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DP Yadav Suicide Case: यूपी पुलिस में सिपाही का पद छोड़कर रखा था सियासत में कदम, सपा के कई प्रमुख पदों पर रहे थे काबिज

Samajwadi Party Leader DP Yadav Suicide Case Moradabad डीपी यादव समाजवादी पार्टी के संस्थापक सदस्यों में से एक थे। समाजवादी पार्टी में महत्वपूर्ण पद नहीं मिलने के बावजूद वे पार्टी की मजबूती के लिए कार्य करते रहे। पंचायत चुनाव में पार्टी में गुटबाजी के चलते उनके साले और सपा जिलाध्यक्ष जयवीर सिंह पद से हटाकर उन्हें जिलाध्यक्ष बनाया गया था।

By Jagran News Edited By: Abhishek Saxena Updated: Sat, 08 Jun 2024 12:20 PM (IST)
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डीपी यादव का फाइल फोटो, उनके आवास पर एसएसपी जानकारी देते हुए।
जागरण संवाददाता मुरादाबाद। समाजवादी पार्टी के पूर्व जिलाध्यक्ष डीपी यादव यूपी पुलिस से सिपाही की नौकरी छोड़कर सियासत में कदम रखा था। इसके बाद वह पार्टी के कई महत्वपूर्ण पदों पर रहे। लोकसभा चुनाव में जिलाध्यक्ष के पद से हटाए जाने के बाद वह मानसिक तनाव में थे। उन्होंने घर से निकलना भी बहुत कम कर दिया था।

मूल रूप से जनपद बिजनौर के रहने वाले डीपी यादव बुद्धि विहार में रहते हैं। समाजवादी पार्टी के पूर्व जिला महासचिव मुदस्सिर खान ने बताया कि डीपी यादव पार्टी सपा के संस्थापक सदस्य थे। वह प्रदेश सचिव के पद पर भी रहे हैं। इसके अलावा राज्यसभा सदस्य जावेद अली खान जिस समय मुरादाबाद में समाजवादी पार्टी के जिला अध्यक्ष थे उनकी कमेटी में जिला महासचिव के पद पर रहे। इससे पहले भी एक जिलाध्यक्ष की कमेटी में उन्होंने महासचिव की भूमिका निभाई है। चुनावों में कई जिलों के प्रभारी भी उन्हें बनाया गया।

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जिलाध्यक्ष के पद से हटा दिए थे

पंचायत चुनाव के दौरान कमेटी भंग चल रही थी। इसके बाद उन्हें जिलाध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंप गई थी। विधानसभा चुनाव 2022 में जिले में पांच विधायक चुने जाने के बाद उन्हें बतौर इनाम दोबारा जिलाध्यक्ष पद की कमान सौंप गई लेकिन, लोकसभा चुनाव में डा. एसटी हसन का टिकट काटे जाने के विरोध के चलते उन्हें अपनी कुर्सी गंवानी पड़ी थी।

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उनके स्थान पर उनके साले जयवीर सिंह यादव को जिलाध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंप गई थी। लोकसभा चुनाव के दौरान पद से हटाए जाने पर वह बेहद नाराज थे। इसके बाद से उन्होंने घर से निकलना बंद कर दिया था। 

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