shivam Yadav Updated: Sat, 28 Sep 2024 12:00 AM (IST)
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सिपाही को ले जाते पुलिस कर्मी। जागरण

संवाद सूत्र, मुरादाबाद। अवैध वसूली की नियत से पुलिस ने देर रात खाली ट्रैक्टर-ट्राली लेकर जा रहे युवक लोकेश कुमार उर्फ मोनू का पीछा शुरू कर दिया जिससे वह डर गया। एक किलोमीटर दूर संदिग्ध परिस्थितियों में उसका शव मिला। ट्रैक्टर के पिछले पहिये के नीचे शव दबा पड़ा था। 

पीछा करने वाले पुलिसकर्मियों पर हत्या का आरोप लगा और बवाल खड़ा हो गया। शुक्रवार सुबह आठ बजे ग्रामीणों के सामने जब वही पुलिसकर्मी पड़े, तो लोग आपा खो बैठे। पुलिसकर्मियों पर हमला बोल दिया। पुरुषों के साथ महिलाओं ने भी लाठी-डंडों से पुलिसकर्मियों को दौड़ा-दौड़ाकर पीटा। जाम लगा दिया।

सिपाही को छुड़ाकर भागी पुलिस 

ग्रामीण सिपाही अनीस को पकड़कर मार डालने पर आमादा हो गए, जैसे-तैसे पुलिस उसे छुड़ाकर भागी। खेतों व जंगलों में छिपकर जान बचाई। आरोपी सिपाही अनीस, नरेश व दो अज्ञात के विरुद्ध हत्या व धमकी की धारा में प्राथमिकी लिखी गई। 

करना पड़ा लाठीचार्ज, गांव में पीएसी तैनात

लाठीचार्ज के बाद बवाल शांत हुआ। पथराव व लाठीचार्ज के बीच छह पुलिसकर्मी व कुछ ग्रामीणों के भी घायल होने की बात सामने आई है। डीएम अनुज सिंह व एसएसपी सतपाल सिंह अंतिल थाने पर डेरा जमाए रहे। 

गांव में कई थानों की फोर्स के साथ पीएसी तैनात है। एक वायरल वीडियो में ठाकुरद्वारा थानेदार की सरकारी गाड़ी यूपी 21 एजी 0731 लोकेश का पीछा करते दिख रही है, जो पूरे बवाल का आधार बना।

घर पर आया था थाने से फोन

घटनाक्रम यूपी-उत्तराखंड के बॉर्डर ठाकुरद्वारा-जसपुर का है। ठाकुरद्वारा के तरफदलपतपुर गांव निवासी धर्मपाल सिंह के अनुसार, रात दो बजे बेटा लोकेश कुमार उर्फ मोनू ट्रैक्टर-ट्राली लेकर खेत पर जा रहा था। 

दो बजकर 38 मिनट पर गांव के प्रधान केशव कुमार के पास थाने से फोन आया। कहा गया कि लोकेश ट्रैक्टर से मिट्टी डालने का काम कर रहा है। इस पर प्रधान ने जानकारी करने की बात कही। उन्होंने बेटे को फोन किया। तब बेटे ने खेत पर जाने की बात कही। घर पर भी थाने से फोन आने की बात पता चली। तब बेटे की चिंता सताई। डालचंद के साथ निकले। 

रास्ते में एक सफेद रंग की गाड़ी मिली, जिसमें चार पुलिसकर्मी बैठे थे। दो पुलिसकर्मी सिपाही अनीस व नरेश पहचान के थे। दोनों से पूछा कि साहब कहा जा रहे हों, तब उन लोगों ने बताया कि लोकेश माेनू नाम का लड़का ट्रैक्टर लेकर भाग रहा था। उसका पीछा कर रहे थे। इतना कहकर पुलिसकर्मी चले गए। 

खेत पर देखा तो बेटा नहीं था। तब सोचा कि कहीं काम करने चला गया होगा। मगर, काफी वक्त बीतने के बाद भी जब वह घर नहीं आया, तब तलाश शुरू की। सड़क से नहर के पचास मीटर अंदर कोहराम सिंह के खेत पर बेटा मृत अवस्था में मिला। 

ट्रैक्टर के बाएं टायर के नीचे बेटे का शव पड़ा था। ग्रामीणों की मदद से बेटे का शव निकाला। धर्मपाल का आरोप है कि आरोपी पुलिसकर्मी बेटे से जबरन मिट्टी का कटान कराते थे। मना करने पर झूठे मुकदमे में फंसा कर ट्रैक्टर सीज करने व जान से मारने की धमकी देते थे। 

साफ है कि आरोपियों ने जब बेटे का पीछा किया तो वह डर के चलते भागा। इसी पर आरोपियों ने बेटे की पिटाई कर मौत के घाट उतार दिया। गुमराह करने के लिए शव ट्रैक्टर के पहिये के नीचे दबाकर भाग गए। घटनाक्रम के बाद से गांव में तनाव की स्थिति है। सिपाही अनीस अस्पताल में भर्ती है।

लोकेश के पिता के शिकायती पत्र पर सिपाही अनीस, नरेश व दो अज्ञात पर हत्या व धमकी की धारा में प्राथमिकी लिखी गई है। आक्रोशित भीड़ ने पुलिसकर्मियों पर हमला किया है। घटना गंभीर है। हर पहलू पर गहनता से जांच कराई जा रही है। एहतियात के तौर पर गांव में पुलिस व पीएसी तैनात है।

-सतपाल अंतिल, एसएसपी

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