21 सितंबर, 2015 को पुष्पेंद्र घर से कोचिंग के लिए निकले थे। वहां से लौटते वक्त तीन बाइक सवारों ने उनके पिता अनंग पाल उर्फ आनंद पाल और साले विजय के सामने गोली मारकर हत्या कर दी थी। पुष्पेंद्र महिला कल्याण विभाग में संविदा पर काम करते थे। घटना से करीब तीन माह पहले उन्होंने नौकरी छोड़ दी थी।
दो बाबुओं को किया था नामजद
पुष्पेंद्र के पिता ने प्राथमिकी में दोनों बाबुओं को नामजद किया था। दरअसल, किसी महिपाल नामक व्यक्ति ने जनसूचना अधिकार के अंतर्गत महिला कल्याण विभाग में हो रही करीब 20 करोड़ की धांधली के विषय में सूचना मांगी थी। इसे लेकर दोनों बाबुओं को शक था कि इसके पीछे पुष्पेंद्र हैं। अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश तृतीय न्यायाधीश सरोज यादव ने सुनवाई के बाद सजा सुनाई। अतिरिक्त जिला शासकीय अधिवक्ता मनीष भटनागर ने बताया कि दोनों शूटरों पर नौ लाख बीस हजार, बाकी सातों दोषियों पर 4.30-4.30 लाख रुपये का जुर्माना डाला गया है।
पुलिस जांच में शूटर शहजाद और शादाब के नाम सामने आए। पुलिस ने उनको गिरफ्तार करके पूछताछ की तो पूरा मामला खुल गया। शूटर ने बताया कि दोनों बाबुओं ने हत्या की सुपारी दी थी। घटना में शामिल दोनों बाबुओं के साथ जमील उर्फ खलील, जौहर, सलमान, आसिफ, शहजाद, शादाब और फिरासत का नाम भी प्रकाश में आए थे।
बेटी को समझाती रही मां
पिता पुष्पेंद्र यादव की हत्या के समय डेढ़ साल की मासूम बेटी तृषिता उर्फ सुरभि अब समझदार हो गई है। पति की हत्या का दर्द झेल रही गुड्डी यादव के लिए उसके बड़े होने पर समझाना बहुत मुश्किल था। कहती थी कि सबके पापा स्कूल छोड़ने के लिए जाते हैं, मेरे पापा कहां हैं। शुरू में मम्मी और दादी समझा दिया करती थीं कि वह नाैकरी करने के लिए बाहर गए हैं। वहां से आना मुश्किल होता है। पुष्पेंद्र तुम्हारी शादी पर ही आएंगे। तृषिता कुछ दिन सब्र करके बैठ जाती थी। इसके बाद फिर से उसे पापा चाहिए होते थे। ऐसे में उसके सवालों का जवाब देना मुश्किल होता था।
दुश्मनों ने मार दिए पापा
पुष्पेंद्र की यादें ताजा होते ही आंसू बहने लगते थे। लेकिन, अब वह समझ गई है कि उसके पापा कभी नहीं आएंगे। दुश्मनों ने उनको मार दिया है। रोती हुई मम्मी और दादी के खुद बेटा और बेटी दोनों बताकर आंसू भी पोंछ देती है। कटघर क्षेत्र के गोविंदनगर स्थित घर पर पुष्पेंद्र यादव की माता प्रवेश यादव, उनकी पत्नी गुड्डी देवी और बेटी तृषिता यादव उर्फ सुरभि से मुलाकात हुई। प्रवेश यादव बेटे की हत्या के दिन की बातें याद करके रोने लगीं। बोलीं हत्या का मुख्य साजिशकर्ता चुन्नी लाल का तो हमारे घर आना-जाना था। उसी ने मेरे बेटे को मरवा दिया। हत्या के बाद भी उसने अपने साथियों के साथ मिलकर हमारे परिवार को कई बार धमकियां दिलाईं।
आरोपियों को सजा मिलने के बाद घर में जानकारी देते पुष्पेंद्र के पिता।
मुकदमे में मिलती रहीं धमकियां
मुकदमे के दौरान तमाम लोगों ने हमारा साथ छोड़ दिया। गुड्डी ने इनका क्या बिगाड़ा था। इसकी जिंदगी की खराब कर दी। इतना बड़ा जीवन प़ड़ा है। पुष्पेंद्र की याद में आंसू बहाने के सिवा कुछ नहीं बचा। बेटी ही इसका सहारा है। उम्रकैद होने पर कुछ तो सुकून मिला गुड्डी देवी कहती हैं कि चुन्नीलाल और उसके साथियों ने पुष्पेंद्र की हत्या करके मेरी तो जिंदगी खराब कर दी। आरोपितों ने मेरे जीने का सहारा ही छीन लिया। उन्हें मेरी और मेरी बेटी की की बददुआ लगेगी।
पीसीएस बनने का था सपना
पुष्पेंद्र का पीसीएस अधिकारी बनने का सपना था। उन्होंने शादी के पहले से ही इसके लिए तैयारी भी शुरू कर दी थी। बिटिया को बहुत लाड करते थे। आरोपितों को उम्रकैद हो जाने पर सुकून मिला है। आखिर सजा दिलाने में मिली सफलता पुष्पेंद्र यादव के पिता अनंगपाल यादव का कहना है कि चुन्नी लाल ने हमारे परिवार के साथ अच्छा नहीं किया। साजिश करके जवान बेटे की हत्या कराकर जीवन भर का दर्द दे दिया। आरोपितों को सजा दो दिलाने में सफलता मिल गई लेकिन, बहुत व्यवधान सामने आए।
संपत्तियों की जांच कराना भी अब अगला कदम
पुष्पेंद्र यादव के पिता अनंगपाल यादव का कहना है कि अगला कदम सभी की संपत्ति की जांच कराना है। बहुतों ने साथ छोड़ा, लेकिन अधिवक्ता फसीउल्ला खान हमेशा हमारे साथ खड़े रहे। उनके बेटे ने भी न्याय दिलाने में हमारा साथ दिया।Read Also:
Weather Update UP: पश्चिमी उत्तर प्रदेश में आज भारी बारिश की चेतावनी, दो दिन मौसम रहेगा सुहाना
सरकारी वकील मुनीश भटनागर का भी धन्यवाद अदा करता हूं। चार करोड़ लेकर सुकून नहीं मिलता पुष्पेंद्र यादव की माता प्रवेश यादव का कहना है कि हत्यारोपितों ने बहुत धमकाया। बोले फैसला कर लो वरना पूरा परिवार मारा जाएगा। चार करोड़ रुपये देने का लालच भी दिया गया। हमने बेटा खोया था, हम नहीं बिके। शूटर का भाई भी उन्हें फैसला करने के लिए धमकाने पहुंच गया। हम बिना डरे बेटे के हत्यारोपितों को सजा दिलाने के लिए आगे बढ़ते रहे।
मिल गया इंसाफ
अनंगपाल का कहना है, कि आखिरकार साेमवार को हमें इंसाफ मिल गया। हमें चार करोड़ रुपये लेकर यह सुकून नहीं मिलता। हमारे गुरु जी भी कृपा रहीं। उन्होंने हमें लड़ने की हिम्मत भी दी। अब चुन्नी लाल की धमकियों से अब निजात मिलेगी। यहां से शुरू हुई थी हत्या की साजिश हत्या से एक सप्ताह पहले पुष्पेंद्र ने लेखपाल की परीक्षा दी थी। जिस स्कूल में उनके बेटे का केंद्र था, उसी में चुन्नी लाल अपने बेटे का पेपर दिलाने आया था। इस दौरान उसने पुष्पेंद्र से सारी जानकारी ले ली थी। इसी का लाभ उठाकर आरोपित ने हत्या की साजिश की थी। जमील उर्फ खलील बेहद शातिर अपराधी है।
Read Also: शादीशुदा प्रेमी पर प्रेमिका ने बनाया शादी करने का दबाव, दोस्त के साथ मिलकर रची खूनी साजिश
हत्या में इस तरह रही भूमिका चुन्नी लाल और मुकुट लाल
पुष्पेंद्र की हत्या कराने के मास्टरमाइंड यह दोनों महिला कल्याण विभाग के सेवानिवृत्त बाबू हैं। दोनों ने महिला पेंशन के नाम पर शासन से आने वाली करीब 20 करोड़ रुपये की धनराशि को फर्जी खातों के माध्यम से मंगाकर हड़प लिया था। इनके कार्यालय में संविदा कंप्यूटर आपरेटर होने के कारण पुष्पेंद्र यादव सब जानता था।पिता ने घोटाले के बारे में पता लगने पर उसकी नौकरी छुड़वा दी थी। इसके बाद आरटीआइ के माध्य म से घोटाले संबंधी सूचनाएं मांगी जाने लगी थीं। दोनों बाबुओं को लगने लगा था कि अब जेल जाने का समय आ गया है। घोटाले में जेल जाने के डर से हत्या की साजिश रची थी।
जमील उर्फ खलील
कटघर के भैसिया गांव का रहने वाला यह बेहद शातिर अपराधी है। इसने चुन्नी लाल का मकान बनवाया था। इस दौरान उससे अच्छी जान पहचान हो गई थी। इसी ने चुन्नीलाल को शूटर और उसकी टीम से मिलवाया था। इसलिए हत्या में इसकी भी अहम भूमिका रही थी।
शहजाद व शादाब
दोनों शूटर हैं। इनके खिलाफ कई थानों में मुकदमे चल रहे हैं। जमील उर्फ खलील ने इन्हें तीन लाख की सुपारी दिलाकर पुष्पेंद्र यादव की हत्या कराई थी। इन दोनों के पास से ही पुलिस ने तमंचे भी बरामद किए थे। अदालत ने तमंचा रखने के मामले में भी इन पर अन्य आरोपितों से तीस-तीस हजार अधिक का जुर्माना लगाया है।
फिरासत, जौहर, सलमान, आसिफ
कॉल डिटेल के माध्यम से पुलिस को यह चारों भी हत्या में शामिल मिले। इन्होंने हत्या के लिए योजना बनाए जाने के बाद उसे लागू करने में अहम रोल अदा किया। हत्या के दिन चारों शूटरों और चुन्नीलाल के संपर्क में थे। उन्होंने पुष्पेंद्र यादव की पल-पल की लोकेशन शूटरों को दी थी।
हत्या के दोषियों को सजा धारा 302
इसमें प्रत्येक दोषी को आजीवन कारावास, दो लाख रुपये जुर्माना आईपीसी की धारा 120 बी: इसमें प्रत्येक दोषी को आजीवन कारावास, दो लाख रुपये जुर्माना आईपीसी की धारा 147: प्रत्येक दोषी को एक साल की सजा, 10 हजार रुपये का जुर्माना
आईपीसी की धारा 148
प्रत्येक दोषी को दो साल की सजा, 20 हजार रुपये का जुर्माना 25 आर्म्स एक्ट: इसमें शहजाद और शादाब को तीन साल का कारावास, 30-30 हजार का जुर्माना