Sambhal Violence: नेता प्रतिपक्ष के नेतृत्व में आज संभल जाएगा सपा का प्रतिनिधिमंडल, कई नेताओं को किया गया नजरबंद
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने संभल हिंसा की जानकारी लेने के लिए टीम बनाई है। धानसभा में नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडेय के नेतृत्व में सपा का प्रतिनिधिमंडल मंगलवार 26 नवंबर को संभल जाएगा। यह प्रतिनिधिमंडल संभल में हुई हिंसा की जानकारी लेगा और प्रभावित परिवारों से भी मिलेगा। घटना के कारणों की जांच कर प्रतिनिधिमंडल अपनी रिपोर्ट पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव को सौंपेगा।
जागरण संवाददाता, मुरादाबाद। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने संभल हिंसा की जानकारी लेने के लिए टीम बनाई है। मंगलवार को सपा नेताओं का प्रतिनिधिमंडल संभल पहुंचकर घटना की हकीकत का पता लगाएगा।
प्रतिनिधिमंडल में यूपी विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडे, नेता प्रतिपक्ष विधान परिषद लाल बिहारी यादव, राज्यसभा सदस्य जावेद अली, लोकसभा सदस्य हरेन्द्र मलिक, रुचि वीरा, जियाउर्रहमान बर्क, नीरज मौर्य, पूर्व मंत्री एवं कांठ विधायक कमाल अख्तर, संभल विधायक नवाब इकबाल महमूद, असमोली विधायक पिंकी यादव, मुरादाबाद के जिलाध्यक्ष जयवीर सिंह यादव, बरेली के सपा जिलाध्यक्ष शिवचरण कश्यप शामिल हैं।
कई नेता घर पर नजरबंद
जयवीर सिंह यादव ने बताया कि सपा नेताओं का प्रतिनिधिमंडल मंगलवार को संभल जाकर हिंसा के संबंध में जानकारी लेकर संयुक्त रिपोर्ट तैयार करेगा। यह रिपोर्ट सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष को सौंपी जाएगी। संभल में पहले से ही बाहरी व्यक्तियों का प्रवेश प्रतिबंधित है। लिहाजा अखिलेश के इस पत्र के बाद डीएम संभल ने संबंधित जनपदों के कप्तानों से वार्ता की। इसके बाद प्रतिनिधि मंडल में शामिल नेताओं को उनके घर पर ही नजरबंद कर दिया गया है जिससे कोई भी सुबह संभल के लिए निकलने ना पाए।बावलियों से की जाएगी नुकसान की पाई पाई की भरपाई
जामा मस्जिद को लेकर हुए बवाल को लेकर जामा मस्जिद कमेटी के सदर जफर अली के द्वारा सोमवार को एक प्रेस वार्ता की गई, जिसमें पुलिस और प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए थे। इन आरोपों का जबाव देने और भ्रामक बातों का खंडन करने के डीएम डॉ. राजेंद्र पैंसिया और एसपी कृष्ण कुमार बिश्नोई ने कोतवाली संभल में शाम करीब सात बजे प्रेस वार्ता की। कहा कि बवाल करने वालों द्वारा सरकारी व गैर सरकारी वाहनों व अन्य संपत्ति के नुकसान की वसूली की जाएगी।
डीएम ने बताया कि सदर के द्वारा एक आरोप लगाया गया कि सर्वे की सूचना नहीं दी गई, जबकि इसके जबाव में डीएम ने न्यायालय के आदेश से लेकर एडवोकेट कमिश्नर के पत्र की प्रतियां पढ़कर सुनाई और दिखाईं। जिसमें समय को लेकर सुबह सात बजे से 11 बजे के बीच सर्वे को लेकर सूचना दी गई थी। मस्जिद के अंदर प्रवेश को लेकर भी सहमति ली गई और उनकी सहमति से निर्धारित संख्या में टीम अंदर गई। सदर के द्वारा लगाए गए एक आरोप में दावा किया गए कि डीआईजी, डीएम और एसपी ने होली चलवाने के आदेश देते हुए उन्होंने सुना था।
इसपर एसपी ने जबाव दिया कि तीनों अधिकारी एक साथ मौजूद नहीं थे। जिस समय उपद्रव हुआ उस समय डीआईजी नहीं पहुंचे, जबकि डीएम अंदर सर्वे करा रहे थे और एसपी स्वयं उपद्रवियों का सामना कर रहे थे। पुलिस के द्वारा फायरिंग के आरोप में एसपी ने बताया पुलिस ने फायरिंग नहीं की। रबर गन का प्रयोग किया गए, जबकि सदर को हेलमेट देकर उपद्रवियों को समझाने भेजा था, लेकिन वे उनकी बात नहीं माने थे। जबकि सदर ने बोला कि जनता ने पत्थर नहीं चलाया।
आरोप लगाया कि पुलिस ने गाड़ी तोड़ी थी जबकि पुलिस स्वयं अपने वाहनों को क्यों तोड़ेगी। यह सब एफआईआरके बाद पुलिस और प्रशासन के खिलाफ भ्रामक बयान दिया है। एक आरोप पुलिस के हाथ में देशी तमंचा बताए गए यह भी गलत है। मृतक के स्वजन को पोस्टमार्टम की प्रति दी जाएगी। सदर ने कहा कि पुलिस को लोगों का पैर में गोली मारनी थी जिस पर एसपी ने कहा कि पुलिस ने कोई गोली नहीं चलाई है। डीएम ने इस मामले में मजिस्ट्रियल जांच की बात कही। डीएम ने यह भी बताया कि मस्जिद में खोदाई की बात भ्रामक दी गई है। मस्जिद के बज्जू में पानी भरा था उसके चलते वीडियोग्राफी नहीं हो पा रही थी, इसको लेकर कोई अफवाह नहीं फैली थी। एसपी ने कहा कि जिन लोगों ने आगजनी करके नुकसान किया है उसकी भरपाई भी उन्हीं लोगों से की जाएगी, पाई पाई का हिसाब वसूला जाएगा।
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