बच्चों की याददाश्त बढ़ाएगा ये आसन, जानिए क्या है करने का तरीका
भ्रामरी आसन करने के दौरान भौंरे जैसी आवाज का प्रतिध्वनिक प्रभाव दिमाग और तंत्रिका तंत्र पर असर करता है। नियमित रूप से इसका अभ्यास करने पर कई तरह के फायदे होते हैं। इससे पढ़ाई में मन लगेगा और याददाश्त भी मजबूत होगी।
By Narendra KumarEdited By: Updated: Tue, 15 Dec 2020 03:55 PM (IST)
मुरादाबाद, जेएनएन। Child health care। कोरोना काल में वीडियो क्लास की वजह से बच्चों का जहन भटक रहा है। पढ़ाई में उनका मन नहीं लग रहा है। इसके लिए बच्चों को भ्रामरी आसन कराया जाए तो उनका पढ़ाई में मन भी लगेगा और याददाश्त भी मजबूत होगी।
भ्रामरी आसन करने के दौरान भौंरे जैसी आवाज का प्रतिध्वनिक प्रभाव दिमाग और तंत्रिका तंत्र पर असर करता है। शांतिकारक अभ्यास से तनाव जैसे विकारों को दूर किया जा सकता है। ये एकाग्रता और ध्यान की आरंभिक अवस्था में उपयोगी है। योग प्रशिक्षक अमित गर्ग ने बताया कि सबसे पहले किसी भी ध्यानात्मक आसन में आंखें बंद करके बैठ जाएं। नाक से लंबी और गहर सांस खींचें। नियंत्रित ढंग से सांस को धीरे-धीरे बाहर छोड़ें। सांस छोड़ते समय भौरे जैसी आवाज निकालें। इस तरह भ्रामरी प्राणायाम का एक चक्र पूरा होता है। इसे दो से तीन बार दोहराएं। बड़ों के साथ ही इस आसन को बच्चों को कराने से उनकी याददाश्त ठीक होगी। इसके साथ ही बच्चों के खानपान का भी विशेष ध्यान रखना है। पौष्टिक आहार दें। जंक फूड खिलाने से परहेज करें। आसन करने के बाद अगर बच्चा खेल खेलना चाहता है तो उसे क्रिकेट, हॉकी या अन्य खेल खेलने दें। इससे उसके दिमाग को फायदा पहुंचेगा। बच्चे को डांटने के बजाय प्यार से समझाएं। बार-बार टोंकने से उसके मानसिक विकास पर असर पड़ेगा।
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।