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UP News: रामगंगा और कोसी नदी का जलस्तर बढ़ा, बाढ़ का खतरा, नौ गांव अति संवेदनशील

रामगंगा और कोसी नदी का जलस्तर बढ़ने से मुरादाबाद के नौ गांव बाढ़ की चपेट में आ सकते हैं। रामगंगा नदी खतरे के निशान से अभी 1.29 मीटर नीचे बह रही है लेकिन लगातार बारिश से जलस्तर बढ़ने का खतरा है। कोसी नदी में रामनगर डैम से 50 हजार क्यूसेक पानी छोड़े जाने से बाढ़ का खतरा बढ़ गया है।

By Dushyant Kumar Edited By: Aysha Sheikh Updated: Sat, 14 Sep 2024 02:45 PM (IST)
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रामगंगा का जलस्तर बढ़ा । फोटो - जागरण

जागरण संवाददाता, मुरादाबाद। रामगंगा और कोसी नदी का जलस्तर बढ़ गया है। नदी किनारे के नौ गांव बाढ़ को लेकर अति संवेदनशील हैं। इनमें से गांव इलर में गोशाला के पास नदी ने कटान शुरू कर दिया है। रामगंगा नदी खतरे निशान से अभी 1.29 मीटर नीचे बह रही है। वहीं, कोसी नदी में रामनगर डैम से 50 हजार क्यूसेक पानी छोड़े जाने से बाढ़ का खतरा बन गया है। 24 घंटे में इसका प्रभाव मुरादाबाद व आसपास दिखाई देगा।

पिछले करीब चार दिनों से पहाड़ी व मैदानी क्षेत्र में लगातार बारिश हो रही है। लगातार बारिश से नदियों का जलस्तर बढ़ गया है। मुरादाबाद में भी रामगंगा नदी का जलस्तर बढ़ने लगा है। गुरुवार को रामगंगा का जलस्तर 188.20 मीटर पर था। शुक्रवार की शाम तक रामगंगा का जलस्तर बढ़कर 189.31 मीटर तक पहुंच गया। खतरे का निशान 190.60 मीटर हैं।

लिहाजा, रामगंगा का जलस्तर अभी खतरे के निशान से 1.20 मीटर नीचे हैं। खो बैराज से रामगंगा में 33 हजार क्यूसेक पानी गुजर रहा है। इसका असर मुरादाबाद व आसपास के क्षेत्र में आ गया है। मुरादाबाद में बगला गांव, नबाबपुरा, आशियाना फेज में आबादी के पास तक पानी पहुंच गया है।

रामगंगा नदी के दूसरे छोर पर स्थित किसानों की धान, गन्ना, चारे की फसल में पानी पहुंचना शुरू हो गया है। ऐसे में आबादी व फसल दोनों प्रभावित होंगी। इसको लेकर प्रशासन ने भी अलर्ट घोषित कर दिया है। रामगंगा, कोसी व ढेला नदी से प्रभावित नौ गांव संवेदनशील बताए हैं। इनमें प्रशासन ने बाढ़ राहत चौकियों को भी अलर्ट कर दिया गया है। किसानों को रामगंगा के पार न जाने की सलाह दी है।

बाढ़ का खतरा... नदी किनारे ना जाने की सलाह

कोसी नदी में करीब 35 हजार क्यूसेक पानी आने पर मुरादाबाद व आसपास में बाढ़ आ जाती है। फसलों के साथ साथ आबादी भी प्रभावित होती है। गुरुवार को कोसी नदी में रामनगर बैराज से करीब नौ हजार क्यूसेक पानी डिस्चार्ज हुआ था। शुक्रवार की सुबह आठ बजे तक कोसी में पानी की मात्रा 26 हजार क्यूसेक तक पहुंच गई और शाम छह बजे 50 हजार क्यूसेक पानी दर्ज किया गया है।

बाढ खंड अधिशासी अभियंता राजेश गंगवार ने बताया कि इस पानी का असर मुरादाबाद व आसपास में 24 घंटे के बाद दिखाई देगा। शनिवार को बाढ़ का खतरा है। कोसी नदी में रामनगर बैराज से करीब 35-36 हजार क्यूसेक पानी लगातार सात से आठ घंटे गुजरता है, तो मुरादाबाद के आसपास बाढ़ आ जाती है। ऐसे में प्रशासन ने लोगों को अलर्ट कर दिया है और नदी किनारे बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में न जाने की सलाह दी है।

गांव इलर में गोशाला के पास कटान शुरू

ढेला नदी में जलस्तर बढ़ा है। इससे डिलारी ब्लाक के गांव इलर के पास नदी ने कटान शुरू कर दिया है। गांव की आबादी से करीब 150 मीटर और गोशाला से करीब 100 मीटर नदी कटान कर रही है। ग्राम प्रधान शकील का कहना है कि उन्होंने इस संबंध में बाढ़ खंड अधिकारी व नायब तहसीलदार को सूचना दे दी है। पर अभी तक कोई भी प्रशासनिक अधिकारी गांव तक नहीं आया है।

बाढ़ को लेकर यह नौ गांव हैं अतिसंवेदनशील

रामगंगा, कोसी व ढेला नदी के किनारे के नौ गांव बाढ़ को लेकर अति संवेदनशील हैं। तीनों नदियों का जलस्तर बढ़ रहा हैं। इनमें मूंढापांडे ब्लाक के गांव गदईखेडा, भैयानंगला, हरपाल नगर, रनियाठेर, वीकनपुर, ठाकुरद्वारा ब्लाक के गांव राई भूड, मानपुर दतराम, प्रतापपुर, डिलारी ब्लाक के गांव इलर शमािल हैं।

नदियों का जलस्तर बढ़ा हैं। कोसी नदी में बाढ़ की आशंका है। रामनगर बैराज से कोसी नदी में 50 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। शनिवार तक मुरादाबाद के आसपास इसका असर दिखाई देगा। रामगंगा नदी में अभी जलस्तर खतरे के निशान से काफी नीचे हैं। लगातार बारिश से अभी जलस्तर बढ़ने का खतरा है। लोगो को नदी किनारे न जाने की सलाह दी गई है। - राजेश गंगवार, अधिशासी अभियंता बाढ़ खंड मुरादाबाद

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