दो बालिकाओं के माचिस के खेल में झोपड़ी में लगी आग, जिंंदा जल गया नौ महीने का मासूम
Fire in a hut in a matchbox game मुरादाबाद मंडल के सम्भल के गुन्नौर इलाके में नौ महीने का मासूम जिंंदा जल गया। दरअसल झोपड़ी में मौजूद दो बालिकाएं माचिस से खेलने लगीं। इस दौरान आग लग गई।
By Narendra KumarEdited By: Updated: Tue, 20 Apr 2021 06:30 AM (IST)
मुरादाबाद, जेएनएन। Fire in a hut in a matchbox game : मंडल के सम्भल जिले में बड़ा हादसा हो गया। यहां के गुन्नौर थाना क्षेत्र के गंगावास में खेत पर बनी झोपड़ी मेें दो बालिकाएं माचिस के साथ खेल रहीं थीं जबकि नौ महीने का मासूम चारपाई पर सोया हुआ था। माचिस की तीली में लगी आग से झोपड़ी जलने लगी। इस पर दोनों बालिकाएं मासूम को छोड़कर शोर मचाने हुए भाग निकली। जब तक लोगों ने आग बुझाकर मासूम को निकाला तब तक उसकी मौत हो चुकी थी।
गुन्नौर थाना क्षेत्र के गांव गंगावास निवासी कल्याण अपनी पत्नी कमलेश और पिता शिवनारायन के साथ सोमवार की शाम चार बजे खेत पर गेहूं काट रहा था। धूप से बचने के लिए कल्याण ने खेत पर ही एक झोपड़ी बना रखी है। गेहूं काटने के लिए जाते समय वह अपनी बेटी रेनू, नन्हीं और नौ माह के बेटे राघव को भी साथ ले गया था। तीनों बच्चों को झोपड़ी में छोड़कर वह गेहूं काटने लगा। इसी बीच कल्याण की दोनों बेटियां झोपड़ी में खेलने लगी तो नौ माह का राघव सो गया। इस दौरान वहां पर रखी माचिस को दोनों बेटियों ने खेल-खेल में जला दिया। इससे झोपड़ी में आग लग गई। आग लगने के बाद दोनों बेटियां शोर मचाते हुए भागने लगीं, जबकि राघव वही सोता रहा। शोर शराबा सुनकर कल्याण पत्नी के साथ मौके पर पहुंचा, लेकिन तब तक जलती हुई झोपड़ी जलकर मासूम के ऊपर गिर चुकी थी। उधर झोपड़ी को जलता देख आसपास के खेताें पर काम कर रहे किसान भी मौके पर पहुंच गए। आग पर काबू करके मासूम को बाहर निकाला गया, लेकिन जब तक उसकी मौत हो चुकी थी। कल्याण पर दो बेटी जबकि अकेला बेटा था, लेकिन वह भी जिंदा जल गया। इससे स्वजनों का तो रो-रोकर बुरा हाल है। इस घटना से ग्रामीणों के भी आंसू रुकने का नाम नहीं ले रहे हैं। मासूम से उनका खासा लगाव था।
एक ही पल में बिखर गईं खुशियां
दो बेटियों के बाद जब बेटा राघव पैदा हुआ तो परिवार के लोग काफी खुश थे। परिवार के लोग कभी भी मासूम को अकेला नहीं छोड़ते थे लेकिन उन्होंने मासूम को बेटियों के भरोसे छोड़ दिया था और खुद गेहूं काटने में जुटे थे। झोपड़ी में कोई जिम्मेदार होता तो इस तरह की घटना नहीं होने पाती। एक ही पल में परिवार के अरमान खाक हो गए। इस घटना ने आसपास के लोगों को भी झकझोर कर रख दिया है।
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