ट्रेन दुर्घटना का सच आया सामने, जानकर पैरों तले से जमीन खिसक जाएगी आपके
धमौरा के पास हुई ट्रेन दुर्घटना का कारण भले ही जांच रिपोर्ट आने के बाद पता चले, लेकिन घटनास्थल पर टूटी रेल लाइन चीख-चीखकर दुर्घटना की कहानी बयां कर रही है। साथ ही अधिकारियों की लापरवाही भी दिखा रही है। जिस स्थान पर पटरी टूटी है वहां जंक लगने के कारण उसकी मोटाई कम हो जाने से पटरी कमजोर हो गई थी।
मुरादाबाद(प्रदीप चौरसिया)। धमौरा के पास हुई ट्रेन दुर्घटना का कारण भले ही जांच रिपोर्ट आने के बाद पता चले, लेकिन घटनास्थल पर टूटी रेल लाइन चीख-चीखकर दुर्घटना की कहानी बयां कर रही है। साथ ही अधिकारियों की लापरवाही भी दिखा रही है। जिस स्थान पर पटरी टूटी है वहां जंक लगने के कारण उसकी मोटाई कम हो जाने से पटरी कमजोर हो गई थी। प्राथमिक जांच में इस कारण पर संदेह जताया गया है। टूटी पटरी का टुकड़ा जांच के लिए रिसर्च डिजाइन एंड स्टैंडर्ड आर्गनाइजेशन (आरडीएसओ) भेजी जा रहा है।
पटरी की देखरेख में लापरवाही बनी हादसे का कारण
धमौरा के पास २००७ में पुरानी पटरी बदलकर नई डाली गई थी। पटरी की १५ से २० साल तक ५२५ ग्रोस मीट्रिक टन (जीएमटी) भार की मालगाड़ी व ट्रेन गुजारने की क्षमता है। निर्धारित समय के बाद पटरियों को बदल दिया जाता है। बुधवार रात हुई दुर्घटना से १५ मिनट पहले लाइन से ३३० जीएमटी भार की ट्रेन व मालगाड़ी गुजरी थी। इसलिए पूरी रेल लाइन को खराब नहीं माना जा सकता। ट्रेनों के सुरक्षित संचालन के लिए रेलवे टीम ट्रैक पर लगातार निगरानी रखती है। अगर, कहीं छोटी-मोटी कमी दिखाई मिलती है तो उसे तत्काल ठीक किया जाता है।
दुर्घटना स्थल पर टूटी मिली पटरी, जंक लगने के कारण कम हो गई थी मोटाई
रेल लाइन के आधार वाले हिस्से की मोटाई ११ मिलीमीटर होती है। जंक लगने से मोटाई कम होने पर उसे ठीक करने या बदलने का नियम है। घटनास्थल पर टूटी मिली रेल लाइन के एक ओर के हिस्से की मोटाई तो ११ मिलीमीटर है, लेकिन दूसरी ओर के हिस्से पर जंक लगी हुई है। इसके चलते लगभग पांच मिमी हिस्सा गल चुका है और मोटाई घटकर छह मिलीमीटर से कम रह गई है। ऐसी स्थिति में लाइन के नीचे लकड़ी का गुटका लगाना चाहिए था, या लाइन को पीछे कर स्लीपर के बीच रखना चाहिए था।
-पटरी का एक ओर का हिस्सा मिला दुरुस्त, टूटी रेल लाइन की जांच के लिए भेजेंगे आरडीएसओ
रेलवे इंजीनियरिंग टीम ने जानकारी होने के बाद भी नियम का पालन नहीं किया। बुधवार रात पैसेंजर ट्रेन के गुजरते वक्त झटका कमजोर वाले स्थान पर लगा और लाइन टूट गई। तेज रफ्तार ट्रेन के रुकते-रुकते २०० मीटर पटरी व स्लीपर उखड़ गए। घटना के बाद रेल प्रशासन द्वारा सौंपी गई संयुक्त जांच रिपोर्ट में घटना के कारण स्पष्ट नहीं किए गए हैं, लेकिन रेल लाइन के कमजोर होने का संदेह जताया है। मंडल रेल प्रबंधक अजय कुमार सिंघल ने बताया कि घटना का कारण तो जांच रिपोर्ट के बाद ही पता चल पाएगा। रेल लाइन में जंक लगने के कारण मोटाई कम होने का संदेह है। टूटी रेल लाइन को जांच के लिए आरडीएसओ लखनऊ भेजा जा रहा है।