UP Summer Vacation: स्कूलों की लापरवाही से बच्चों का हुआ बुरा हाल, गर्मी से झुलस रही त्वचा; ग्रीष्मावकाश कब?
बढ़ती गर्मी से नौनिहाल बेहाल हैं। अफसरों के अव्यवहारिक निर्देशों के कारण बच्चों को भरी दोपहरी में घर लौटना पड़ रहा है। बच्चों को स्कूल पहुंचाने और वापस ले जाने में उनके मम्मी-पापा और दादा भी बेहाल हो रहे हैं। सिविल लाइंस स्थित टिनी टाट्स स्कूल में दोपहर को छुट्टी हुई तो कक्षा दो में पढ़ने वाले एक छात्र ने मां से कहा कि बहुत गर्मी लग रही है।
जागरण संवाददाता, मुरादाबाद। बढ़ती गर्मी से नौनिहाल बेहाल हैं। अफसरों के अव्यवहारिक निर्देशों के कारण बच्चों को भरी दोपहरी में घर लौटना पड़ रहा है। बच्चों को स्कूल पहुंचाने और वापस ले जाने में उनके मम्मी-पापा और दादा भी बेहाल हो रहे हैं। सिविल लाइंस स्थित टिनी टाट्स स्कूल में दोपहर को छुट्टी हुई तो कक्षा दो में पढ़ने वाले एक छात्र ने मां से कहा कि बहुत गर्मी लग रही है। जूस या ठंडा पीने का मन है।
मंगलवार दोपहर 1:30 बजे सिविल लाइंस स्थित एक विद्यालय में अपने बच्चे को लेने पहुंचीं महिमा तेज धूप से परेशान दिखीं। उनका बेटा नीलेश भी तेज धूप से परेशान दिखा। मौसम के बदलने से बच्चों के साथ ही स्कूल आने-जाने वाले अभिभावकों को भी परेशान होना पड़ रहा है। लगभग सभी स्कूलों की छुट्टी दोपहर में हो रही है।दिल्ली रोड स्थित आर्यंस इंटरनेशनल स्कूल से अपने बच्चे को लेने पहुंचीं निहारिका ने धूप से बचने के लिए चेहरे और सिर को स्टाल से ढक रखा था। स्कूटी से उन्होंने बच्चे की कैप निकाली और स्कूल के अंदर चली गईं। थोड़ी देर बाद वह स्कूल से बेटे को लेकर निकलीं तो उसके सिर पर कैप थी। स्कूटी के पास आते ही उसे गमछे से ढक दिया। पूछने पर बताया कि अगर गमछे से न ढकें तो धूप लगने से बेटे की तबीयत खराब हो जाएगी।
आटो व रिक्शा से जाने वाले बच्चे अधिक परेशान
सभी स्कूलों की छुट्टी का समय लगभग एक ही है। ऐसे में छुट्टी होने के बाद सड़कें जाम हो जा रही हैं। तेज धूप में जाम में फंसने पर लोगों की परेशान और बढ़ जा रही है। मंगलवार को स्कूल से बेटे को लेकर लौट रहे नीरज सिसौदिया पुराने रोडवेज पर जाम में फंस गए, पूछने पर बताया कि चिलचिलाती धूप में जाम कोढ़ में खाज का काम कर रहा है। प्रशासन शायद कभी इसे लेकर गंभीर हो।
झुलस रही बच्चों की त्वचा
हाफ शर्ट और हाफ पेंट ड्रेस होने के कारण धूप सीधी शरीर पर पड़ती है इस कारण त्वचा झुलस जाती है। अधिकांश विद्यालय साढ़े बारह बजे से दो बजे के बीच बंद हो रहे हैं। आसमान से बरस रही आग को झेल कर जब बच्चे घर आते हैं तो पूरी तरह पस्त दिखते हैं। सिर ढका न होने के कारण धूप सीधी पड़ती है। इस कारण बच्चे बीमार हो रहे हैं। अस्पतालों में भी डायरिया, उल्टी,दस्त के मरीज बढ़ गए हैं।परीक्षाओं का हवाला दे रहे स्कूल
ग्रीष्मावकाश घोषित न करने को स्कूल प्रबंधन परीक्षाओं का हवाला दे रहे हैं। अधिकांश स्कूलों में परीक्षाएं चल रही हैं। उधर, तपती दोपहरी में कक्षा में बैठकर परीक्षा देना छात्र-छात्राओं के लिए चुनौतीपूर्ण है। छुट्टियाें को लेकर प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन ने भी चुप्पी साध ली है।
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।गर्म हवा के थपेड़ों से चेहरे हो रहे लाल
दोपहर को छुट्टी होने के समय जब सिविल लाइंस और दिल्ली रोड स्थित स्कूलों से बच्चे बाहर निकले तो गर्म हवा के थपेड़ों से उनके चेहरे लाल थे। आटो-रिक्शा का इंतजार करते बच्चों के चेहरे से पसीना बह रहा था।निजी स्कूलों में इस प्रकार से निर्धारित था ग्रीष्मावकाश
आरआरके स्कूल की प्रधानाचार्य वंदना छाबड़ा ने बताया कि कक्षा नौ तक के विद्यार्थियों का ग्रीष्मावकाश 21 मई से है, वहीं 10वीं, 11वीं और 12वीं के विद्यार्थियों की अतिरिक्त कक्षाएं 31 मई तक संचालित होनी हैं। आरएसडी स्कूल की निदेशक डा. जी कुमार के अनुसार कक्षा नौ से बारहवीं तक के बच्चों की छुट्टियां अगले सप्ताह से कराने की तैयारी है। गांधी नगर पब्लिक स्कूल की प्रधानाचार्य शशि शर्मा ने बताया कि 22 मई से कक्षा छठी तक के बच्चों का ग्रीष्मावकाश घोषित है। आगे की कक्षाओं के लिए प्रबंधन रुपरेखा बना रहा है। आर्यंस इंटरनेशनल स्कूल के प्रधानाचार्य डा. हेमंत कुमार झा का कहना है कि डीआइओएस की ओर से निर्देश प्राप्त होते ही अवकाश घोषित कर दिया जाएगा। स्कूल में हर बच्चे को गर्मी की छुट्टियों का ही इंतजार होता है। नानी के घर जाने और अपनी मनपसंद गतिविधि सीखने के लिए बच्चे ही नहीं उनके अभिभावक भी गर्मियों का इंतजार सालभर करते हैं। अगर ऐसा ही होता रहा तो बच्चे अपना बचपन ही खो देंगे।गरमी में बच्चों का रखे ध्यान
- पानी ज्यादा पिलाएं
- कपड़े पूरे पहना कर ही धूप में जाने दें
- गर्मी से बचाव करें
- सिर को ढक कर ही धूप में बच्चों को जानें दें
- खाने-पीने पर ध्यान दें