सांसद आजम खां को झटका, जौहर यूनिवर्सिटी की 14 सौ बीघा जमीन सरकार के खाते में होगी दर्ज
Muhammad Ali Jauhar University Rampur अपर जिलाधिकारी की अदालत ने सुनाया फैसला। अब यूनिवर्सिटी के पास सिर्फ 12.50 एकड़ जमीन बचेगी। मुहम्मद अली जौहर यूनिवर्सिटी आजम खां का ड्रीम प्रोजेक्ट रहा है। 18 सितंबर 2006 को इसका शिलान्यास हुआ था
By Narendra KumarEdited By: Updated: Sun, 17 Jan 2021 06:05 AM (IST)
मुरादाबाद, जेएनएन। Muhammad Ali Jauhar University Rampur। सीतापुर जेल में बंद सांसद आजम खां को शनिवार को जबरदस्त झटका लगा। अदालत ने उनकी जौहर यूनिवर्सिटी की 14 सौ बीघा जमीन सरकारी खाते में दर्ज करने के आदेश दे दिए। अपर जिलाधिकारी जगदंबा प्रसाद की अदालत ने शनिवार की शाम यह महत्वपूर्ण फैसला सुनाया। उन्होंने जमीन को सरकारी अभिलेखों में दर्ज कराने के लिए उप जिलाधिकारी सदर को भी निर्देश दे दिए हैं।
मुहम्मद अली जौहर यूनिवर्सिटी आजम खां का ड्रीम प्रोजेक्ट रहा है। इसका 18 सितंबर 2006 को शिलान्यास हुआ था, उस समय तत्कालीन मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव 52 मंत्रियों के साथ रामपुर आए थे। 18 सितंबर 2012 में इसका उदघाटन हुआ, जिसमें तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव पूरी सरकार के साथ आए। इस यूनिवर्सिटी की जमीनों को लेकर शुरू से ही विवाद रहा है। किसान जमीनें कब्जाने का आरोप लगाते रहे हैं। साल 2019 में 26 किसानों ने मुकदमे भी दर्ज कराए थे। प्रशासन ने आजम खां को भू-माफिया भी दर्ज कर दिया था। प्रशासन ने इनको जमीन पर कब्जा भी दिला दिया। चकरोड की जमीनों पर भी कब्जा करने का आरोप था। उसे भी प्रशासन ने यूनिवर्सिटी की दीवारें तुड़वाकर खुलवा दिया था। कस्टोडियन और कोसी नदी क्षेत्र की जमीन पर भी कब्जा करने का आरोप है, इसको लेकर भी मुकदमे दर्ज हुए हैं। यूनिवर्सिटी को मौलाना मुहम्मद अली जौहर ट्रस्ट संचालित करता है। उसके नाम ही सारी जमीनें हैं। आजम खां इस ट्रस्ट के अध्यक्ष हैं। सरकार ने 2005 में जौहर ट्रस्ट को 12.50 एकड़ से ज्यादा जमीन खरीदने की अनुमति दी थी। तब कुछ शर्तें भी लगाई थीं। ट्रस्ट ने तब कहा था कि वह गरीब बच्चों को मुफ्त में शिक्षा दिलाएगी और चैरिटी का कार्य करेगी। लेकिन, इन शर्तों का अनुपालन न करने का आरोप लगाते हुए भाजपा लघु उद्योग प्रकोष्ठ के पश्चिमी उत्तर प्रदेश संयोजक आकाश सक्सेना ने मुख्यमंत्री से शिकायत कर दी।
जांच में भी आरोप सही मिलेशासन के आदेश पर प्रशासन ने जांच कराई तो शर्तों के उल्लंघन की बात सही पाई गई। इसके बाद शर्तों का उल्लंघन करने पर मुकदमा दायर कर दिया गया। अपर जिलाधिकारी की अदालत में मुकदमा चला। जिला शासकीय अधिवक्ता अजय तिवारी ने शर्तों का उल्लंघन बताते हुए कार्रवाई पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि 12.50 एकड़ से ज्यादा जमीन सरकार के खाते में दर्ज की जानी चाहिए। ट्रस्ट के वकील का कहना था कि आजम खां ट्रस्ट के अध्यक्ष हैं और वह जेल में बंद हैं, उनके बयान दर्ज करने के लिए एडवोकेट कमिश्नर नियुक्त कर सीतापुर जेल भेजा जाए। लेकिन, अदालत ने उनकी बात नहीं मानी। इसके विरोध में वह हाईकोर्ट भी गए। लेकिन, हाईकोर्ट से भी कोई राहत नहीं मिल सकी। एडीएम ने जिला शासकीय अधिवक्ता के तर्कों से सहमत होते हुए जजमेंट सुना दिया। उन्होंने शर्तों का उल्लंघन करने पर 12.50 एकड़ से ज्यादा जमीन सरकार के खाते में दर्ज कराने के आदेश दे दिए। श्री तिवारी ने बताया कि यूनिवर्सिटी की 14 सौ बीघा जमीन सरकारी खाते में दर्ज होगी। भाजपा नेता आकाश सक्सेना का कहना है कि सरकार को अब यूनिवर्सिटी को टेकओवर कर लेना चाहिए।
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