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किस्तों में रिश्वत ले रहा था दारोगा, बीमार भाई की दुहाई दी तो कहा- पुलिस को देने का नंबर आता है तो…

मुरादाबाद के कुंदरकी थाने में विवेचक रवि प्रकाश और सिपाही कौशल कुमार पर मारपीट के मुकदमे में नाम निकलवाने के लिए 40 हजार रुपये रिश्वत मांगने का आरोप लगा। पीड़ित ने एंटी करप्शन टीम से शिकायत की जिसके बाद सिपाही को 15 हजार रुपये लेते हुए पकड़ लिया गया। आरोपियों के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है।

By Jagran News Edited By: Shivam Yadav Updated: Mon, 23 Sep 2024 09:56 PM (IST)
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रिश्वत लेने का आरोपी सिपाही कुशल कुमार।
संवाद सूत्र, मुरादाबाद। मारपीट के मुकदमे में नाम निकलवाने के एवज में विवेचक रवि प्रकाश ने 40 हजार रुपये की मांग की। फिर सिपाही कौशल कुमार के जरिये वसूली शुरू हुई। पांच हजार रुपये की पहली किस्त वसूल ली गई। 15 हजार की दूसरी किस्त लेते आरोपी सिपाही थाने के गेट से पकड़ लिया गया। 

रिश्वत के लिए आरोपी सिपाही ने पीड़ित को इस कदर परेशान कर दिया था कि उसे ब्याज पर रुपये लेने पड़े। ब्याज पर रुपये उसे तब लेने पड़े जब पहले ही वह भाई के उपचार को लेकर परेशान चल रहा था। 

तभी तंग आकर पीड़ित ने एंटी करप्शन टीम से शिकायत की और सिपाही धर लिया गया। कुंदरकी थाने में आरोपी विवेचक रवि प्रकाश व सिपाही कौशल कुमार के विरुद्ध भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा में प्राथमिकी लिखी गई है। आरोपी सिपाही मेरठ के कमालपुर मवाना का निवासी है। दारोगा फरार है।

यह है पूरा मामला

बिलारी के गांव सिहारी नंदा के रहने वाले मितेंद्र सिंह पेशे से चालक हैं। उनके अनुसार, गांव के मुन्नालाल ने दारोगा रवि प्रकाश से सांठगांठ करके दो सितंबर को मारपीट समेत संगीन धाराओं में उनके साथ नाबालिग बेटे व भतीजे को नामजद करा दिया। मुकदमा होते ही दारोगा रवि प्रकाश व सिपाही कौशल कुमार दबिश देने लगे। 

मामले को निपटाने की बात कहने लगे। लगातार दबिश की वजह से पूरा परिवार जब परेशान हो गया, तब मामले के विवेचक दारोगा रवि प्रकाश ने नाम निकालने के लिए 40 हजार रुपये रिश्वत की मांग की। 

भरोसा दिलाया था कि दोनों नाबालिग का नाम निकाल दिया जाएगा। आरोपी सिपाही कौशल कुमार के जरिए पांच हजार रुपये की पहली किस्त ली। काम होने पर शेष रुपये देने की बात कही। इस पर आरोपी अड़ गया। मजबूरी बताने के बावजूद भी आरोपी ना माना। तब रिश्वत देने के लिए ब्याज पर रुपये लेने पड़े। 

इसके बाद आरोपियों को सबक सिखाने की ठान ली। एंटी करप्शन कार्यालय पहुंचकर पूरा घटनाक्रम बताया। इसी के बाद सिपाही कौशल कुमार के बुलावे पर सोमवार को 15 हजार रुपये रिश्वत लेकर बिलारी थाने के गेट पर पहुंचे। 

रुपये दिये ही थे कि पीछे से एंटी करप्शन टीम ने आरोपी को दबोच लिया, जिससे खलबली मच गई। टीम आनन-फानन में सिपाही को लेकर कुंदरकी थाने पहुंची। जहां आरोपी के विरुद्ध प्राथमिकी लिखी गई। मंगलवार को उसे जेल भेजा जाएगा। पूरे मामले में अब दारोगा की मुश्किलें बढ़ना भी तय हैं।

भाई जिंदगी मौत की जंग लड़ रहा, पुलिस बोली- हम इसकी चिंता नहीं

पीड़ित मितेंद्र सिंह ने बताया कि भाई जिंदगी मौत की जंग लड़ रहे हैं। शहर के एक निजी अस्पताल में उनकी डायलिसिस चल रही है, जिसमें काफी रुपये लग गए। एक-एक रुपये के लिए परेशान हैं। पुलिसकर्मियों को यह बात भी बताई। बावजूद आरोपी नहीं माना। कहा कि पुलिस को देने का नंबर आता है तो हर कोई परेशानी बताने लगता है। परेशानी सुनने के लिए नहीं बैठा हूं। जल्द से जल्द रुपये का प्रबंध करो।

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