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गुप्‍तांग में हवा भरने से चली गई थी युवक की जान, पुलिस की चार्जशीट पर खड़े होने लगे सवाल, घटना के पीेछे बड़ी साज‍िश

अभियोजन के द्वारा की गई टिप्पणी में इस मामले को गैरइरादत हत्या की जगह सीधे सुनियोजित हत्या का मामला माना गया है। जिसमें पुलिस को गहराई से जांच करके दोबारा से चार्जशीट दाखिल करने के लिए कहा गया है।

By Narendra KumarEdited By: Updated: Sat, 04 Dec 2021 02:52 PM (IST)
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-13 अक्टूबर को कंप्रेशर पाइप से गुप्त अंग में हवा भरने से युवक की हुई थी मौत।
मुरादाबाद [रितेश द्विवेदी]। पाकबाड़ा थाना क्षेत्र की एक पीतल फर्म में काम करने वाले युवक की कंप्रेशर पाइप से गुप्त अंग में हवा भरने से मौत हो गई थी। इस मामले में पुलिस ने उसके दोस्त को आरोपित बनाते हुए जेल भेज दिया था। लेकिन पुलिस ने इस मामले में जो चार्जशीट तैयार की है, उसको लेकर अभियोजन अधिकारी ने सवाल खड़े कर दिए है। जांच के नाम पर पुलिस ने खानापूर्ति करते हुए मामले को खत्म करने का प्रयास किया। जबकि अभियोजन ने 15 सवालों के जवाब मांगकर पुलिस को ही कटघरे में खड़ा कर दिया है। इन सवालों का जवाब देना विवेचक के लिए मुश्किल होगा। लेकिन इन सवालों से इस पूरे मामले की दिशा ही बदल गई है। वहीं जिसे पुलिस गैरइरादतन हत्या का मामला बताकर रफादफा कर दिया था, वह अब हत्या के मामले में बदलता हुआ नजर आ रहा है।

पाकबड़ा थाना क्षेत्र के धनुपुरा गांव स्थित इंदिरा एक्सपोर्ट फर्म में बीते 13 अक्टूबर को दोस्त ने ही दोस्त के गुप्त अंग में कंप्रेशर का पाइप डालकर हवा भर दी थी। इस हादसे में सम्‍भल के मढ़न गांव निवासी असलम की मौत हो गई थी। पुलिस ने इस मामले में गैर इरादतन हत्या का मुकदमा दर्ज कर आरोपित दोस्त फरहान को जेल भेज दिया था। पुलिस ने इस मामले में चार्जशीट बनाकर संयुक्त अभियोजन अधिकारी की टिप्पणी के लिए भेजी थी। लेकिन चार्जशीट को देखकर अभियोजन विभाग के अधिकारियों ने पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए। जिस नाटकीय ढंग से चार्जशीट तैयार की गई, वह पूरी फिल्मी स्टाइल है। जिसमें साक्ष्य और सुबूत एकत्र करने की पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। चार्जशीट पुलिस को वापस करते हुए कई तीखे सवाल पूछे गए हैं। जिनका जवाब खोज पाना विवेचक के लिए भी मुश्किल होगा। अभियोजन के द्वारा की गई टिप्पणी में इस मामले को गैरइरादत हत्या की जगह सीधे सुनियोजित हत्या का मामला माना गया है। जिसमें पुलिस को गहराई से जांच करके दोबारा से चार्जशीट दाखिल करने के लिए कहा गया है।

पुलिस की कहानी में मिला झोल : पुलिस ने जो चार्जशीट तैयार की है, उसमें तहरीर के आधार घटनास्थल पर चार से पांच लोगों की मौजूदगी का जिक्र किया गया था, लेकिन जो चार्जशीट दाखिल की गई, उनमें घटनास्थल पर मौजूद किसी भी प्रत्यक्षदर्शी के बयान नहीं लिए गए। वहीं यह भी सवाल उठाया गया कि अगर दो दोस्त हमउम्र है, तो जींस और अंडरवियर पहनने के बाद भी कंप्रेशर का पाइप गुप्त अंग में कैसे प्रवेश कर गया। इन दो महत्वपूर्ण सवालों का जवाब पुलिस ने चार्जशीट में क्यों नहीं दिए हैं, यह बात भी पूरी विवेचना में सवाल खड़े करती है।

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