अब मृतक रेलवे कर्मियों की अनपढ़ विधवा को भी नौकरी देगा रेलवे
मुरादाबाद : रेलवे ने मृतक रेल कर्मियों की अनपढ़ विधवाओं को राहत देने के लिए नियमों में बदला
मुरादाबाद : रेलवे ने मृतक रेल कर्मियों की अनपढ़ विधवाओं को राहत देने के लिए नियमों में बदलाव किया है। अब विधवा को बिना किसी शैक्षिक योग्यता के ही नौकरी दी जाएगी। इसके अलावा ऐसे स्थानों पर तैनाती की जाएगी जहा अधिकतम छह से आठ घटे ही काम करना पड़े। अब तक लगी थी रोक
रेलवे में अनपढ़ को नौकरी देने पर रोक लगा रखी है। न्यूनतम शैक्षिक योग्यता हाईस्कूल जबकि खलासी जैसे पदों पर तैनाती से लिए आइटीआइ पास होना जरूरी है। इससे रेलवे कर्मी की विधवा और उनके बच्चों के समक्ष समस्या खड़ी हो गई थी। पिछले साल देश में रेल लाइन पर काम करने वाले तीन सौ से अधिक कीमैन, गैंगमैन और पेट्रोल मैन की मौत हो गई थी। ऐसे कर्मियों की अधिकतर विधवा अनपढ़ हैं, सभी के बच्चे छोटे हैं। नई पेंशन स्कीम के कारण उन्हें पेंशन भी नहीं मिल पा रही है। रेलवे बोर्ड के चेयरमैन अश्वनी लोहानी को इसकी जानकारी हुई तो उन्होंने नियमों में बदलाव पर जोर दिया। दस जुलाई को जारी किया पत्र
रेलवे बोर्ड के डायरेक्टर (एन द्वितीय) नीरज कुमार ने 10 जुलाई को इस संबंध में पत्र जारी किया। इसमें कहा कि अनपढ़ विधवा को भी रेलवे में चतुर्थ श्रेणी में नौकरी दी जाएगी। विधवा के पढ़ी लिखी होने की स्थिति में क्लास थ्री में नौकरी दी जाएगी। विधवा को उसके पसंद वाली जगह पर तैनाती दी जाएगी। इस आदेश के बाद 150 मृतक रेलवे कर्मियों की विधवा की नौकरी का रास्ता साफ हो गया है।
मंडल रेल प्रबंधक अजय कुमार सिंघल ने बताया कि उक्त पत्र के बाद अनपढ़ विधवा को नौकरी देना आसान हो गया है। अनपढ़ बेटा-बेटी को नहीं मिलेगी नौकरी
रेल कर्मचारी की असमय मौत के बाद पत्नी, बेटा या बेटी को मृतक आश्रित में रेलवे नौकरी देता है। पत्नी के अलावा बेटा या बेटी को नौकरी चाहिए तो उसके लिए उसे हाईस्कूल पास होना अनिवार्य है। जो 10वीं पास नहीं हैं, उन्हें पास होने का मौका दिया जाएगा।