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Road accident in Moradabad : पुलिस का खेल, हादसे में मारे गए अपने ही सिपाही को लिख दिया अज्ञात

यातायात विभाग के मृतक सिपाही की शिनाख्त को लेकर अफसर चुप्पी साधे रहे। सूची में मृतक सिपाही का नाम अज्ञात में लिखा रहा वहीं गुपचुप तरीके से जिस घायल सिपाही का इलाज निजी अस्पताल में चल रहा था उसके बारे में भी कोई जानकारी देने को तैयार नहीं था।

By Narendra KumarEdited By: Updated: Tue, 29 Jun 2021 12:51 PM (IST)
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घायल सिपाही को चुपके से निजी अस्पताल में भर्ती कराया।

मुरादाबाद, जागरण संवाददाता। बरेली-मुरादाबाद हाईवे पर यातायात पुलिस की कारनामे को लेकर अफसरों ने 15 घंटे तक चुप्पी साध रखी थी। इस मामले में सिपाही, थानेदार से लेकर अफसर तक कुछ बोलने को तैयार नहीं थे। यातायात विभाग के मृतक सिपाही की शिनाख्त को लेकर अफसर चुप्पी साधे रहे। सुबह से लेकर शाम तक घायलों की सूची में मृतक सिपाही का नाम अज्ञात में लिखा रहा, वहीं गुपचुप तरीके से जिस घायल सिपाही का इलाज निजी अस्पताल में चल रहा था, उसके बारे में भी कोई जानकारी देने को तैयार नहीं था।

सोमवार को सुबह करीब सवा पांच बजे मझोला थाना क्षेत्र में बस और पिकअप में टक्कर हुई थी। इस घटना में कुल 19 लोग घायल हुए, जबकि चार की मौके पर मौत हो गई। मृतकों में एक यातायात विभाग का सिपाही बृजकिशोर गिरी के साथ ही घायलों में इंटरसेप्टर कार का चालक अनिल कुमार भी था। घटना के बाद मौके पर मौजूद यातायात निरीक्षक धर्मेंद्र सिंह राठौर अपने बचे साथियों के साथ भाग गए थे। वहीं सूचना मिलने के बाद पहुंची पुलिस ने सभी घायलों को जिला अस्पताल में इलाज के लिए भेजा था। पुलिस ने जानकारी के बाद घायल सिपाही अनिल को दिल्ली रोड स्थित साईं अस्पताल में भर्ती करा दिया था। दोपहर के समय घायल सिपाही के पैर का आपरेशन करने के साथ ही लोहे की राड डालने की कार्रवाई की गई। लेकिन इस दौरान 15 घंटों तक पुलिस इस मामले में चुप्पी साध रखी थी। मोर्चरी में सफेद वर्दी पहने पुलिस वालों से जब उनके साथी के संबंध में सवाल किया गया, तो उन्होंने कोई भी जानकारी देने से इन्कार कर दिया। देर शाम तक इस मामले में चुप्पी साधे रहे। वहीं रात करीब पौने नौ बजे एसएसपी पवन कुमार ने इंटरनेट मीडिया में वीडियो जारी करके पूरी घटना के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इस घटना में दो सिपाही घायल हुए थे। जिसमें एक सिपाही की मौत हो गई है, जबकि दूसरे सिपाही का उपचार किया जा रहा है। इसके साथ ही इस घटना में शामिल रहे टीआइ को मैनाठेर पुलिस ने हिरासत में लेकर पूरे मामले की जानकारी ले रही है।

बिना सेलरी के काम कर रहे थे टीआइ  : यातायात विभाग में टीआई के पद पर तैनात धर्मेंद्र सिंह राठौर बीते तीन सालों से मुरादाबाद में कार्यरत हैं। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार एक पुराने मामले के कारण हाईकोर्ट ने उनके वेतन पर रोक लगा रखा है। मौजूदा समय में बीते दो सालों से उनका वेतन नहीं दिया जा रहा था, इसके बाद भी वह टीआई जैसे महत्वपूर्ण पद पर तैनात रहकर ड्यूटी पूरी कर रहे थे। इस मामले को गंभीरता से लेते हुए एसएसपी ने एसपी ट्रैफिक अशोक कुमार से रिपोर्ट मांगी है। जांच रिपोर्ट के आधार आगे की कार्रवाई की जाएगी।

हाईवे में बिना अनुमति हो रही थी चेकिंग : शहर की यातायात व्यवस्था को संभालने वाली पुलिस अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर जाकर वाहनों की चेकिंग करने का काम कर रही है। वहीं इस चेकिंग की भनक तक उच्च अधिकारियों को नहीं लग रही थी। मुरादाबाद के तीन स्थानों में नो एंट्री प्वाइंट हैं। जिसमें सुबह छह बजे से रात 11 बजे तक भारी वाहनों का प्रवेश रोकने के लिए चेकिंग की जाती है। लेकिन इन तीन प्वाइंट को छोड़कर यातायात पुलिस हाईवे पर सुबह चार बजे से चेकिंग करने पहुंच जाती थी। इस पूरे मामले में अवैध वसूली का खेल चल रहा था।

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