यूपी के संभल से सपा सांसद शफीकुर्रहमान बर्क का 94 वर्ष की उम्र में निधन, मुरादाबाद के अस्पताल में ली अंतिम सांस
सबसे अधिक आयु वाले सांसद के रूप में प्रधानमंत्री ने भी दी थी बधाई। तो कौन बनेगा करोड़पति में भी इनकी आयु को लेकर पूछा गया था सवाल। किसी एक राजनीतिक पार्टी से नहीं बंधे रहे डा. बर्क। सपा के साथ बसपा से भी रहे सांसद। सपा सांसद को अखिलेश यादव ने हाल ही में अपनी पार्टी की तरफ से लोकसभा चुनाव में प्रत्याशी घाेषित किया था।
जागरण संवाददाता, मुरादाबाद। संभल के सपा सांसद डा. शफीकुर्रहमान बर्क का मंगलवार सुबह शहर के सिद्ध हास्पिटल में निधन हो गया। 94 वर्षीय बर्क देश के सबसे अधिक उम्र के सांसद थे। वह अस्पताल में 29 जनवरी से भर्ती थे। उनके गुर्दे में संक्रमण था। इससे पहले उनका गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में भी उपचार चला था।
गत 21 फरवरी को सपा प्रमुख अखिलेश यादव भी उनका हाल जानने अस्पताल आए थे। सपा मुखिया ने उनके निधन पर व्यक्त किया है। सपा की पहली सूची में ही उन्हें संभल से पार्टी प्रत्याशी कर दिया था। उनके पौत्र जिय़ाउर्रहमान बर्क मुरादाबाद जिले की कुंदरकी विधानसभा सीट से सपा विधायक हैं।
1974 में पहली बार बने विधायक, पांच बार रहे सांसद
संभल के मूल निवासी डा. बर्क देश से सबसे अधिक उम्र के सांसद थे। 1967 में चौधरी चरण सिंह के संपर्क में आने पर उन्हें राजनीति शुरू की। वह 1974 में भारतीय क्रांति दल (बीकेडी) से संभल से पहली बार विधायक बने। इसके बाद 1985 में लोकदल, 1989 में जनता दल से विधायक रहे। मुलायम सरकार में होमगार्ड विभाग के मंत्री भी रहे।1995 में उन्होंने सपा का दामन थाम लिया।वर्ष 1996 में पार्टी ने उन्हें मुरादाबाद संसदीय सीट से प्रत्याशी बनाया। वह सांसद बने। यहां से लगातार तीन बार सांसद रहे। इसके बाद 2009 में संभल से बसपा से सांसद बने। 2014 में पराजित रहे। 2019 में वह सपा से जीते। सपा के संस्थापक सदस्य रहे। वह बाबरी मस्जिद एक्शन कमेटी के कन्वीनर भी रहे।
पीएम मोदी ने दी थी बधाई
नए संसद भवन में पीएम प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने डा. बर्क को बधाई दी थी। उन्होंने कहा कि हमारे बीच 93 वर्ष के सांसद बर्क भी हैं। इसके कुछ देर बाद ही सांसद ने संसद भवन में नमाज के लिए जगह की मांग की। वह बसपा प्रमुख मा2यावती को जन्मतिथि की बधाई देने पर भी सुर्खियों में रहे। अपने तीखे बयानों को लेकर भी वह अक्सर चर्चा मे रहते थे। निकाय चुनाव में उन्होंने संभल नगर पालिका के अध्यक्ष पद पर सपा विधायक इकबाल महमूद की पत्नी के विरोध में निर्दलीय प्रत्याशी खड़ा कर दिया था।