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ट्रेन में महिला बोगी की सवारी, अब जेब पर पड़ेगी भारी

ट्रेनों में महिला यात्रियों से छींटाकशी और उनकी बोगी में सवार होना आपकी जेब पर भारी पड़ सकता है । रेलवे ने अब आरपीएफ व टीटीई को कार्रवाई के लिए इजाजत दे दी है। ऐसा करने पर तीन हजार रुपये जुर्माना भरना होगा या तीन साल की जेल भी हो सकती है। ऐसे मामलों में आरपीएफ और टीटीई अब कार्रवाई कर सकेंगे।

By RashidEdited By: Updated: Fri, 26 Oct 2018 11:08 AM (IST)
ट्रेन में महिला बोगी की सवारी, अब जेब पर पड़ेगी भारी
ट्रेन में महिला बोगी की सवारी, अब जेब पर पड़ेगी भारी

प्रदीप चौरसिया, मुरादाबाद (जेएनएन)। ट्रेनों में महिला यात्रियों से छींटाकशी और महिला बोगी में सवार होने वालों की अब खैर नहीं है। छींटाकशी करते पकड़े जाने पर तीन हजार रुपये जुर्माना देने के साथ ही तीन साल की जेल भी हो सकती है। ऐसे मामलों में आरपीएफ और टीटीई अब कार्रवाई कर सकेंगे।

ट्रेनों में सफर के दौरान छेड़खानी की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं। रेलवे के आकड़ों पर गौर करें तो ऐसी घटनाओं में 35 फीसद की वृद्धि हुई है। इसको लेकर रेल मंत्री को भी लोकसभा में जवाब देना पड़ा था। रेलवे मंत्रालय ने ऐसी घटनाओं पर रोक लगाने के लिए देशभर के रेलवे अधिकारियों से सुझाव मांगे थे। उनकेआधार पर रेलवे बोर्ड ने रेलवे अधिनियम में संशोधन करने का प्रस्ताव रेल मंत्रालय को भेजा है। 

अभी तक सिर्फ जीआरपी को थे अधिकार 

रेलवे में राजकीय रेलवे पुलिस (जीआरपी) को भारतीय दंड संहिता के तहत मुकदमा दर्ज करने का अधिकार था। जीआरपी आरोपितों को कोर्ट में पेश करने के बाद जेल भेजती है। जुर्माना एक हजार तक निर्धारित है  और एक्ट के तहत एक साल तक की सजा का प्रावधान है। 

प्रस्ताव को विधि मंत्रालय की मिली मंजूरी 

अमूमन देखने में आता है कि जीआरपी छींटाकशी का मुकदमा दर्ज नहीं करती है। महिला यात्री शिकायत दर्ज करातीं हैं तो तभी रिपोर्ट दर्ज होती है, जिसमें 10 साल की सजा है। अब महिला यात्री पर छींटाकशी करने, घूर कर देखना, अश्लील इशारा करने वालों पर कार्रवाई करने का अधिकार रेलवे को मिलेगा। रेलवे टीटीई के अलावा आरपीएफ भी कार्रवाई कर सकेगी।  इसके अलावा महिला कोच में सफर करने पर पकड़े जाने पर अब एक हजार रुपये देना होगा जबकि, पहले पांच सौ रुपये जुर्माना था। इस प्रस्ताव पर विधि मंत्रालय ने सहमति दे दी है। 

घटनाओं पर लगेगा अंकुश

रेलवे अधिनियम में संशोधन के बाद महिलाओं के साथ छींटाकशी व महिला कोच में कब्जा करने वालों के खिलाफ आरपीएफ और रेलवे कर्मचारी कड़ी कार्रवाई कर पाएंगे। इससे घटनाओं पर अंकुश लगेगा।

-अजय कुमार सिंघल, मंडल रेल प्रबंधक। 

मामूली धाराओं में होता था चालान

छींटाकशी करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने का अधिकार आरपीएफ को मिल जाए तो ट्रेनों में महिलाओं के साथ होने वाली घटनाओं में कमी आएगी। जीआरपी छेडख़ानी की घटनाएं होने पर मुकदमा तो दर्ज करती है, लेकिन छींटाकशी जैसे मामले में मुकदमा दर्ज नहीं करती है। छींटाकशी करने वाले को मामूली धाराओं में चालान किया जाता है। आरोपित सौ रुपये जुर्माना जमा कर छूट जाता है। एक साल से रेलवे न्यायालय में छींटाकशी का कोई मुकदमा प्रचलन में नहीं है। 

-राहुल शर्मा एडवोकेट, विशेषज्ञ, रेलवे कानून