Ram Mandir : यूपी के लोगों को रेलवे ने दिया बड़ा तोहफा, राम मंदिर दर्शन के लिए चलेगी यह स्पेशल ट्रेन- अंदर मिलेंगी यह सुविधाएं
अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद रामभक्तों के बढ़ते रुझान के बीच रेलवे ने IRCTC को रामायण सर्किट में स्पेशल ट्रेन चलाने को कहा है। इससे पहले स्पेशल ट्रेन आफ सीजन में चलाई गई थी। अब स्कूल कालेज व आफिस की छुट्टी के वक्त चलाने की तैयारी है। ताकि लोग टूर बना सकें और अयोध्या के साथ भगवान श्रीराम से जुड़े अन्य शहरों का भ्रमण कर सकें।
प्रदीप चौरसिया, मुरादाबाद। अयोध्या के लिए आस्था एक्सप्रेस के संचालन के साथ रेलवे एक और पहल करने जा रहा है। रामायण सर्किट का कम खर्च में भ्रमण कराने की तैयारी है। पैकेज सस्ता करने के साथ ही ट्रेन को छुट्टियों में वाया अयोध्या चलाया जाएगा। इसके लिए इंडियन रेलवे कैट¨रग एंड टूरिज्म कारपोरेशन (आइआरसीटीसी) को तैयारी करने को कहा गया है।
अब छुट्टी के वक्त ट्रेन चलाने की तैयारी
अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद रामभक्तों के बढ़ते रुझान के बीच रेलवे ने आइआरसीटीसी को रामायण सर्किट में स्पेशल ट्रेन चलाने को कहा है। इससे पहले स्पेशल ट्रेन आफ सीजन में चलाई गई थी। अब स्कूल, कालेज व आफिस की छुट्टी के वक्त चलाने की तैयारी है। ताकि लोग परिवार के साथ अपना टूर बना सकें और अयोध्या के साथ भगवान श्रीराम से जुड़े अन्य शहरों का भ्रमण कर सकें।
ट्रेन में आम लोगों का ध्यान रखा जाएगा। एसी थ्री व स्लीपर कोच लगाए जाएंगे। इसका पैकेज (यात्रा, खाना और घूमने का किराया) भी सस्ता रखा जाएगा। इसमें बुकिंग कराने वालों को ट्रेन में शाकाहारी खाना, ट्रेन में पूजा व भजन की व्यवस्था भी होगी। जहां ट्रेन नहीं जा सकेगी, वहां बस से ले जाया जाएगा। इन स्थलों की जानकारी के लिए गाइड की भी तैनाती की जाएगी।
प्रवर मंडल वाणिज्य प्रबंधक सुधीर सिंह ने बताया कि अयोध्या में भगवान राम के दर्शन के लिए आस्था एक्सप्रेस आइआरसीटीसी द्वारा चलायी जाएगी। इसके बाद रामायण सर्किट एक्सप्रेस चलाने की तैयारी है।
यह है रामायण सर्किट
भगवान श्रीराम से जुड़े स्थलों को रामायण सर्किट नाम दिया गया है। इससे पहले रेलवे रामायण सर्किट के नाम से ही ट्रेन चला चुका है। इस बार प्रमुख शहरों के लिए ट्रेन का संचालन होगा। इसे आम यात्रियों को ध्यान में रखकर तैयार किया जा रहा है।इन स्थानों पर भी जाएगी ट्रेन
नेपाल में जनकपुर को माता सीता का मायका कहा जाता है।सीतामढ़ी : बिहार के सीतामढ़ी के बारे में कहा जाता है कि राजा जनक को यहां ही माता सीता मिली थीं।
रामेश्वरम : तमिलनाडु के रामेश्वर के बारे में बताया गया है कि श्रीराम ने यहां भगवान शिव की आराधना की थी और पुल का निर्माण किया था।हंपी : कर्नाटक के हंपी के बारे में बताया जाता है कि जब राम-लक्ष्मण के साथ सीता को ढूंढ़ने निकले थे, तब भगवान राम बाली और सुग्रीव (वानरों के राजा) से मिलने यहां आए थे।चित्रकूट : भगवान श्रीराम वनवास के दौरान चित्रकूट में भी रहे थे।
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