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SP विधायक इकबाल महमूद बोले- जनसंख्या दलित व आदिवासियों के कारण बढ़ी, मुसलमान बेवजह बदनाम

Population Increased in UP इकबाल महमूद ने कहा कि केंद्र के साथ राज्य सरकार जनसंख्या बढ़ाने के मामले में मुसलमानों को बेवजह कर रही बदनाम कर रही हैं। देश तथा प्रदेश में तेजी से बढ़ रही जनसंख्या के लिए दलित के साथ आदिवासी जिम्मेदार हैं।

By Dharmendra PandeyEdited By: Updated: Sun, 27 Jun 2021 01:38 PM (IST)
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सम्भल से विधायक तथा विधानसभा में उप नेता इकबाल महमूद
सम्भल, जेएनएन। उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार के प्रदेश में जनसंख्या नियंत्रण की योजना तैयार करने से पहले ही उसका विरोध होने लगा है। समाजवादी पार्टी के विधायक इकबाल महमूद इसके विरोध में खड़े होने लगे हैं। सम्भल से विधायक तथा विधानसभा में उप नेता इकबाल महमूद का कहना है कि देश में मुसलमानों ने जनसंख्या नहीं बढ़ाई है। यहां पर तो दलित और आदिवासी जनसंख्या बढ़ा रहे हैं। इसके साथ ही उत्तर प्रदेश सरकार भी जनसंख्या कानून की आड़ में मुसलमानों पर वार कर रही है।

पूर्व केबिनेट मंत्री नवाब इकबाल महमूद ने कहा कि केंद्र के साथ राज्य सरकार जनसंख्या बढ़ाने के मामले में मुसलमानों को बेवजह कर रही बदनाम कर रही हैं। देश तथा प्रदेश में तेजी से बढ़ रही जनसंख्या के लिए दलित के साथ आदिवासी जिम्मेदार हैं। सरकारें तो अब जनसंख्या कानून की आड़ में मुसलमानों पर वार कर रही हैं। उन्होंने कहा कि अगर सरकार जनसंख्या नियंत्रण कानून लाती है तो समाजवादी पार्टी विरोध करेगी। हम लोग तो खुलकर विरोध करेंगे। इसके बाद जनसंख्या कानून का हाल भी एनआरसी ही हो जाएगा।

सपा विधायक व विधानसभा में विपक्ष के उपनेता इकबाल महमूद ने कहा उत्तर प्रदेश सरकार ने जनसंख्या नियंत्रण कानून बनाने का मुद्दा चुनाव के कारण उछाला है। यदि कानून बनाना ही था तो देश की संसद में पास कराते। यह सब भाजपा की वोट बैंक की रणनीति का हिस्सा है। भाजपा इसके जरिए समाज को बांटकर अपना वोट बैंक मजबूत करना चाह रही है। असम में जब एनआरसी (राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर) पर काम शुरू हुआ तो यदि हजार मुसलमान इसके जद में आए तो दस गुना यानी दस हजार हिंदू आबादी भी प्रभावित हुई तो कानून ठंड बस्ते में चला गया। असम में अनुसूचित जाति व जनजाति की संख्या ज्यादा है।

पूर्व मंत्री नवाब इकबाल महमूद ने कहा कि जनसंख्या नियंत्रण कानून खासकर मुसलमानों को ध्यान में रखते हुए लाया गया है। सच्चाई यह है कि इस कानून से सबसे ज्यादा हिंदू समाज प्रभावित होगा। यह चुनावी समय का कानून है और इसे केवल वोट के लिए लाया गया है। भाजपा की पूर्ण बहुमत की सरकार है और वह कोई भी कानून ला सकते हैं, बना सकते हैं। महंगाई, पेट्रोल मूल्य वृद्धि आदि मुद्दों से जनता का ध्यान भटकाने के लिए भाजपा को कुछ न कुछ करना था तो वह कर रही है। 

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