Moradabad News: किसानों के जीवन में मिठास घोल रही गन्ने की खेती, सरकार के सहयोग से मालामाल होंगे अन्नदाता
Moradabad News मुरादाबाद में गन्ना किसानों के चेहरे खिल गए हैं। इस वर्ष सर्वे में मुरादाबाद मंडल में गन्ने का रकबा 25046 हेक्टेयर बढ़ा है। बिजनौर में सबसे अधिक सात प्रतिशत से अधिक रकबे में बढ़ोतरी हुई है। मुरादाबाद मंडल के पांचों जिलों में साढ़े पांच लाख से अधिक गन्ना किसान हैं। मंडल में 823.90 क्विंटल प्रति हेक्टेयर गन्ने की पैदावार होती है।
By Mohsin PashaEdited By: Swati SinghUpdated: Sat, 08 Jul 2023 08:06 AM (IST)
मुरादाबाद, जागरण संवाददाता। गन्ने की खेती किसानों की जिंदगी में भी मिठास घोल रही है। वजह, गन्ने की फसल पर आंधी, तूफान, बाढ़ आदि का खास बुरा असर नहीं पड़ता है। वहीं बेसहारा पशु भी इसे ज्यादा नुकसान नहीं पहुंचा पाते। ऐसे में किसानों को फसल का अनावश्यक नुकसान नहीं उठाना पड़ता है। वहीं योगी आदित्यनाथ सरकार भी गन्ना भुगतान में सुधार के लिए लगातार प्रयास कर रही है। किसानों को एकमुश्त नकद धनराशि मिल जाती है।
मुरादाबाद मंडल में गन्ने के क्षेत्रफल का सर्वे कार्य पूरा हो गया है। इस वर्ष सर्वे में मुरादाबाद मंडल में गन्ने का रकबा 25,046 हेक्टेयर बढ़ा है। बिजनौर में सबसे अधिक सात प्रतिशत से अधिक रकबे में बढ़ोतरी हुई है। मुरादाबाद मंडल के पांचों जिलों में साढ़े पांच लाख से अधिक गन्ना किसान हैं। मंडल में 823.90 क्विंटल प्रति हेक्टेयर गन्ने की पैदावार होती है। सबसे अधिक 885.52 क्विंटल प्रति हेक्टेयर गन्ने की पैदावार बिजनौर में होती है। मुरादाबाद की मिट्टी में प्रति हेक्टेयर सबसे कम पैदावार होती है।
गन्ने के क्षेत्रफल का कराया है सर्वे
मंडल की 22 चीनी मिलों के अधिकारियों और गन्ना विभाग के अफसरों ने संयुक्त टीमें बनाकर पांचों जिलों में गन्ने के क्षेत्रफल का सर्वे कराया है। सर्वे में गन्ने की पौध और पेड़ी दोनों का रकबा (क्षेत्रफल) बढ़ा है। किसान गन्ना भुगतान को लेकर तमाम सवाल खड़े करने के बाद भी इसी फसल को पहली पसंद बना रहे हैं। इसके पीछे गन्ना भुगतान में लगातार हो रहे सुधार को ही माना जा रहा है।जनपद गन्ने की पैदावार (प्रति हेक्टेयर)
- बिजनौर 885.52
- अमरोहा 838.20
- मुरादाबाद 778.24
- संभल 809.52
- रामपुर 808.00
गन्ने का रकबा बढ़ने का कारण
- एक साल बुआई से तीन साल तक फसल मिल जाती है।
- किसान को गन्ने में जोखिम सबसे कम उठाना पड़ता है।
- किसान को गन्ने से एकमुश्त धनराशि मिलने की आस रहती है।
- गन्ना काटकर किसान बोनस से तौर पर अन्य फसलें भी ले लेता है।
- गन्ने में मूंग, उड़द, लोबिया, सरसों, गेहूं, टमाटर आदि की सहफसली भी ली जा सकती है।
किसानों की बात
बेसहारा पशु खेतों में तिलहन व दलहन की खेती नहीं होने दे रहे हैं। इसके कारण भी किसान गन्ने की खेती की तरफ तेजी से बढ़ रहा है। शासन को बेसहारा पशुओं पर अंकुश लगाने के लिए कड़े कदम उठाने चाहिए।- ऋषिपाल सिंह, किसान
किसान के लिए गन्ने की खेती कई तरह से लाभकारी है। एकमुश्त धनराशि मिल जाती है। किसान को जोखिम नहीं उठाना पड़ता है। इसलिए किसान गन्ने की खेती करने के लिए तैयार हो रहा है।चौधरी सतवीर सिंह, किसान
पहले से गन्ना भुगतान में सुधार हुआ है लेकिन, सरकार किसानों के गन्ने का भुगतान 14 दिन में कराना सुनिश्चित करे। बेसहारा पशुओं से किसानों को राहत मिले। इसके बाद तिलहन और दलहन की खेती भी होने लगेगी। लवी चौधरी, किसान
किसान को गन्ने की खेती करने से कई लाभ हैं। एक मुश्त धनराशि मिल जाती है। इससे किसान अपने परिवार में बेटे-बेटियों की शादी कर लेता है। बच्चों की पढ़ाई में भी पैसा खर्च करने के लिए कर्ज नहीं लेना पड़ता है। ऋषभ चौधरी, किसान
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